होशंगाबाद लोकसभा सीट पर नर्मदा से तय होती है हार-जीत, दो पूर्व CM भी लड़ चुके हैं यहां से चुनाव
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होशंगाबाद लोकसभा सीट पर नर्मदा से तय होती है हार-जीत, दो पूर्व CM भी लड़ चुके हैं यहां से चुनाव

MP Lok Sabha elections 2024: मध्य प्रदेश की होशंगाबाद लोकसभा सीट बीजेपी के दबदबे वाली सीट मानी जाती है, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल की थी. 

होशंगबाद लोकसभा सीट

MP Lok Sabha Chunav 2024: मां नर्मदा के किनारे आने वाली होशंगाबाद संसदीय सीट पर हार-जीत नर्मदा से ही तय होती है. 2019 में बीजेपी ने 68 साल के सियासी इतिहास में सबसे बड़ी जीत हासिल की थी. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला होता है, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर और रायसेन जिले की विधानसभा सीटों को कवर करने वाली होशंगाबाद लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद रावउदय प्रताप सिंह विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक और फिर राज्य सरकार में मंत्री बन चुके हैं, ऐसे में बीजेपी इस बार यहां नया चेहरा उतार सकती है तो कांग्रेस भी किसी दिग्गज नेता पर दांव लगा सकती है. 

BJP का मजबूत गढ़ हैं होशंगाबाद 

होशंगाबाद लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है, मध्य भारत अंचल में आने वाली इस लोकसभा सीट पर 1989 से 2004 तक बीजेपी ने लगातार चुनाव जीता था, हालांकि 2009 में इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली, लेकिन 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने लंबे समय बात यहां वापसी की थी. लेकिन 2014 में कांग्रेस सांसद बीजेपी में चले गए और बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़कर फिर सांसद बन गए. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने यहां कांग्रेस को बुरी तरह से हराया था. 

पूर्व CM भी लड़ चुके हैं यहां से चुनाव 

होशंगाबाद लोकसभा सीट पर दिग्गज नेताओं की वजह से चुनाव लड़ने के लिए भी अपनी पहचान रखती है. कांग्रेस के सैयद अहमद यहां के पहले सांसद थे, जबकि दिग्गज समाजवादी नेता हरि विष्णु कामथ भी यहां से सांसद चुने गए थे, जो होशंगाबाद के पहले सांसद भी थे. इसके अलावा मध्य प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री भी यहां से अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह यहां से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जबकि बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने 1999 के में यहां से जीत हासिल की थी. पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह भी इस सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचते रहे हैं. 

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होशंगाबाद लोकसभा सीट का इतिहास 

होशंगबाद लोकसभा सीट देश के पहले आम चुनावों से ही अस्तित्व में है. 1951 के पहले चुनाव में कांग्रेस के सैयद अहमद ने जीत हासिल की थी, जबकि 1952 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें एचवी कामथ चुनाव जीते थे. 1957 में कांग्रेस ने यहां जोरदार वापसी की थी. लेकिन 1962 में कांग्रेस को हार मिली थी, 1967 और 1971 में कांग्रेस ने फिर यहां जीत हासिल की थी. 1977 में जनता पार्टी ने चुनाव जीता, तो 1980 और 1984 में कांग्रेस के रामेश्वर नीखरा लगातार दो बार सांसद चुने गए. लेकिन 1989 में बीजेपी के सरताज सिंह ने पहली बार जीत हासिल की और 1999 तक लगातार यहां से चुनाव जीतते रहे. 2009 में लंबे समय बाद कांग्रेस की वापसी हुई, लेकिन 2014 और 2019 में बीजेपी ने यहां से फिर जीत हासिल की थी. 




