Ambedkar Death Anniversary 2023: डॉ भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि आज, जानें उनके जीवन की मुख्य बातें
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Ambedkar Death Anniversary 2023: डॉ भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि आज, जानें उनके जीवन की मुख्य बातें

Ambedkar Death Anniversary 2023: आज यानि 06 दिसंबर को डॉ भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि है. उन्होंने दलित जाति के लिए काफी काम किया. आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ मुख्य बातें.

 

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Ambedkar Death Anniversary 2023: डॉ भीमराव अंबेडकर को  बाबा साहेब, भीमराव या फिर अंबेडकर के नाम से जाना जाता है. वे एक बहुत बड़े अर्थशास्त्री, न्यायविद, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता थे. उन्होंने दलितों के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए है. वे समाज में पल रहे भेदभाव को रोकना चाहते थे. जिसके लिए समाज में अछूतों को लेकर हो रहे भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था. आज यानि 06 दिसंबर को डॉ भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि है.  इस मौके पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें.

कब हुआ था भीमराव अंबेडकर का जन्म
भीमराव अंबेडकर का जन्म का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ. भीमाबाई सकपाल और रामजी की 14वीं संतान थे. उन्होंने अपना उपनाम सकपाल से बदलकर 'अंबेडकर' रखा था.

जानें उनके जीवन से जुड़ी दिलचस्प बातें-
बाबा साहेब अंबेडकर ने बचपन में कई जातिगत भेदभाव को देखा और इसे अनुभव किया. उनके पिता भारतीय सेना से सेवानिवृत्ति होकर महाराष्ट्र के सतारा आकर बस गए. जिसेक बाद उन्होंने अपने बेटे अंबेडकर का दाखिला यहीं एक स्थानीय स्कूल में कराया गया. लेकिन अंबेडकर जी को हमेशा अछूत जाति कहकर स्कूल के एक कोने में बिठाया जाता था. इतना ही नहीं टीचर में उनकी कॉपी  यहां तक कि नहीं छूते थे. लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. उन्होंने आगे की पढ़ाई अमेरिका से की.  उन्होंने लंदन जाकर अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान का अध्ययन कर बैरिस्टर बने.

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15 साल के उम्र में हुई शादी
अप्रैल 1906 में जब भीमराव लगभग 15 वर्ष आयु के थे तब नौ साल की लड़की रमाबाई से उनकी शादी कराई गई थी. तब वे पांचवी कक्षा पढ़ रहे थे.  पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अंबेडकर को अपने मंत्रिमंडल में कानून मंत्री के रूप में शामिल किया था. इसके बाद अंबेडकर ने भारत के लोगों के सामने मसौदा संविधान प्रस्तुत किया, जिसे 26 नवंबर, 1949 को लागू किया गया. अंबेडकर ने बौद्ध धर्म पर एक किताब ‘बुद्ध और उनका धर्म’ लिखी. किताब लिखने के बाद उन्होंने 14 अक्टूबर, 1956 को बौद्ध धर्म को अपना लिया था.

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