बांधवगढ़ के जंगल में किसने घोला जहर, 48 घंटे में 9 हाथियों ने तोड़ा दम, क्या है मौत की असली वजह?
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बांधवगढ़ के जंगल में किसने घोला जहर, 48 घंटे में 9 हाथियों ने तोड़ा दम, क्या है मौत की असली वजह?

 
MP news-बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 48 घंटे में 9 हाथियों के मौत की चिंघाड़ सुनाई दी है. 13 हाथियों के झुंड में से 9 हाथियों ने दम तोड़ दिया है. हाथियों की मौत के बाद राज्य और केंद्र सरकार एक्शन में है, लेकिन हाथियों की मौत के पीछे की असली वजह क्या है.

बांधवगढ़ के जंगल में किसने घोला जहर, 48 घंटे में 9 हाथियों ने तोड़ा दम, क्या है मौत की असली वजह?
 
Madhya pradesh news-टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ में 2 दिनों में 8 हाथियों की मौत से सनसनी फैल गई है. 13 हाथियों के इस झुंड में से 8 हाथियों ने बीते 2 दिनों में दम तोड़ दिया वहीं एक का इलाज जारी है, जबकि तीन पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं. हाथियों की मौत की वजह का पता लगाने के लिए बांधवगढ़ पार्क प्रबंधन से लेकर भोपाल और जबलपुर के वन विभाग के अधिकारी जुट गए हैं.
 
वन विभाग के अनुसार खितौली और पतौर रेंज में 13 हाथियों के झुंड में से 9 की मौत हुई है, इनमें सिर्फ 1 नर और 8 मादा हैं.
 
एक्शन में सरकार 
हाथियों की मौत के बाद सरकार ने एक्शन लिया है, राज्य सरकार ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है. एसआईटी पूरे मामले की जांच कर रही है, हाथियों के मौत के कारण का पता लगाएगी. वहीं मामला केंद्र सरकार तक भी पहुंच गया है. वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB), दिल्ली ने भी एसआईटी गठित कर दी है.
 
5 लोगों को हिरासत में लिया 
हाथियों की मौत के बाद स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने बुधवार को डॉग स्क्वॉड की मदद से 7 खेतों और 7 घरों की तलाशी ली. पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, इसके अलावा  रिसोर्ट संचालकों पर भी संदेह जताया जा रहा है. साथ ही पिछले समय में आसपास में हुई गतिविधियों का भी पता लगाया जा रहा है. शिकार और जहरखुरानी के बिंदुओं को लेकर जांच की जा रही है. 
 
इन बिंदुओं पर जांच 
टीम घटनास्थल के 5 किमी के दायरे में जांच करेगी. वहां आसपास होने वाली फसल की जांच करेगी. इसके साथ जहां हाथियों ने पानी पिया उसकी जांच होगी, कोदो कुटकी की फसल की जांच की जाएगी कहीं उसमें जहर तो नहीं. इसके अलावा जहां हाथियों ने मस्ती उस वॉटर होल को सील कर जांच की जाएगी.
 
किसने दिया जहर
फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि हाथियों को जहर दिया गया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि कोदो-कुटकी खाने की वजह से हाथियों की मौत हुई है.  अपशिष्ट की जांच में कोदो-कुटकी का अपशिष्‍ट भी मिला है, जिसमें बड़ी मात्रा में माइक्रो टाक्सिक होने की बात सामने आई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा.

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