MP Politics: बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं पर दिग्विजय सिंह ने कही ये बात, होने लगी चर्चा
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MP Politics: बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं पर दिग्विजय सिंह ने कही ये बात, होने लगी चर्चा

Digvijaya Singh News: मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेश पचौरी समेत कुछ नेताओं ने शनिवार को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली. इस पर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही हैं. दिग्विजय सिंह ने भी बड़ी बात कही है.

MP Politics: बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं पर दिग्विजय सिंह ने कही ये बात, होने लगी चर्चा

Digvijaya Singh News: मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने शनिवार को बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके साथ ही इंदौर की विधानसभा-1 से पूर्व विधायक संजय शुक्ला और देपालपुर से पूर्व विधायक विशाल पटेल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. इन नेताओं के कांग्रेस छोड़ने पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया आई है. दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पचौरी के लिए भावुक पोस्ट लिखकर पूछा कि भला 50 साल का रिश्ता भी कोई यूं तोड़ता है?

क्या कहा दिग्विजय सिंह ने ?
सुरेश पचौरी के कांग्रेस छोड़ने पर दिग्विजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया X पर लिखा कि सुरेश, भला 50 साल का रिश्ता भी कोई यूं तोड़ता है? आपको तो संघर्ष के दिनों में संबल बनकर साथ खड़ा होना था. क्या धर्म यह नहीं सिखाता कि अपनों के सुख-दुख में साथ रहें? राम मंदिर #RamMandir में आस्था उचित है लेकिन राम की मर्यादा को क्यों भूल गए? सच का साथ देने के लिए संघर्ष के पथ पर निःस्वार्थ चलने की सीख ही राम के प्रति सच्ची आस्था होती. बाक़ी सब स्वार्थ है.

गांधी-नेहरू परिवार को किया याद
इसके आगे दिग्विजय सिंह ने लिखा कि जिस नेहरू गांधी परिवार की बदौलत आपने समाज में नाम और सम्मान कमाया, उसे बेगाना कर गए. वह भी उनके लिए जिनके खिलाफ हम सब ने सारी लड़ाई लड़ी. अब बीजेपी कह रही है कि आप उनके ही थे और घर वापस लौट रहे हैं.  ख़ैर आप जो भी करें. मगर राम के नाम पर न करें. यह राम की सीख तो नहीं है.

पूर्व विधायकों पर कही ये बात
वहीं इंदौर शहर के दो पूर्व कांग्रेसी विधायकों के भाजपा में शामिल होने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि दोनों विधायकों को छापों का डर दिखाकर भाजपा में जबरन शामिल कराया गया है. शुक्ला और पटेल को लेकर कहा कि उनकी जमीन, कॉलोनी, बिल्डिंग और कई धंधे हैं, इसी बात का उन्हें डर था, इसलिए गए. उन्होंने सुरेश पचौरी पर भी आरोप लगाए और कहा कि वे जनता के बीच कब गए जरा यह भी बताएं.

भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने पर पूर्व विधायक संजय शुक्ला द्वारा राम मंदिर के निर्माण के आमंत्रण को ठुकराए जाने के बयान पर उन्होंने कहा कि संविधान का जो मूल आधार है, इसे देखते हुए मुझे नहीं लगता कि कोई विचारधारा की बात पर संजय शुक्ला भाजपा में गए हैं. अगर विचारधारा की बात नहीं थी तो कांग्रेस में क्यों आए? कांग्रेस से चुनाव क्यों लड़े? भाजपा के खिलाफ क्यों लड़ाई लड़ी, यह सत्ता और कुर्सी की लड़ाई है. राजनीति का मेरे लिए तो महत्व नहीं है, जो विचारधारा का है. उन्होंने कहा कि मैं जब कांग्रेस में आया था सोच समझ कर आया था जनता कांग्रेस को चाहती थी, 1977 में भी लोग कहते थे की कांग्रेस हारेंगी लेकिन जीतकर कांग्रेस ने सरकार बनाई.

कांग्रेस पार्टी से वही नेता जा सकते हैं, जो विचारधारा में विश्वास नहीं रखते. कांग्रेस का जो जमीनी कार्यकर्ता है, वह आज भी कांग्रेस की विचारधारा मानता है. 

रिपोर्ट- प्रमोद शर्मा

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