Happy Birthday CM Shivraj Singh Chouhan: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज अपना 64वां जन्मदिन मना रहे हैं. देशभर से उन्हें बधाई मिल रही है. इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं जब एक स्कूल ट्रिप के दौरान मुख्यमंत्री को उनकी टीचर ने पीट दिया था.
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Happy Birthday CM Shivraj Singh Chouhan: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज अपना 64वां जन्मदिन मना रहे हैं. देशभर से उन्हें बधाई मिल रही है. वो अपने जन्मदिन पर प्रदेश की बहना को बड़ी सौगात भी देने जा रहे हैं. इस मौके पर हम आपको मुख्यमंत्री के बचपन और छात्र जीवन से जुड़ी कुछ एक ऐसी कहानी बता रहे हैं, जो शायद ही आपने इससे पहले सुनी या पढ़ी होंगी. ये कहानी जुड़ी है उनकी एक स्कूल ट्रिप से जिसमें उनकी टीचर ने उनकी पिटाई कर दी थी.
स्कूल ट्रिप में हो गई थी पिटाई
बता उन दिनों की है जब शिवराज सिंह चौहान स्कूल में थे. उन दिनों स्कूल की तरफ से गोवा की एक ट्रिप प्लान की गई. यहां जाने वालों में सभी बच्चों के साथ शिवराज भी शामिल थे. गोवा से लौटते समय सभी बच्चे काफी शरारत कर रहे थे. रास्ता सूनसान था इस कारण सभी को शांत कराया जा रहा था. लेकिन, जब वो नहीं माने तो उनके टीचर ने पहले शिवराज को डांटा और फिर तीन चांटे भी जड़े.
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निडरता से बचाई थी सभी की जान
शिवराज के शिक्षक केसी जैन ने बताया कि बच्चों की इस ट्रिप में मार खाने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान नाराज या उदास नहीं हुए. ट्रिप के दौरान जब गाड़ी का ब्रेक फेल हो गया तो सब लोग घबरा गए. उस समय सबसे पहले शिवराज ने ही निडरता दिखाई, जिससे पूरे ग्रुप की जान बची.
शरारती और लोकप्रिय थे शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्कूल टीचर केसी जैन के अनुसार, टीटी नगर स्थित मॉडल स्कूल के दिनों में शिवराज काफी शरारती थे. लेकिन, इसी के साथ वो बच्चों और शिक्षकों के बीच लोकप्रिय भी थे. वह हर गलत बात का खुलकर विरोध करते थे. इसीलिए छात्र संघ चुनाव में सभी छात्रों ने शिवराज का नाम आगे बढ़ाया था और उन्हें टीटी नगर मॉडल स्कूल के छात्र संघ अध्यक्ष बनाकर पहला चुनाव जिताया था.
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किसान के घर जन्मे थे शिवराज
5 मार्च 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में एक किसान प्रेम सिंह चौहान के घर शिवराज सिंह चौहान का जन्म हुआ था. उनके भीतर नेतृत्व के गुण बचपन में ही दिखने लगे थे. वो अपने पिता से ही मजदूरों के हल के लिए भिड़ जाते थे. उनके राजनीतिक करियर की शुरूआत संघ के कार्यकर्ता के तौर पर हुई थी, इमरजेंसी के दौर में जेल जाने से उनकी नेतृत्व क्षमता मजबूत हुई.