मैनपाट को 'छत्तीसगढ़ का शिमला' भी कहा जाता है. यह सरगुजा जिले में है, इस जगह का मौसम बहुत ही सुहावना रहता है. मैनपाट के पास खूबसूरत जगहें मौजूद हैं. जैसे कि बौद्ध मंदिर, ऊल्टा-पानी, टाइगर पॉइंट, जलजली, मेहता पॉइंट, चाय बाग जैसी जगहों पर आप घूम सकते हैं.
वन्यजीव प्रेमियों को पामेड़ वन्यजीव अभयारण्य जरूर घूमना चाहिए. 262 वर्ग किलोमीटर में फैले इस अभयारण्य में साल और सागौन के वृक्षों के साथ चीतल, भारतीय चिकारे और चिंकारा जैसे वन्यजीव मिलते हैं.
छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से चित्रकोट जलप्रपात एक है. यह जगह जगदलपुर से 50 किलोमीटर दूर स्थित है. इसे भारत का 'मिनी-नायगारा फॉल्स' भी कहा जाता है. यह इंद्रावती नदी से निकलता है और घने जंगलों से होकर गुजरता है. यहां का नजारा देखते ही बनता है.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 100 किलोमीटर दूर यह अभ्यारण्य नवापारा में है जो खूबसूरत जंगलों से घिरे हुआ है. इस अभयारण्य में चार सींग वाले हिरण, बाघ, तेंदुए, जंगली भैंसें, अजगर, बार्किंग हिरन, हाइना, साही, चिंकारा और ब्लैक बक्स देखने को मिलते हैं.
मां दंतेश्वरी को समर्पित यह मंदिर दंतेवाड़ा जिले के जगदलपुर शहर से 84 किलोमीटर दूर है. इस मंदिर को बस्तर के राजाओं ने बनवाया था और यह भारत के 52 शक्तिपीठों में से एक है. इस जगह को लेकर लोगों की मान्यता है कि यहां जो देवी है वो यहां के लोगों की शांति, शक्ति और स्वास्थ्य का पालन करती हैं.
ये छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है. इस किले को लाफागढ़ किले के नाम से भी जाना जाता है. ये किला 3000 से भी ज्यादा मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. आपको यहाँ महिषासुर मर्दिनी मंदिर देखने को मिलेगा. इस किले में 5 तालाब है जो की किले के ऊपर बने है और आपको जानकर हैरानी होगी की इन 5 में से 3 तालाब हमेशा भरे रहते हैं.
भोरमदेव मंदिर कबीरधाम जिले के चौरा गांव में स्थित है. इस मंदिर को खजराओ के नाम से भी जाना जाता है. यहाँ काफी मात्रा में पर्यटक देखने को मिलते गए है। इस मंदिर का निर्माण 1089 में गोपाल देव जी ने कराया था जो की फनी वंश के शाशक थे। यहाँ आपको शिवलिंग देखने को मिलेंगे, काल भैरव, अष्ठ भुजी गणेश जी की णुर्ति नृत्य करती हुई देखने को मिलेगी.
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