MP में इंदौर समेत 5 जिलों में क्यों अटके BJP के जिलाध्यक्ष, मंत्रियों की खींचतान से नहीं बनी बात ?
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MP में इंदौर समेत 5 जिलों में क्यों अटके BJP के जिलाध्यक्ष, मंत्रियों की खींचतान से नहीं बनी बात ?

MP BJP Jila Adhyaksh: मध्य प्रदेश में बीजेपी के जिलाध्यक्षों का लगभग ऐलान हो चुका है, लेकिन इंदौर-टीकमगढ़ और नरसिंहपुर जैसे बड़े जिलों में अभी भी मामला फंसा हुआ दिख रहा है. 

मध्य प्रदेश में बीजेपी के पांच जिलों में फंसा मामला

MP BJP District Presidents: मध्य प्रदेश में बीजेपी ने गुरुवार की रात 9 और जिलाध्यक्षों के नाम का ऐलान कर दिया. इस तरह अब तक कुल 56 जिलाध्यक्षों के नाम का ऐलान हो चुका है, लेकिन सीनियर मंत्रियों के प्रभाव वाले 5 जिलों में अभी भी मामला फंसा हुआ है, यही वजह है कि चार लिस्ट जारी होने के बाद भी यहां बीजेपी अपने जिला अध्यक्ष के नाम का ऐलान नहीं कर पा रही है. क्योंकि किसी जिले में मंत्रियों के बीच खींचतान दिख रही है तो किसी जिले में सीनियर नेताओं के बीच मामला फंसा है, जबकि कही संगठन पर राय नहीं बन पा रही है. जिससे इन पांच जिलों में फिलहाल मामला फंस गया है. 

एमपी में बीजेपी के अब 62 संगठनात्मक जिले 

मध्य प्रदेश में इस साल से बीजेपी के एमपी में 62 संगठनात्मक जिले हो गए हैं, जिनमें से 56 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है. जबकि 6 नाम आने अभी बाकि है. बीजेपी ने पहली सागर और धार जिले में दो-दो अध्यक्ष बनाए हैं, इससे पहले केवल इंदौर, ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर में ही दो जिलाध्यक्ष बनाए जा रहे थे. लेकिन पहली बार सागर और धार जिले में भी ग्रामीण और शहरी अध्यक्ष की नियुक्ति की गई है. जिससे संगठनात्मक जिलों की संख्या 60 से बढ़कर 62 हो गई है. 

इन पांच जिलों में अटका मामला 

  • इंदौर 
  • टीकमगढ़ 
  • निवाड़ी 
  • नरसिंहपुर 
  • छिंदवाड़ा 

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इंदौर में फंसा मामला 

मध्य प्रदेश में इंदौर सबसे बड़ा जिला है, लेकिन यहां अब तक बीजेपी के जिलाध्यक्ष की घोषणा नहीं हुई है, जबकि खुद सीएम मोहन यादव यहां के प्रभारी मंत्री हैं. वहीं कैलाश विजयवर्गीय भी सीनियर मंत्री हैं, जबकि बीजेपी की सीनियर नेता और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का भी दखल दिख रहा है. ऐसे में यहां यहां शहरी और ग्रामीण जिलाध्यक्ष के नामों की घोषणा नहीं हो पाई है. माना जा रहा है कि संगठन यहां समन्वयय बनाने में जुटा है. 

नरसिंहपुर-छिंदवाड़ा में भी फंसा मामला 

वहीं महाकौशल के दो बड़े जिले नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा में भी मामला फंस गया है. नरसिंहपुर जिले से दो सीनियर मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और रावउदय प्रताप सिंह आते हैं, बताया जा रहा है कि दोनों ही नेता जिलाध्यक्ष के पद पर अपने-अपने समर्थकों को बैठाना चाहते हैं, जिससे मामला फंसा है. वहीं छिंदवाड़ा जिले में कार्यवाहक जिला अध्यक्ष शेष राव यादव हैं, बताया जा रहा था कि उन्हें रिपीट किया जा सकता है, लेकिन उनका नाम नहीं आने के बाद यहां भी मामला अटकता दिख रहा है. 

टीकमगढ़ और निवाड़ी भी फंसा 

बुंदेलखंड के दो जिले टीकमगढ़ और निवाड़ी भी फंसा दिख रहा है. टीकमगढ़ से सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक अपने समर्थक विवेक चतुर्वेदी के लिए जोर लगा रहे हैं तो पूर्व मंत्री और उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी भी अपने करीबी नेता को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं. इस खींचतान में निवाड़ी जिला भी अटकता दिख रहा है. माना जा रहा है कि बीजेपी संगठन यहां भी लगातार फोकस बनाए हुए हैं और आजकल में यहां भी ऐलान हो सकता है. 

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