साल विजेता पार्टी
1951 सैयद अहमद कांग्रेस
1952 (उपचुनाव) हरिविष्णु कामथ प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1957 रघुनाथ सिंह किलेदार कांग्रेस
1962 हरिविष्णु कामथ प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1967 नीतिराज सिंह कांग्रेस
1971 नीतिराज सिंह कांग्रेस
1977 हरिविष्णु कामथ जनता पार्टी
1980 रामेश्वर नीखरा कांग्रेस
1984 रामेश्वर नीखरा कांग्रेस
1989 सरताज सिंह बीजेपी
1991 सरताज सिंह बीजेपी
1996 सरताज सिंह बीजेपी
1998 सरताज सिंह बीजेपी
1999 सुंदरलाल पटवा बीजेपी
2004 सरताज सिंह बीजेपी
2009 रावउदय प्रताप सिंह कांग्रेस
2014 रावउदय प्रताप सिंह बीजेपी
2019 रावउदय प्रताप सिंह बीजेपी

होशंगाबाद लोकसभा सीट पर 1951 से लेकर 2019 तक 16 आम चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से 6 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है, जबकि 8 चुनावों में बीजेपी ने जीत हासिल की है, इसके अलावा 2 बार दूसरे दलों को जीत मिली है. 

होशंगाबाद लोकसभा में आने वाली विधानसभा सीटें 

होशंगाबाद लोकसभा सीट में नर्मदापुरम, नरसिंहपुर और रायसेन जिले की विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें नर्मदापुरम जिले की नर्मदापुरम, सोहागपुर, सिवनी-मालवा, और पिपरिया आती है, जबकि नरसिंहपुर जिले की नरसिंहपुर, तेंदुखेड़ा, और गाडरवारा विधानसभा सीट शामिल है, इसके अलावा रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा सीट भी होशंगाबाद लोकसभा सीट में ही आती है. 2023 के विधानसभा चुनाव में इन सभी 8 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है, ऐसे में लोकसभा चुनाव में फिलहाल बीजेपी बढ़त बनाते हुए नजर आती है. 

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होशंगाबाद का सामाजिक ताना-बाना 

होशंगाबाद लोकसभा सीट के जातिगत समीकरणों की बात की जाए तो यह सीट ओबीसी बहुल मानी जाती है, लगभग 49.6 प्रतिशत वोटर्स ओबीसी वर्ग से आते हैं, इसके अलावा सामान्य 22.6 प्रतिशत और एस-एसटी-23.8 प्रतिशत के तौर पर प्रमुख भूमिका निभाती है. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस ज्यादातर चुनावों में ओबीसी वर्ग से आने वाले नेताओं को ही मौका देती है. 2019 के चुनाव में भी बीजेपी और कांग्रेस ने ओबीसी नेताओं को ही मौका दिया था. 

नर्मदा प्रमुख मुद्दा 

होशंगाबाद लोकसभा सीट नर्मदानदी से घिरी हुई है, ऐसे में यहां नर्मदा नदी ही सबसे बड़ा मुद्दा मानी जाती है, जिसमें अवैध उत्खनन और नर्मदा शुद्धिकरण सबसे बड़ा मुद्दा रहा है. इसके अलावा यह पूरा क्षेत्र कृषि प्रधान हैं, ऐसे में कृषि को लेकर भी किसानों से किए गए ज्यादातर वादों की अब भी पूरी होने की वाट जोही जा रही है. शिक्षा और स्वास्थ्य भी इस क्षेत्र की जनता के प्रमुख मुद्दे रहे हैं. नरसिंहपुर जिले में धान और गन्ने की सबसे ज्यादा फसल होती है, ऐसे में इन फसलों पर वाजिम दाम की मांग किसान हमेशा उठाते रहे हैं. 

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2019 में बीजेपी ने हासिल की थी बड़ी जीत 

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां रिकॉर्ड जीत हासिल की थी. बीजेपी के राव उदय प्रताप सिंह ने कांग्रेस के दीवान शैलेंद्र सिंह को 5 लाख 53 हजार 682 वोटों के बड़े अंतर से हराया था, बीजेपी प्रत्याशी को कुल 8 लाख 77 हजार 927 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी 3 लाख 24 हजार 245 हजार वोट ही मिले थे. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उदय प्रताप सिंह ने कांग्रेस के देवेंद्र पटेल को 3 लाख 89 हजार 960 वोटों से चुनाव हराया था. 2014 में बीजेपी प्रत्याशी को 6 लाख 69 हजार 128 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 2 लाख 79 हजार 168 वोट मिले थे.

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