Laxman Singh got Furious at Udit Raj: विधायक लक्ष्मण सिंह अपनी ही पार्टी के नेता और पूर्व सांसद उदित राज (Former MP Udit Raj) पर भड़क गए और कहा कि इन्हे तत्काल प्रवक्ता पद से हटा देना चाहिए.साथ ही इनसे लिखित में माफी भी मंगवाना चाहिए.
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आकाश द्विवेदी/भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh, former Chief Minister of Madhya Pradesh) के भाई और कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह (Congress leader Laxman Singh) अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. अब उन्होंने अपनी ही पार्टी के एक नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उनसे लिखित में माफी मंगवाने की बात कही है.दरअसल लक्ष्मण सिंह, कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज (Former MP Udit Raj) पर भड़क गए और कहा कि इन्हे तत्काल प्रवक्ता पद से हटा देना चाहिए.साथ ही इनसे लिखित में माफी भी मंगवाना चाहिए.
उदित राज के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) पर दिए बयान को लेकर लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट किया,'कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता का महामहिम राष्ट्रपति के बारे में दिया गया बयान "असंवैधानिक","अशोभनीय","अनावश्यक"है. इन्हे तत्काल प्रवक्ता पद से हटा देना चाहिए. इनसे लिखित में माफी भी मंगवाना चाहिए.'
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता का महामहिम राष्ट्रपति के बारे में दिया गया बयान "असंवैधानिक","अशोभनीय","अनावश्यक"है।इन्हे तत्काल प्रवक्ता पद से हटा देना चाहिए।इनसे लिखित में माफी भी मंगवाना चाहिए। @INCMP @INCIndiaLive
— lakshman singh (@laxmanragho) October 6, 2022
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उदित राज के ट्वीट पर विवाद
बुधवार को एक ट्वीट में पूर्व संसाद उदित राज ने ट्विटर पर ट्वीट किया था,द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले. चमचागिरी की भी हद्द है. कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं.खुद नमक खाकर ज़िंदगी जिएं तो पता लगेगा. बता दें कि अपने इस ट्वीट को लेकर उदित राज विवादों में घिर गए थे. जिसके बाद कांग्रेस नेता उदित राज ने स्पष्ट किया कि उनके विचार व्यक्तिगत हैं और ये पार्टी के नहीं है.
साथ ही उन्होंने इससे जुड़ा एक और ट्वीट किया, द्रौपदी मुर्मूजी के संबंध में मेरा बयान निजी है और इसका कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है.उनकी उम्मीदवारी और अभियान आदिवासियों के नाम पर था.इसका मतलब यह नहीं है कि वह अब आदिवासी नहीं हैं.मेरा दिल रोता है कि जब एससी/एसटी उच्च पद पर पहुंचते हैं और वे अपने समुदायों को छोड़ देते हैं और शांत हो जाते हैं.
मेरा बयान द्रोपदी मुर्मू जी के लिऐ निजी है,कांग्रेस पार्टी का नही है।मुर्मू जी को उम्मीदवार बनाया व वोट मांगा आदीवासी के नाम से।राष्ट्रपति बनने से क्या आदिवासी नही रहीं? देश की राष्ट्रपती हैं तो आदिवासी की प्रतिनिधि भी। रोना आता है जब एससी/एसटी के नाम से पद पर जाते हैं फिर चुप।
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) October 6, 2022