Bageshwar Dham Hindu Jagao Yatra: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हिन्दू जगाओ यात्रा को लेकर पूरी जानकारी दी है. आइए जानते हैं कब शुरू होगी सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा और क्या है इस यात्रा का मकसद?
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Bageshwar Dham Hindu Jagao Yatra: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री “सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा” निकालने जा रहे हैं. पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि 21 से 29 नवंबर तक हिन्दू जगाओ यात्रा निकाली जाएगी. यह यात्रा छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम से राम राजा सरकार ओरछा तक निकाली जाएगी. यह यात्रा भारतीय सनातन संस्कृति में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है. जो जात-पात अमीर-ग़रीब से मुक्त हिंदू समाज की एक जागृत पहल होगी.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शात्री ने सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा को लेकर पूरी जानकारी दी है. उन्होंने 'हिन्दू जगाओ यात्रा' को लेकर अपना पूरा मकसद बताया है. धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि इस यात्रा का मकसद जात-पात के भेद को खत्म करने और कट्टर हिन्दू बनाने का प्रयास करना है. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर मुस्लिमों की एंट्री बैन किए जाने पर अपना रुख सामने रखा है. आइए जानते हैं क्या कुछ बोले धीरेंद्र शास्त्री...?
160 किलोमीटर की होगी पदयात्रा
सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा की जानकारी देते हुए बताया कि, 'सूरीनाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, नेपाल, मॉरीशस इन देशों में रहने वाले हिंदुओं पर वहां की सरकार अत्याचार करती है. जैसे कनाडा में कर रही है. उन्हें भगा दिया जाता है तो हिंदुओं के लिए एक भी जगह नहीं है, जहां पर सुरक्षित है. इस बात को लेकर अब हमने ठाना है कि 21 नवंबर से हम 29 नवंबर तक हिंदुओं को जगाने के लिए 160 किलोमीटर की राम राजा ओरछा तक की बागेश्वर धाम से लेकर पद यात्रा करेंगे. इस यात्रा के दौरान पिछड़े लोगों को गले लगाएंगे.'
जात-पात की करो विदाई
वहीं, जात-पात खत्म करने को लेकर भी धीरेंद्र शास्त्री ने आवाज उठाई है. उन्होंने कहा, 'जात पात की करो विदाई. हम सब हिंदू भाई-भाई हैं. जात-पात और भेदभाव जड़ से हमें मिटाना है. हमें भारत भाव बनाना है. इसी विषय को लेकर हिंदुस्तान में रहने वाले लोगों को हिंदुस्तानी होने का गर्व हो. जात-पात, ऊंच-नीच और भेदभाव और गांव में यह भेदभाव बहुत है.'
पूरी दुनिया में हिंदुओं के लिए एक भी देश नहीं
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, 'गांव में अंधविश्वास बहुत है. एक जन जागृति संकल्प को लेकर हमने विचार किया है. हम सबसे मिल पाए लेकिन हम पिछड़े और पिछड़े लोगों से नहीं मिल पाते हैं जो भी लड़ाई होती है ब्राह्मण क्षत्रिय वेश्याओं से होती है कोई भी हिंदुस्तानी से लड़ाई नहीं होती है ना कोई हिंदू बनने को तैयार है ना हिंदुस्तानी बनने को तैयार है. इस्लाम धर्म के लोग अपनी जनसंख्या इतनी तेजी से बढ़ा रहे हैं. वह लोग 6% से 22% आ गए हैं. धीरे-धीरे हम भारत में अल्पसंख्यक होंगे. लगभग 65 देश इस्लाम के हैं. 95 देश ईसाइयों के हैं. पूरी दुनिया में एक ऐसा देश नहीं है जो हिंदुओं के लिए हो.'
संगम में जाकर क्या करोगे?
वहीं, कुंभ में दूसरे धर्म के लोगों की दुकान लगाने पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'हमारे अंगने में तुम्हारा क्या काम है? जब हमें मक्का मदीना में नहीं जाने दिया जाता है तो दूसरे धर्म के लोगों को कुंभ में क्यों आना है? आप इतने ही उदारवादी हो तो मक्का मदीना में हमारी दुकान लगवा दो. आपकी मजारों के सामने हमारे गरीबों की दुकान नहीं लगती तो मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है? आपको त्रिवेणी का ज्ञान नहीं संगम का ज्ञान नहीं कथा का पता नहीं संतों की मांग का पता नहीं है. खालसा क्या होती है? वह भी पता नहीं है. संतों की महिमा का आपको पता नहीं है. पंथ क्या होते हैं? आपको पता नहीं तो आप फिर वहां जाकर क्या करोगे? '
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