MP Assembly Session: मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में इस बार एक नया प्रयोग देखने को मिलने वाला है, जिसके लिए सीएम मोहन यादव की कैबिनेट में शामिल जूनियर मंत्रियों को खास ट्रेनिंग दी जाएगी.
Trending Photos
CM Mohan Yadav Cabinet: मध्य प्रदेश में मोहन यादव की सरकार बनने के बाद लगातार नए प्रयोग हो रहे हैं, लेकिन इस बार के विधानसभा सत्र में एक ऐसा प्रयोग होने वाला है, जिसकी चर्चा प्रदेश के सियासी गलियारों में भी हो रही है, क्योंकि सीएम मोहन यादव खुद यह नवाचार करने वाले हैं. इस नवाचार के लिए मुख्यमंत्री के मंत्रिपरिषद में शामिल जूनियर मंत्रियों को खास तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी.
सीएम के विभागों के जवाब देंगे जूनियर मंत्री
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बजट सत्र में एक नया प्रयोग करने जा रहे हैं, विधानसभा सत्र के दौरान सीएम मोहन यादव के पास जो विभाग हैं, उनसे जुड़े सवालों के जवाब जूनियर मंत्री देंगे. इसके लिए सीएम ने 7 राज्यमंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी है. इसी के लिए मंत्रियों को ट्रेनिंग की दी जाएगी, जिसकी शुरुआत आज से हो रही है. बता दें कि अब तक विधानसभा में यह परंपरा थी कि अगर कैबिनेट मंत्री विधानसभा में मौजूद नहीं रहते हैं तो उनसे संबंधित सवालों के जवाब विभाग के राज्यमंत्री देते थे. लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब राज्यमंत्री सीएम के विभागों के सवालों का जवाब विधायकों के देंगे.
सीएम ने इन मंत्रियों को दी जिम्मेदारी
विभाग चलाने का दिया जाएगा प्रशिक्षण
बता दें कि सीएम मोहन यादव की कैबिनेट में कई मंत्री ऐसे हैं, जो पहली बार चुनाव जीतकर विधायक बने हैं. ऐसे में मंत्रियों को न केवल विधानसभा सत्र की ट्रेनिंग दी जाएगी बल्कि विभागों को चलाने की जिम्मेदारी भी उन्हें मिलेगी. 3 और 4 फरवरी को प्रशासन अकादमी में मंत्रियों की ट्रेनिंग होगी, जिसमें मोहन कैबिनेट में शामिल सीनियर मंत्री भी शामिल होंगे, जो अपने अनुभव जूनियर मंत्रियों से सांझा करेंगे और उन्हें विधानसभा में बोलने के गुण भी सिखाएंगे, बता दें कि मध्य प्रदेश में जगदीश देवड़ा, प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, राजेंद्र शुक्ला, विजय शाह सीनियर मंत्री हैं, जिनका लंबा संसदीय अनुभव हैं. ऐसे में यह मंत्री भी विभाग को चलाने और बजट के बारे में नए राज्यमंत्रियों को बताएंगे. दो दिन तक चलने वाली इस ट्रेनिंग के अंतिम दिन राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी शामिल हो सकते हैं.
ट्रेनिंग में क्या कुछ रहेगा खास
दरअसल, इन मंत्रियों की ट्रेनिंग इसलिए कराई जा रही है ताकि वह विधानसभा और विभाग के कामकाज को बेहतर तरीके से समझ सके. इस दौरान मंत्रियों को एक्सपर्ट यह बताएंगे कि वे अपने विभागों का कामकाज किस तरह से करें और विभाग को मिलने वाले बजट के बारे में भी समझ सके. इसके अलावा मंत्रियों को बताया जाएगा कि विभागों के संचालन में उनके और अधिकारियों के बीच समन्वय किस तरह से होना चाहिए, क्योंकि मंत्रियों और अधिकारियों में समन्वय होना सबसे ज्यादा जरूरी होता है. क्योंकि बजट सत्र को लेकर नए मंत्रियों का अचानक से संचालन करना थोड़ा चुनौती पूर्ण हो सकता है. क्योंक विपक्ष में कई सीनियर विधायक हैं जिनका लंबा संसदीय अनुभव है.
जानकारों का मानना है कि सीएम का यह प्रयोग नए मंत्रियों के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि पहली बार के मंत्रियों को नए और अनुभवी विधायकों से मिलकर काम करने का अनुभव होगा. इसके अलावा जवाब देने के लिए नए मंत्रियों का भरौसा भी बढ़ेगा. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीएम मोहन यादव ने गृह और जेल विभाग के जवाब देने की जिम्मेदारी राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल को दी है, जो पहली बार उदयपुरा विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने हैं. ऐसे में यह नया प्रयोग दिख रहा है.
ये भी पढ़ेंः ग्वालियर में निर्भया कांड! नाबालिग से गैंगरेप के बाद पुल से नीचे फेंका, जिंदगी और मौत से लड़ रही मासूम