Diwali 2024: मध्य प्रदेश में चारों तरफ दीपावली की रौनक देखी जा रही है, देवास और हरदा जिले की सीमा पर बने भगवान ऋणमुक्तेश्वर के मंदिर में दीपावली को लेकर अनोखी परंपरा है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर इस चीज का भोग लगाना काफी शुभ होता है.
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MP News: देश भर में आज दीपावली की रौनक देखी जा रही है, इसका आलम एमपी में भी देखा जा रहा है. चारों तरफ रोशनी ही रोशनी नजर आ रही है, हरदा और देवास जिले की सीमा पर नर्मदा नदी के किनारे स्थित भगवान ऋणमुक्तेश्वर के मंदिर में दीपावली के मौके पर अनोखा भोग लगाते हैं. लोगों का कहना है कि ये भोग लगाने से उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. जानिए क्या है मंदिर की धार्मिक मान्यता.
पूरी होती है मनोकामना
आमतौर पर शिवालयों में मनोकामना पूरी करने के लिए श्रद्धालु भगवान शिव को दूध-दही और पंचामृत का भोग लगाते हैं. लेकिन हरदा और देवास जिले की सीमा के बीच बहने वाली नर्मदा नदी के किनारे बसे नेमावर में स्थित प्राचीन ऋणमुक्तेश्वर मंदिर में अनोखी परंपरा है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस मंदिर में अमावस्या के मौके पर भगवान शंकर को चने की दाल चढ़ाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के शुभ दिन इस मंदिर में भगवान शिव को चने की दाल चढ़ाने से माता-पिता के कर्ज के साथ सभी प्रकार के ऋण से मुक्ति मिलती है. दीपावली की अमावस्या पर चने की दाल चढ़ाने से भगवान ऋणमुक्तेश्वर प्रसन्न होकर अपने भक्तों को धन ऐश्वर्य प्रदान करते हैं.
सिद्ध क्षेत्र नेमावर में पुण्यसलिला नर्मदा किनारे स्थित पांडवकालीन ऋणमुक्तेश्वर मंदिर अपनी विशेषता के लिए जाना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक अमावस्या पर मनाई जाने वाली दीपावली के मौके पर चने की दाल चढ़ाने की परंपरा के कारण इस मंदिर की बड़ी प्रसिद्धि है. दिवाली के मौके पर यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और नर्मदा नदी में स्नान के बाद ऋणमुक्तेश्वर मंदिर में भगवान शिव को चने की दाल चढ़ाकर हर प्रकार के कर्ज से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना करते हैं.
इसके अलावा आज पूरे प्रदेश में दीपावली की रौनक देखी जा रही है, जगह- जगह पर दीपक जलाए जा रहे हैं, लोग एक- दूसरे को शुभकामनाएं दे रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम मोहन यादव सहित कई नेताओं ने देश वासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी है.