IAS Pratishtha Mamgain: छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने के लिए भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार लगातार काम कर रही है, गृहमंत्री अमित शाह खुद इसकी जानकारी हासिल कर रहे हैं, इसी बीच नक्सल प्रभावित जिले नारायणपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है. बता दें कि जिले की की कमान अब प्रतिष्ठा ममगाईं को सौंपी गई है. प्रतिष्ठा ममगाईं जिले की 16 वीं कलेक्टर बनीं हैं, ये 2018 बैच की IAS अधिकारी हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में.
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले को नक्सल प्रभावित जिले के रूप में जाना जाता है, इस जिले में अक्सर नक्सलियों की गतिविधियों को देखा जाता है, इससे निजात पाने के लिए सरकार तमाम कई तरह के अभियान चला रही है.
नारायणपुर में अक्सर नक्सली गतिविधियां देखी जाती है, दिसंबर के दूसरे सप्ताह में नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में सात नक्सलियों को मार गिराया था. बता दें कि अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ हुई थी.
जिले को नक्सल मुक्त बनाने के लिए अब कमान महिला कलेक्टर के हाथ में सौंप दी गई है. बता दें कि प्रतिष्ठा ममगाईं, जिले की 16 वीं कलेक्टर बनीं हैं, कमान लेते ही कलेक्ट्रेट कार्यालय के विभागों का निरीक्षण किया.
वे मूलत: दिल्ली की रहने वाली हैं. उनकी स्कूलिंग और कॉलेज की पढ़ाई वहीं से हुई है. पहले प्रयास में ही ये IAS अधिकारी बन गईं थी और यूपीएएसी में इन्हें 50वीं रैक हासिल हुई थी.
प्रतिष्ठा ममगाईं का जन्म 13 अगस्त 1995 में हुआ था. मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि 9वीं क्लास के बाद से ही इन्होंने IAS बनने का सपना देखा था, जिसके बाद इन्होंने अपने सपने को साकार किया.
प्रतिष्ठा पहले आंध्र प्रदेश कैडर की IAS थीं, लेकिन मैरिज के आधार पर उन्होंने अपना कैडर चेंज करवा दिया, जिसके बाद अब उन्हें छत्तीसगढ़ की कमान मिली है.
प्रतिष्ठा दूसरे कैंडिडेट्स को यही सलाह देती हैं कि सबसे पहले यूपीएससी सीएसई परीक्षा के सिलेबस का ठीक से पता लगाएं और फिर उसी के अनुसार लिमिटेड स्टडी मैटीरियल इकट्ठा करें. किताबें सीमित रखें वरना कोर्स खत्म नहीं कर पाएंगे.
मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि प्रतिष्ठा ने ग्रेजुएशन के विषयों को भी बहुत अच्छे से तैयार किया था. एक लंबे समय से न्यूज पेपर पढ़ना शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से उन्हें करेंट अफेयर्स में कोई दिक्कत नहीं आई.
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