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Shani Gochar: 10 सालों तक इन राशियों पर रहेगी शनि की नजर, साढ़ेसाती का रहेगा प्रभाव

Shani Rashifal: कर्मों का फल दाता शनिदेव राशि परिवर्तन करने वाले सभी ग्रहों में सबसे धीमे हैं. जब किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव पड़ता है. तो उसे अपने जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पं. सच्चिदानंद त्रिपाठी ने बताया कि आने वाले 10 सालों में किन राशियों पर शनि की बुरी नजर रहेगी.

कर्मों के दाता शनिदेव

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कर्मों के दाता शनिदेव

कलियुग में शनि को न्यायाधीश माना गया है. शनि, जिसे कर्मों का फल दाता कहा जाता है. शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से राशि परिवर्तन करने वाला ग्रह है. शनि को 12 राशियों का एक चक्र पूरा करने में 30 वर्ष का समय लग जाता हैं. 

शनि का प्रभाव

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शनि का प्रभाव

जब किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव होता है तो उसे जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. शनिदेव 2023 से कुंभ राशि में विराजमान हैं. जो अगले वर्ष गोचर करेंगे. 

साढ़ेसाती

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साढ़ेसाती

साल 2025 में शनि देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे. शनि के गोचर करते ही मेष राशि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा. दूसरा चरण मीन राशि वालों के लिए और अंतिम चरण कुंभ राशि वालों के लिए होगा.

प्रभाव

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प्रभाव

शनि देव वर्ष 2025 में मीन राशि में गोचर करेंगे, जो वर्तमान में कुंभ राशि में स्थित है. 3 जून 2027 तक कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव रहने वाला है.

मेष राशि

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मेष राशि

शनि के मीन राशि में गोचर करते ही मेष राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी. जो 2032 तक रहने वाली है.

वृषभ, मिथुन राशि

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वृषभ, मिथुन राशि

वृषभ राशि वाले लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण 2027 में शुरू होगी. मिथुन राशि वाले लोगों पर शनि की साढ़ेसाती 8 अगस्त 2029 से शुरू होगी और अगस्त 2036 तक रहेगी.

इन राशियों पर रहेगी नजर

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इन राशियों पर रहेगी नजर

कर्क राशि के जातकों पर शनि का प्रकोप मई 2032 से शुरू होकर 22 अक्टूबर 2038 तक रहेगा. इसके साथ ही 2025 से 2038 के दौरान कुंभ, मीन, मेष, वृषभ, मिथुन और कर्क राशि के जातकों पर शनि की दृष्टि रहेगी.

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