CM Dr. Mohan Yadav: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक साल के भीतर बड़े ही मझे हुए खिलाड़ी की तरह बड़े मोर्चे पर खुद को साबित किया है. चाहे वह लोकसभा चुनाव हो या हरियाणा-महाराष्ट्र में प्रचार की कमान. मोहन यादव जहां गए भाजपा को जीत मिलती गई.
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Achievements Of CM Mohan Yadav: 13 दिसंबर को डॉ मोहन यादव को मुख्यमंत्री के रूप में 1 साल पूरा होने जा रहा है. विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव का नाम चौंकाने वाला रहा था. किसी ने नहीं सोचा था कि एक बार के मंत्री और तीसरी बार के विधायक को मुख्यमंत्री के रूप में चुना जाएगा. फैसला केंद्रीय नेतृत्व का था. दिल्ली से नाम फाइनल हुआ था.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक साल के भीतर बड़े ही मझे हुए खिलाड़ी की तरह बड़े मोर्चों पर खुद को साबित किया. उन्होंने शासन के हर एक मोर्चे पर सटीक फैसलों के साथ विपक्ष को जवाब दिया. यही नहीं सीएम बनने के बाद डॉ मोहन यादव का कद भाजपा में भी काफी तेजी से बढ़ा. बीते एक साल में कई ऐसे मौके आए, जब सीएम मोहन यादव ने ना ही सिर्फ बढ़ चढ़कर पार्टी के कार्य में योगदान दिया, बल्कि कई मोर्चों पर पार्टी को सफलता भी दिलाई.
1. सीनियरों को साधना बड़ी चुनौती
मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव के सामने मध्य प्रदेश के सीनियर नेताओं को साधने की बड़ी चुनौती थी. सभी को लग रहा था कि सीनियरों की टोली में मोहन यादव शायद ही फिट हो पाएंगे. कई सीनियर नेता उनके मंत्रिमंडल में शामिल हुए. मोहन यादव ने एक साल में बिना किसी मनमुटाव और खींचतान के सरकार बखूबी चलाकर दिखाई. इस दौरान सीएम ने कई बड़े फैसले भी लिए.
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2. लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में बंपर जीत
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद बारी देश में लोकसभा चुनाव की थी. मध्य प्रदेश में 29 सीटों पर लोकसभा चुनाव होने थे. 28 सीटों पर पहले ही भाजपा का कब्जा था, लेकिन 1 सीट छिंदवाड़ा भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई थी. लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो सभी को चौंकाकर रख दिया. सीएम के नेतृत्व में राज्य में सभी 29 सीटों पर जीत मिली. कमलनाथ के गढ़ वाली छिंदवाड़ा सीट पर भी भापजा को बंपर जीत दिलाई.
3. उपचुनाव
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद उपचुनाव आ गया. छिंदवाड़ा सीट जीतने के एक महीने बाद ही भाजपा के सामने कमलनाथ के गढ़ में एक विधानसभा सीट जीतने की चुनौती थी. हालांकि, भाजपा ने इस बार यह सीट भी जीत ली. भाजपा ने इस सीट पर 16 साल बाद जीत दर्ज की. भाजपा में कांग्रेस से आए कमलेश शाह ने धीरन शाह को 3027 वोटों से हराया.
4. शाह के साथ पर्यवेक्षक
हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत मिलने के बाद अब नई सरकार के गठन के लिए बीजेपी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को हरियाणा भेजा था. भाजपा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मोहन यादव को हरियाणा का पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. दोनों को नायब सैनी को सीएम के रूप में चुनना था. यह पहला मौका था जब मोहन यादव को पहली बार किसी राज्य का पर्यवेक्षक बनाया गया था.
5. हरियाणा-महाराष्ट्र चुनाव प्रचार
भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को भी दी थी. नतीजा यह रहा कि मोहन यादव ने जिन 5 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया, उनमें से चार सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की. इसी तरह मोहन यादव ने महाराष्ट्र में महायुति के लिए भी कई सीटों पर चुनाव प्रचार किया. यहां भी भाजपा को बंपर सफलता मिली.
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