सावन के आखिरी सोमवार को रायसेन के सोमेश्वर धाम शिव मंदिर में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पहुंची. यहां उन्होंने इशारों में ही एक बार फिर शिवराज सरकार पर हमला बोला है.
Trending Photos
रायसेन: सावन के आखिरी सोमवार को रायसेन के सोमेश्वर धाम शिव मंदिर में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पहुंची. यहां उन्होंने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर हमला बोला है. रायसेन आई उमा भारती का कहना हैं कि जैसे शेरशाह सूरी से राजा पूरनमल से हार गया था, उसी तरह हर बार मैं भी हार जाती हूं. जैसे खजुराहो में छूट मिली हुई है, ऐसे ही सरकार चाहे तो इस शिव मंदिर के ताले खोल सकती है. लेकिन में भी हार नहीं मानूंगी और हर बार जल लेकर आती रहूंगी.
उमा भारती ने आगे कहा कि क्योंकि मैं मर्यादा से बंधी हुई हूं और गंगा मैया निराश लौट जाती हूं. पहले भी गंगा मैया रख गई थी, आज सावन मास का आखिरी सोमवार है. आज भी मैने सब जगह बात की, किसी का नाम नहीं लूंगी. मैंने कहा भी कि आप बोलेगे तो ताला खुल जाएगा, लेकिन अब तो ताला बंद कर दिया, हम ऊपर नहीं जा पाएं. इससे लगता है अब भी शेरशाह सूरी आज भी प्रभाव शाली बना हुआ. अब गंगा मैया से ही प्रार्थना करती हूं कि वही कोई रास्ता निकालें.
पुरातत्व विभाग के अधीन किला
बता दें कि पुरातत्व विभाग के अधीन रायसेन के ऐतिहासिक किले स्थित शिव मंदिर पर गंगा जल चढ़ाने आई उमा भारती आखिर जल नहीं चढ़ा सकीं. जिसके बाद उनका दर्द एक बार फिर छलक उठा. किले की पहाड़ी पर स्थित सोमेश्वर धाम के ताले खुलवाने का संकल्प लेने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सावन के आखिरी सोमवार को गंगाजल लेकर फिर रायसेन पहुंची थी. वे किले के मुख्य गेट पर शाम सात बजे पहुंची, लेकिन उन्हें किले के इसी गेट पर गंगाजल का कलश रखकर वापस लौटना पड़ा.
करीब 20 मिनट तक रुकी रही
उमा भारती इसके ताले खुलवाने केंद्र सरकार को पत्र भी लिख चुकी हैं. केंद्रीय पुरातत्व विभाग का नियम है, कि सूर्य अस्त होने के बाद स्मारकों को बंद कर दिया जाता है. ऐसी स्थिति में किले पहुंचने वाले गेट पर ताला लगा होने से वह रात होने के कारण नहीं खुल सका. वे यहां पर करीब बीस मिनट तक रुकी रही और प्रशासिनक व जन प्रतिनिधियों के साथ किले पर हुए जौहर को लेकर चर्चा करती नजर आई.
रिपोर्ट- राज किशोर सोनी