MP Election: सिंधिया-तोमर की गलियों से होकर जाती है एमपी में सरकार बनाने की राह,समझिए ग्वालियर-चंबल ने 2018 में कैसे पलट दी थी बाजी
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MP Election: सिंधिया-तोमर की गलियों से होकर जाती है एमपी में सरकार बनाने की राह,समझिए ग्वालियर-चंबल ने 2018 में कैसे पलट दी थी बाजी

MP Vidhasabha Chunav 2023: प्रदेश के पिछले कुछ चुनाव के आकड़ों को देखें तो ऐसा पता चलता है कि ग्वालियर व चंबल क्षेत्र से जिसको जनता ने ज्यादा सीटें दी है, उसकी सरकार मध्यप्रदेश में बनी है.

MP Vidha Sabha Chunav 2023 Politics of Chambal-Gwalior

MP Vidha Sabha Chunav 2023 Politics of Chambal-Gwalior: मध्यप्रदेश में साल के अंत में विधानसभा के चुनाव (Assembly elections in Madhya Pradesh)  होने वाले हैं और चुनाव के चलते भाजपा व कांग्रेस पूरी तैयारियों में जुटी हुई हैं.मध्यप्रदेश के ग्वालियर व चंबल संभाग में दोनों पार्टियां पूरी ताकत लगा रही हैं और सभी लोगों की नजर इस क्षेत्र पर है क्योंकि इस क्षेत्र से नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा जैसे कई बड़े नेता इस क्षेत्र से आते हैं. ये सभी बड़े नेता भाजपा पार्टी से हैं.साथ ही इस क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता गोविंद सिंह हैं,जो इस समय विधानसभा नेता प्रतिपक्ष हैं. बता दें कि पिछले कुछ चुनावों के आकड़ों से हम समझ सकते हैं कि ग्वालियर व चंबल क्षेत्र से जिसको जनता ने ज्यादा सीटें दी हैं, उसकी सरकार मध्यप्रदेश में बन गई है तो आइए आंकड़ों से समझते हैं कैसी है ग्वालियर-चंबल अंचल की राजनीति?

बता दें कि मध्यप्रदेश का ग्वालियर व चंबल संभाग एक बड़ा क्षेत्र है. इस क्षेत्र में राज्य की 34 विधानसभा सीटें और 4 लोकसभा सीटें आती हैं. ये क्षेत्र राजनीति में सिंधिया का गढ़ माना जाता है. पिछले कुछ चुनावों की बात करें तो इस क्षेत्र ने जिस भी पार्टी की ज्यादा सीटें आई हैं. उसकी राज्य में सरकार बनी है.साथ में इस क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी का भी वोट बैंक है. पिछले चुनावों में उसके कुछ विधायक विधानसभा पहुंचे हैं क्योंकि इस क्षेत्र में कई सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं.इससे साबित होता है यहां पर इस समाज के लोग हैं.इसीलिए चुनाव कोई भी हो कोई भी दल बसपा को हल्के में नहीं लेता है.

ये हैं ग्वालियर-चंबल संभाग की विधानसभा सीटें
श्योपुर जिला: श्योपुर और विजयपुर
मुरैना जिला: सबलगढ़, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी और अंबाह (एससी)
भिंड जिला: अटेर, भिंड, लहार, मेहगांव और गोहद (एससी),
ग्वालियर जिला: ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण, भितरवार, डबरा (अ.जा.)
दतिया जिला: सेवड़ा, भांडेर (एससी) और दतिया
शिवपुरी जिला: करेरा (एससी), पोहारी, शिवपुरी, पिछौर और कोलारस
गुना जिला: बमोरी, गुना (एससी), चचौरा और राघोगढ़
अशकोनगर जिला: अशोक नगर (एससी), चंदेरी और मुंगावली

विधानसभा चुनाव 2018
2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 34 सीटों में से कांग्रेस को 26 और बीजेपी को सिर्फ 7 सीटों से संतोष करना पड़ा था.जबकि बसपा को एक सीट मिली थी.इस वजह से कांग्रेस ने राज्य में अपनी सरकार बनाई थी. हालांकि 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ इसी अंचल के कई विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए.जिसके बाद कमलनाथ की सरकार गिर गई थी.जिसके बाद राज्य में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होते है. उसमें भाजपा को 19 सीटे मिलती हैं. वहीं कांग्रेस को 9 सीट मिल पाती है. उपचुनाव के बाद इस अंचल में बीजेपी और कांग्रेस के पास 17- 17 विधायक हैं.

