जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे! ब्लास्ट से हिल गई स्कूल की दीवारें
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जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे! ब्लास्ट से हिल गई स्कूल की दीवारें

स्कूल से महज कुछ दूरी पर SECL ने  3 कोयला खदान खोला है. जिसमे कोयला निकालने के लिए हैवी ब्लास्टिंग की जाती है. 

जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे! ब्लास्ट से हिल गई स्कूल की दीवारें

सूरजपुर: स्कूली बच्चों के बेहतर शिक्षा के लिए लाख दावे किए जाए, लेकिन धरातल पर स्थिति सामान्य नहीं है. सूरजपुर जिले के दर्रीपार गांव के प्राथमिक स्कूल के बच्चे खौफ में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. इस स्कूल में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. लगातार शिकायत के बावजूद संबंधित विभाग और अधिकारी कोई सार्थक पहल नहीं कर रहे हैं. यहां तक की प्रदेश के शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में भी स्कूली बच्चे अपनी जान हथेली पर रखकर पढ़ाई करने को मजबूर है.

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खबर सुरजपुर जिले के दर्रीपारा गांव के प्राथमिक स्कूल की है. जहां 20 बच्चे पढ़ते हैं. दरअसल इस स्कूल का यह भवन हमेशा से ऐसी जर्जर स्थिति में नहीं था. अभी कुछ साल पहले इस गांव से महज कुछ दूरी पर SECL ने  3 कोयला खदान खोला है. जिसमे कोयला निकालने के लिए हैवी ब्लास्टिंग की जाती है. जिसकी वजह से स्कूल में कंपन होता है और धीरे-धीरे यह स्कूल भवन लगभग खंडहर में तब्दील हो चला है. बच्चों के भविष्य को संवारने का दावा करने वाले प्रदेश के शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र की स्थिति ऐसी है, तो प्रदेश के अन्य स्कूलों की स्थिति क्या होगी इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.

मौत के साये में बच्चे शिक्षक
इस ब्लास्टिंग का कंपन इतना ज्यादा होता है कि बच्चे और शिक्षक काफी डरे सहमे रहते हैं और कोई हादसा ना हो जाये इसलिए ब्लास्टिंग के समय सभी बच्चे अपने स्कूल से निकलकर खुली जगह पर बैठ जाते हैं. ब्लास्टिंग होने के बाद सभी बच्चे अपने कक्षा में बैठते हैं. यहां के शिक्षक और बच्चों के परिजनों के द्वारा बार-बार शिकायत के बावजूद कोई भी अधिकारी कुछ सुनने को तैयार नही हैं और बच्चे मौत के साये में पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

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समाधान होगा या फिर मिला जुमला?
जहां एक और छात्र और शिक्षक खौफ के साये में जी रहे हैं.वही SECL प्रबंधन इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. जबकि संयुक्त कलेक्टर शिव बनर्जी ने यह माना कि यह एक गंभीर समस्या है और जल्द ही जिला शिक्षा अधिकारी से बात करके इस समस्या का समाधान किया जाएगा.

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