chhattisgarh news-पति और पत्नी का रिश्ता बड़ा ही पवित्र माना जाता है, हर धर्म में इस रिश्ते को पवित्र माना गया है. लेकिन जब धर्म ही इस रिश्ते में दोनों के अलग होने की वजह बन जाए तो बड़ा आश्चर्या होता है. मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का है जहां पति की धार्मिक मान्यताओं का पत्नी ने मजाक उड़ाया, मामला कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने पति द्वारा दिए गए तलाक को जायज ठहराया.
जानकारी के अनुसार पति हिंदू धर्म को मानता है. ईसाई धर्म को मानने वाली पत्नी लगातार हिंदू धर्म का मजाक उड़ाती थी. इससे आहत होकर पति ने तलाक दे दिया था, पत्नी ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी.
कोर्ट ने तलाक को सही ठहराया
स्थानीय अखबरा के अनुसार छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा- धार्मिक ग्रंथों में पत्नी के बिना पति का यज्ञ अधूरा रह जाता है. ऐसे में लंबे समय तक पति के धार्मिक मान्यताओं का अपमान करना मानसिक क्रूरता है, ऐसे में पति अपनी पत्नी से तलाक पाने के लिए हकदार है. हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए हिंदू धर्म का मजाक उड़ाने वाली ईसाई पत्नी को दिए तलाक को सही ठहराया है. साथ ही कोर्ट ने पत्नी की अपील को खारिज कर दिया. मामले की सुनवाई दो जजों की बेंच ने की जिसमें जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय जायसवाल शामिल थे.
2016 में हुई थी शादी
मध्यप्रदेश की डिंडौरी की रहने वाली नेहा की शादी साल 2016 में बिलासपुर के रहने वाले विकास के साथ हिंदू रीति रिवाज के अनुसार हुई थी. नेहा शादी से पहले ईसाई धर्म को मानती थी. शादी के कुछ समय के बाद से वो हिंदू धर्म की मान्यताओं और रीति-रिवाजों का मजाक उड़ाने लगी थी. विकास उसे हिंदू धर्म मानने के लिए कहता रहा लेकिन नेहा नहीं मानी, पत्नी के इस व्यवहार से परेशान होकर विकास ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर कर दी.
धार्मिक मान्यताएं हुईं आहत
विकास ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि उसकी पत्नी ने बार-बार उसकी धार्मिक मान्यताओं का अपमान किया और धर्म का मजाक उड़ाया. हिंदू धर्म में कोई भी पूजा-पाठ, हवन आदि पत्नी के बिना अधूरी मानी जाती है, पत्नी ने 10 सालों में किसी हवन या अनुष्ठान में भाग नहीं लिया. वहीं पत्नी नेहा ने कोर्ट में माना की उसने 10 सालों में किसी पूजा में भाग नहीं लिया है. ही पूजा-अर्चना आराधना की है, बल्कि उसने चर्च जाना शुरू कर दिया है.