अंधविश्वास और पशुक्रूरता का जानलेवा खेल, गायों के बीच फेंके जाते हैं पटाखे...
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अंधविश्वास और पशुक्रूरता का जानलेवा खेल, गायों के बीच फेंके जाते हैं पटाखे...

गोवर्धन त्योहार के बीच मध्यप्रदेश के मंदसौर में परंपरा के नाम पर अंधविश्वास और पशुक्रूरता के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. 

अंधविश्वास और पशुक्रूरता का जानलेवा खेल, गायों के बीच फेंके जाते हैं पटाखे...

मनीष पुरोहित/मंदसौर: मध्यप्रदेश के मंदसौर में परंपरा के नाम पर अंधविश्वास के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जिला मुख्यालय से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर गरोठ भानपुरा क्षेत्र के कई गांवों में परंपरा के नाम पर पशु क्रूरता की तस्वीरें सामने आई है. यह वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है.

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दरअसल यहां एक छोटे स्टेडियम नुमा स्थान में गाय को घेर दिया जाता हैं, और फिर लकड़ी के सिरे पर बंधा चमड़ा उनसे फड़वाने का प्रयास किया जाता है. इस दौरान गायों पर जलते हुए पटाखे भी फेंके जाते हैं. पटाखों के विस्फोट से भयभीत होकर गाय बचने के लिए बिदक कर भागती हुई दिखाई देती है. इस दौरान ढोल नगाड़ों की आवाज भी सुनाई देती रहती है. आखिरकार गाय के जरिए लकड़ी के सिरे पर बंधा चमड़ा फटता है और लोग खुशियां मनाते हैं.

गांव में आती हैं खुशहाली 
बरसों से चली आ रही इस परंपरा को आयोजित करने वाले गांव के ग्रामीण बताते हैं कि कई वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है. जिसे छोड़ कहा जाता है. गांव वालों की मान्यता है कि जब श्री राम अयोध्या लौटे थे तो तमाम पशु भी अपने खूटे सहित अन्य स्थानों को छोड़कर उनकी अगवानी के लिए पहुंचे थे. कुछ लोगों का मानना हैं कि बुराइयों और मुसीबत के राक्षस का छोड़ के रूप में वध किया जाता है. इसी के चलते आज भी छोड़ फाड़ का आयोजन किया जाता है. माना जाता है कि यदि चमड़ा गाय के द्वारा फाड़ दिया जाता है तो साल भर इलाके के लिए खुशहाली आती है.

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