Katni Vijayraghavgarh Vidhan Sabha Seat: कटनी जिले की विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट, जिसके विधायक संजय पाठक हैं, पाठक परिवार का गढ़ बनती जा रही है. खास बात ये है कि अगर एक मौका छोड़ दिया जाए तो पाठक परिवार ने 1993 से अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा है.
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Katni Vijayraghavgarh Vidhan Sabha Seat Analysis: मध्य प्रदेश के कटनी जिले की विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट की बात करें तो बीजेपी विधायक संजय पाठक ने इस सीट को पूरे देश में पहचान दिलाई. संजय पाठक की बात करें तो वह मध्य प्रदेश के सबसे अमीर विधायक हैं और इससे पहले वह 2016 से 2018 तक शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री भी थे. बता दें कि इस सीट से उप-चुनाव मिलाकर संजय पाठक ने लगातार चार चुनाव जीते हैं. वहीं, विजयराघवगढ़ का मुकाबला दिलचस्प हो सकता है क्योंकि पूर्व में संजय पाठक के पिता को चुनाव हराने वाले ध्रुव प्रताप सिंह भाजपा से कांग्रेस में आ गए हैं तो चलिए इस विधानसभा के सियासी आंकड़े और गणित को समझते हैं...
इस परिवार का है दबदबा
विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1967 में हुई थी. इन वर्षों में, इस सीट पर 7 कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों जीत हुई. वहीं जनता ने 5 बार भाजपा और एक बार जनता पार्टी के उम्मीदवारों को मौका दिया. खास बात ये है कि पाठक परिवार ने विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट पर राज किया है चाहे तमगा कांग्रेस का हो चाहे भाजपा का. बता दें कि अगर एक मौका छोड़ दें तो 1993 से इस सीट पर पाठक परिवार जीत हासिल कर रहा है. 1993 से 2003 तक सत्येन्द्र पाठक कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते. वह दिग्विजय सिंह की सरकार में मंत्री भी थे. जब मध्य प्रदेश में बदलाव हुआ तो विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट पर भी बदलाव हुआ और भाजपा के ध्रुव प्रताप सिंह यहां से सत्येन्द्र पाठक के सामने चुनाव जीत गये. इसके बाद 2009 में इस विधानसभा सीट पर सत्येन्द्र पाठक के बेटे संजय सत्येन्द्र पाठक की एंट्री हुई. तब से लेकर आज तक वह यहां हर चुनाव जीते हैं. खास बात यह है कि संजय पाठक ने पहले दो चुनाव कांग्रेस पार्टी के टिकट पर लड़े थे, फिर 2014 में वह बीजेपी में शामिल हो गए, उसके बाद 2014 का उपचुनाव और 2018 का विधानसभा चुनाव उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीता और वह चार बार से विधायक हैं.
मुकाबला हो सकता है दिलचस्प
बता दें कि 2023 में विजयराघवगढ़ का मुकाबला दिलचस्प हो गया है. यहां ध्रुव प्रताप सिंह की एंट्री हो गई है. ध्रुव प्रताप सिंह की बात करें तो वह पहले भारतीय जनता पार्टी में थे और जब वह भाजपा में थे तो उन्होंने वर्तमान विधायक संजय पाठक के पिता सत्येन्द्र पाठक को मात दी और अब वो कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं.
विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट पर पिछले कुछ चुनावों के नतीजे
2008 के चुनावों में, कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले संजय पाठक 22,801 वोटों के अंतर से विजयी हुए थे, उन्होंने भाजपा के ध्रुव प्रताप सिंह को हराया था. बता दें कि 2013 के चुनावों में यहां मुकाबला बेहद करीबी था और अंतर काफी कम हो गया था. संजय पाठक ने भाजपा की पद्मा शुक्ला से सिर्फ 929 वोटों के अंतर के साथ अपनी सीट बरकरार रखी थी. 2014 आते-आते संजय पाठक पंजा को छोड़, कमल का फूल पकड़ लेते हैं. जिससे यहां उपचुनाव होता है.
बता दें कि 2014 के उपचुनाव में संजय पाठक एक बार फिर बड़े अंतर से जीत हासिल करते हैं, वो कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रकाश मिश्रा उर्फ राजा भैया को 53 हजार 397 वोटों से मात देते हैं. इसके बाद पाठक को शिवराज सरकार में मंत्री भी बनाया जाता है. फिर 2018 के चुनावों में संजय सत्येन्द्र पाठक 13,738 वोटों के अंतर के साथ कांग्रेस की पद्मा शुक्ला को हराकर चौथी बार विधायक बनते हैं.
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विजयराघवगढ़ से विधायकों की सूची
1967 - एल. शंकर (INC)
1972 - रामरानी जौहर (INC)
1977 - लक्ष्मीचंद बाझल (जनता पार्टी)
1980 - आर.के. शर्मा (INC)
1985 - लाल राजेंद्र सिंह बघेत (BJP)
1990 - लाल राजेंद्र सिंह बघेत (BJP)
1993 - सत्येन्द्र पाठक (INC)
1998 - सत्येन्द्र पाठक (INC)
2003 - ध्रुव प्रताप सिंह (BJP)
2008 - संजय पाठक (INC)
2013 - संजय पाठक (INC)
2014 (उपचुनाव) - संजय पाठक (BJP)
2018 - संजय पाठक (BJP)