एमपी के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है, प्रदेश में फसलों के पंजीयन की तारीख सरकार की तरफ से बढ़ा दी गई है. खाद्य आपूर्ति विभाग की तरफ से सभी जिलों के कलेक्टरों को फसलों की पंजीयन की तारीख बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जो किसानों के लिए राहतभरी खबर मानी जा रही है.
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आकाश द्विवेदी/भोपाल। मध्य प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है, क्योंकि सरकार ने फसलों के पंजीयन की तारीख आगे बढ़ा दी है, पहले 15 अक्टूबर यानि आज तक ही किसान पंजीयन करा सकते थे, लेकिन अब सरकार ने पंजीयन की तारीख आगे बढ़ा दी है. जो किसानों के लिए राहत की खबर मानी जा रही है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों लगातार हुई बारिश की वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा रहा है. ऐसे में यह खबर किसानों के लिए राहत भरी मानी जा रही है.
किसान 21 अक्टूबर तक करा सकते हैं पंजीयन
सरकार की तरफ से बताया गया कि किसान भाई अब फसलों का पंजीयन 21 अक्टूबर तक करा सकते हैं, सरकार ने धान, ज्वार और बाजरा की समर्थन मूल्य की खरीदी के लिए पंजीयन की तारीख 6 दिन तक के लिए बढ़ा दी है. अब किसान 21 अक्टूबर तक समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिए पंजीयन करवा सकेंगे. पहले आज खत्म हो रही थी पंजीयन कराने की अंतिम तारीख, सरकार ने पहले 15 अगस्त से 15 अक्टूबर तक पहले फसलों के पंजीयन की मियाद तय की थी.
2022-23 के लिए हो रहा था पंजीयन
बता दें कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा उपार्जन के लिए किसानों से पंजीयन कराया जा रहा है, फसलों के पंजीयन की तारीख बढ़ाने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने सभी जिलों के कलक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं. ऐसे में आज से 21 अक्टूबर तक सभी जिलों में पंजीयन का काम चलता रहेगा, जो किसान अब तक अपनी फसलों का पंजीयन नहीं करा पाए थे, वह अब जल्द से जल्द पंजीयन करा सकते हैं.
बारिश से किसान परेशान
दरअसल, मध्य प्रदेश में पिछले दिनों लगातार हुई बारिश से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है, प्रदेश के कई जिलों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, कई किसानों की फसलें खेतों में खराब हो गई, जबकि कई जिलों में खेत में रखी किसानों को फसलें पूरी तरह से भीग गई. जिसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है. ऐसे में किसान भाई फसलों का पंजीयन कराने में भी लेट हो रहे थे. लेकिन अब सरकार ने फसलों के पंजीयन की तारीख बढ़ा दी है. जबकि मौसम विभाग ने भी अब मानसून की विदाई की बात कही है. ऐसे में किसानों को अब पंजीयन केंद्र तक पहुंचकर पंजीयन कराने में आसानी होगी.