Padma Awards: MP की 4 हस्तियों को मिला पद्म अवॉर्ड, जानें कौन हैं जोधइया बाई, डॉ डावर, रमेश परमार और शांति परमार
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Padma Awards: MP की 4 हस्तियों को मिला पद्म अवॉर्ड, जानें कौन हैं जोधइया बाई, डॉ डावर, रमेश परमार और शांति परमार

Padma shri award mp : पद्म श्री पुरूस्कार की घोषणा के बाद एमपी राज्य (Mp state) में खुशी का माहौल है. आपको बता दें की राज्य के चार लोगों का नाम इस आवार्ड (Padma award mp) के लिए घोषित किया गया है. 

Padma Awards: MP की 4 हस्तियों को मिला पद्म अवॉर्ड, जानें कौन हैं जोधइया बाई, डॉ डावर, रमेश परमार और शांति परमार

Padma Shri Award India: गणतंत्र दिवस (Republic day) की पूर्व संध्या पर हुई पद्मश्री पुरूस्कारों (Padma shri award) की घोषणा में इस बार एमपी राज्य (Madhya Pradesh State) के चार लोगों को पुरूस्कार से नवाजे जाने की घोषणा हुई है. आपको बता दें कि ये पुरूस्कार कला (Art) और स्वास्थ्य (Health) के क्षेत्र में अच्छा योगदान करने वाले लोगों को दिया जाएगा. इसके अलावा आपको बता दें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कई और लोगों के नाम की घोषणा पुरूस्कार देने के लिए की गई है.

स्वास्थ्य के क्षेत्र में 
एमपी राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जबलपुर के मुनेश्वर चंद्र डावर को यह पुरूस्कार मिला के आपको बता दें कि डावर कम शुल्क पर सस्ती सेवाएं दे रहे है. जिन्हें चिकित्सा सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. जिसे लेकर उनके परिवार के लोग बेहद खुश हैं. सम्मान मिलने पर मुनेश्वर चंद्र डाबर ने कहा कि इस तरह के सम्मान से काम करने का मोटीवेशन मिलता है यह सम्मान काफी ज्यादा उत्साहवर्धक है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि 1972 से स्वास्थ्य सेवाएं देना शुरू किया था उस समय 2 रूपए फीस लेता था. 1986 से 3 रुपए बतौर फीस लिया. 25 साल की प्रैक्टिस के बाद 1997 में 5 रुपए फस लेना शुरू किया. 2012 में फीस बढ़ाकर 10 और 2022 में फीस 20 लेना शुरू किया है. उनके इस नेक कार्य की वजह से उन्हे पद्मश्री पुरूस्कार मिला है.

कला के क्षेत्र में 
कला के क्षेत्र झाबुआ के दंपती रमेश-शांति परमार को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है. आपको बता दें कि दोनों 30 वर्षों से आदिवासी गुड़िया बना रहे हैं. शांति बताती हैं कि जनजातीय परियोजना के तहत आदिवासी गुड़िया बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता था इसके बाद ससुर और अन्य स्वजन के सहयोग से उन्होंने यह विधा सीखी. बाद में यही विधा परिवार की आजीविका का साधन बन गई. अपनी कला को निखारने और उसे लगातार आगे बढ़ाने में ही पति-पत्नी लगे हुए थे. इसी बीच रमेश का कहना हैं कि उन्हें सरकारी विभागों से मोबाइल पर पद्मश्री मिलने की सूचना मिली है जिसके बाद परिवार में काफी खुशी का माहौल है. इसके अलावा आपको बता दें कि उमरिया जिले की रहने वाली 83 वर्षीय जोधईया बाई को केंद्र सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए कला के क्षेत्र में पद्मश्री पुरूस्कार के लिए नामांकित किया है. 

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