Vasudeva Dwadashi: क्यों मनाई जाती है वासुदेव द्वादशी, जानें कथा और शुभ मुहूर्त; कृष्णजी जैसी होगा संतान
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Vasudeva Dwadashi: क्यों मनाई जाती है वासुदेव द्वादशी, जानें कथा और शुभ मुहूर्त; कृष्णजी जैसी होगा संतान

Vasudeva Dwadashi Story: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वासुदेव द्वादशी रूप में जाना जाता है. यह दिन चतुर माह की शुरुआत का प्रतीक होता है. आइए जानते हैं इसे मनाने के पीछे की कथा क्या है और इसकी शुभ मुहूर्त के बारे में.

Vasudeva Dwadashi: क्यों मनाई जाती है वासुदेव द्वादशी, जानें कथा और शुभ मुहूर्त; कृष्णजी जैसी होगा संतान

Vasudeva Dwadashi Shubha Muhurta And Story: आज पूरे देश में वासुदेव द्वादशी मनाई जा रही है. बड़ी संख्या में लोग इसका व्रत रख रहे हैं. मान्यता है कि पूरी श्रद्धा के साथ इस व्रत को करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही इसके कई प्रकार के और फल मिलते हैं. आइए विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं के आधार पर जानें की आखिर इसे व्रत को क्यों मनाया जाता है. इसके पीछे की कथा क्या है और इसके शुभ मुहूर्त के साथ पूजा विधी क्या है?

क्या है इस व्रत की कथा? (Vasudeva Dwadashi Story)
वसुदेव द्वादशी का व्रत देव शयनी एकादशी के 1 दिन बाद मनाया जाता है और ये भगवान कृष्ण को समर्पित है. धार्मिक कथा के अनुसार, इस व्रत का उपाय नारद मुनी ने वासुदेव और देवकी को बताया था. भगवान वासुदेव और माता देवकी ने आषाढ़ मास के शुक्ल की द्वादशी तिथि को ही व्रत रखा था. जिसके बाद उन्हें श्री कृष्ण के रूप में संतान की प्राप्ति हुई. तभी से संतान प्राप्ती के लिए इस व्रत को रखा जाने लगा.

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वासुदेव द्वादशी पूजा विधि क्या है? (Vasudeva Dwadashi Puja Vidhi)
- सबसे पहले स्नान कर के साफ कपड़े पहनें
- हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें
- भगवान वासुदेव और माता देवकी की प्रतिमा की पूजा करें
- प्रतिमा को फल-फूल अर्पित कर दिया जलाएं

वासुदेव द्वादशी शुभ मुहूर्त (Vasudeva Dwadashi Shubha Muhurta)
आज के पंचांग के अनुसार वासुदेव द्वादशी का शुभ मुहूर्त 30 जून को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा जो 1 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 17 मिनट तक चलेगा. इस दौरान लोगों को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्रत और पूजन करना चाहिए.

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डिसक्लेमर (disclaimer): वासुदेव द्वादशी (Vasudeva Dwadashi) के संबंध में यहां दी गई जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/मीडिया रिपोर्ट के आधार पर दी गई है. हमारा उद्देश्य सिर्फ आपतक सूचना पहुंचाना है. इस संबंध में आप धर्म के जानकारी से ज्यादा जानकारी ले सकते हैं.

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