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2018 विधानसभा चुनाव
श्योपुर (2)-    1 कांग्रेस, 1 भाजपा
मुरैना (6)         6 कांग्रेस
भिंड (5)-         3 कांग्रेस, 1 भाजपा, 1 बीएसपी( संजीव सिंह)
ग्वालियर (6)-   5 कांग्रेस, 1 भाजपा
दतिया (3)-      2 कांग्रेस, 1 भाजपा
शिवपुरी (5)-      3 कांग्रेस , 2 भाजपा
गुना (4) -           3 कांग्रेस, 1 भाजपा
अशोकनगर (3)-    3 कांग्रेस

विधानसभा चुनाव 2013
मध्य प्रदेश के 2013 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस विधानसभा चुनाव में यहां पर बीजेपी को 21 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस के 11 विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.इसके अलावा 2 सीटें बसपा के खाते में भी आईं थीं.गौरतलब है कि 2013 में बीजेपी की सरकार बनी थी और इन चुनावी आंकड़ों में भी बीजेपी इस इलाके में सबसे बड़ी पार्टी थी.

श्योपुर  (2) - 1 भाजपा ,1 कांग्रेस ( श्योपुर सीट पर दूसरी बड़ी पार्टी बीएसपी)

मुरैना  (6)  -  4 भाजपा , 2 बीएसपी (सुमावली, मुरैना सीट पर दूसरी बड़ी पार्टी बीएसपी)
भिंड  (6)   -    3 भाजपा, 2 कांग्रेस  ( भिंड सीट पर दूसरी बड़ी पार्टी बीएसपी)
ग्वालियर (7)-  4 भाजपा , 2 कांग्रेस 
दतिया  (3)-   3 भाजपा 
शिवपुरी  (5) -  3 भाजपा, 2 कांग्रेस 
गुना  (4)  - 2 भाजपा , 2 कांग्रेस
अशोक नगर 3  - 1 भाजपा , 2 कांग्रेस

टोटल-    34 ,      भाजपा -21 सीट , कांग्रेस- 11 सीट, बीएसपी -2

विधानसभा चुनाव 2008
2008 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो यहां बीजेपी ने 18 विधायक चुनाव जीते और बीजेपी इस क्षेत्र में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी.जबकि कांग्रेस को 13 सीटों पर संतोष करना पड़ा था.इसके अलावा बसपा ने भी 3 सीटों पर अपनी उपस्थिती दर्ज कराई थी.उल्लेखनीय है कि 2008 में भी प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी.

श्योपुर  (2)-2 सीट कांग्रेस
मुरैना  (6)- 2 कांग्रेस, 2 भाजपा, 2 बीएसपी
भिंड  (5)- 3 कांग्रेस , 2 भाजपा
ग्वालियर  (6)-3 कांग्रेस, 2 भाजपा ,1 बीएसपी
दतिया  (3)-3 भाजपा
शिवपुरी  (5) -1 कांग्रेस   4 भाजपा
गुना  (4) -2 कांग्रेस , 2 भाजपा
अशोक नगर  (3) - 3 भाजपा

टोटल 34, कांग्रेस 13, भाजपा 18, बीएसपी 3

विधानसभा चुनाव 2003
2003 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस क्षेत्र में बीजेपी को 23 सीटें मिली थीं, जबकि इस चुनाव में कांग्रेस को 9 सीटों से संतोष करना पड़ा था. बसपा का भी एक विधायक विधानसभा पहुंचा था. इसके अलावा राष्ट्रीय समता दल को एक सीट मिली थी.आपको बता दें कि बीजेपी ने 2003 में इस क्षेत्र से 23 सीटें हासिल कर राज्य में अपनी सरकार बनाई थी और उस समय सीएम दिग्विजय सिंह भी इसी क्षेत्र से चुनाव लड़े थे, लेकिन उनकी सरकार चली गई थी.

विधानसभा चुनाव 2003

श्योपुर  -1 कांग्रेस, 1 भाजपा
मुरैना   -1 कांग्रेस, 5 भाजपा 
भिंड  - 2 कांग्रेस , 3 भाजपा, 1 स्वतंत्र
ग्वालियर - 7 भाजपा 
दतिया  -1 कांग्रेस , 2 भाजपा      
शिवपुरी -1 कांग्रेस , 2 भाजपा, 1 बीएसपी, 1 राष्ट्रीय समता दल
गुना   -2 कांग्रेस , 2 भाजपा
अशोक नगर  - 2 भाजपा

टोटल 34, कांग्रेस 13, भाजपा 18, बीएसपी 3

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