मध्य प्रदेश न्यूज (Madhya Pradesh News): अशोकनगर (Ashoknagar News) जिले के मुंगावली की कई पंचायतों में श्मशान घाट में टीन सेड न होने के कारण लोगों का बारिश में परेशान होना पड़ रहा है. शनिवार को एक बुजुर्ग की मौत के बाद लोगों को अंतिम संस्कार के लिए 7 घंटे इंतजार करना पड़ा.
Trending Photos
Madhya Pradesh News: अशोकनगर (Ashoknagar)। मध्य प्रदेश में इन दिनों मानसून अपने पूरी सुरूर पर है. ऐसे में लोगों के साथ कई तरह की समस्याएं आ रही है. जल भराव बाढ़ की समस्या तो आम है. लेकिन, मध्य प्रदेश के अशोकनगर में बारिश लोगों को मरने के बाद भी परेशान कर रही है. यहां तेज बारिश में बिना सेड वाले श्मशान घाट में लोगों को दाह संस्कार करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा रहा है. ऐसा ही हुआ शनिवार को जब एक बुजुर्ग की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए बारिश रुकरने का इंतजार करना पड़ा.
7 घंटे करना पड़ा इंतजार
मुंगावली जनपद के ग्राम सोपारा में बीते रोज 55 वर्षीय बुजुर्ग की बीमारी के चलते मौत हो गई. गांव के मुक्ति धाम में टीन शेड न होने के कारण उसका खुले में दाह संस्कार किया गया. परिवार जन करीब सात घंटे तक बारिश रुकने का इंतजार करते रहे. जब बारिश नहीं रुकी तो बारिश की बीच पन्नी के नीचे अंतिम संस्कार किया.
All About Gotra: सनातन में गोत्र क्या है? जानें इसे पता लगाने का आसान तरीका, वैज्ञानिक महत्व और उपयोग
लंबी समय से नहीं है मुक्तिधाम में सेड
गांव में मुक्तिधाम नहीं बना है. लंबे समय से अभी तक इस गांव में मुक्तिधाम की मांग की समस्या का हल नहीं हो पाया है. जबकि, 2 महीने पहले ही वित्तीय स्वीकृत हो चुकी है. ऐसा केवल यहां नहीं है. क्षेत्र के कई गांव में पर्याप्त सुविधा का अभाव गंदगी कीचड़ के बीच खुले में अंतिम संस्कार करना पड़ता है. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. बारिश में यह समस्या और बढ़ जाती है. अंतिम संस्कार के दौरान बारिश आने पर बरसाती डालकर अंतिम संस्कार करना पड़ता है.
सरकार देते है 5 लाख रुपये
मध्य प्रदेश में प्रत्येक ग्राम पंचायत में मुक्तिधाम की सुविधा के लिए पांच 5 लाख सरकार की ओर से दिए जाते हैं. लेकिन, ग्राम पंचायत की उदासीनता से आमजन परेशान है. ग्रामीणों द्वारा बताया कि ग्राम सोपरा में श्मशान घाट ही नहीं है. यहां खुले में अंतिम संस्कार करना पड़ता है. जबकि, वित्तीय स्वीकृति होने के बाद भी निर्माण कार्य चालू नहीं किया गया है.
ये भी पढ़ें: आजमाएं सरसों के तेल और मेथी-लहसुन के ये उपाय, 15 दिन में देखें कमाल
कई गांवों में है समस्या
ऐसी परेशानी सिर्फ खोपरा की ही नही कई अन्य गांव की भी है. क्योंकि कई गांव में तो शमशान घाट में आने जाने के लिए पक्का रास्ता नहीं है. ऐसे में बारिश में किसी की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार करना परिजनों के लिए भारी पड़ता है. ऐसे में अब देखना होगा की ग्राम पंचायत इस ओर कब तक ध्यान देती है और लोगों को मरने के बाद भी सुकून दिला पाती है.
Uncle Aunty Ka Video: बारिश में अंकल-आंटी ने शेयर किया छाता, सोशल मीडिया में कुछ ऐसे आया प्यार का तूफान