Kelo Project Story: रायगढ़ में किसानों के लिए बनाई जा रही केलो परियोजना का काम बीते 15 सालों से अधूरा पड़ा है. इसपर सरकार ने अब तक 900 करोड़ से अधिक खर्च कर दिए लेकिन, किसी न किसी कारण से ये पूरा नहीं हो पा रहा है. जानिए इसकी पूरी कहानी
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Raigarh Kelo Project: रायगढ़। सरकार ने रायगढ़ समेत इलाके के किसानों के लिए कुछ सालों पहले केलो परियोजना शुरू की थी. हालांकि, कई कारणों से करोड़ों रुपये खर्च होने ते बाद भी ये पूरा नहीं हो पाया और किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है. किसानों के खेतों में अब तक पानी नहीं पहुंच पाया है. ऐसा लगातार फंड की कमी और किसानों के द्वारा जमीन विवाद को लेकर चल रहे न्यायालय में प्रकरण के कारण हो रहा है. अब विभाग को 100 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं जिससे जल्द काम पूरा करने का दावा किया जा रहा है.
क्या था परियोजना का मकसद
किसानों के खेतों के बीच से नहर निकलने के 15 वर्षों बीत जाने के बाद भी पानी नहीं पहुंच पा रहा है. लाखा गांव में शासन के द्वारा केलो नदी पर पूर्व मंत्री स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के नाम पर जल संसाधन विभाग के द्वारा केलो परियोजना के तहत डैम का निर्माण किया गया था. इसमें 920 वर्ग किलोमीटर जल संग्रहण किया जाना था ताकि रायगढ़ शहरवासियों को पेयजल और उद्योगों के लिए पानी मिल सके. साथ ही रायगढ़ और जांजगीर जिले के किसानों के 22 हजार 810 हेक्टेयर जमीन तक पानी पहुंचाने के मकसद था.
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2007 में शुरू हुई थी परियोजना
वर्ष 2007 में भूमि पूजन और शिलान्यास किया गया था. लेकिन, 2014 में चुनाव के वजह से डैम पूरा होने के बाद ही आधे अधूरे नहर के साथ योजना को पूरा बता कर डैम का उद्घाटन कर दिया गया. किसानों को केलो बांध के लाभ देने के लिए तकरीबन 28.31 किलोमीटर लंबी मुख्य नहर का निर्माण किया जाना था. इसमें शाखा नहर और वितरक नहर 92 किलोमीटर का निर्माण भी किया जाना था. इससे रायगढ़ के 167 गांव और जांजगीर चांपा के डभरा ब्लॉक में 8 गांव को सीधा फायदा मिलता..
विभाग पूरी नहीं कर पाया काम
विभाग के इतने साल में केवल मुख्य नहर का काम ही पूरा कर पाया है. वितरक नहर और शाखा नहर का काम अभी भी अधूरा है. साथ ही जिले के कई किसानों का भूमि अधिग्रहण का मामला कोर्ट में लंबित है. कई किसानों का मुआवजा राशि जैसे केस अभी भी कोर्ट में प्रक्रियाधीन है. इस कारण केलो परियोजना और अधिक समय लग रहा है.
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किसानों को नहीं मिल रहा लाभ
स्थानीय लोगों और किसानों का कहना है कि साल दर साल गुजर गए किसानों की खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाया है. केवल उद्योगों को हर वर्ष पर्याप्त पानी मिल रहा है. जिस वर्ग को सबसे अधिक पानी की जरूरत है उसे अब तक पानी नहीं पहुंचाया गया है. किसानों का मानना है कि जिस मकसद से केलो परियोजना शुरू की गई वो 15 से 20 साल का वक्त गुजर जाने के बाद भी पूरी नहीं हो रही है.
क्या कह रहे हैं अधिकारी
पूरे मामले में केलो परियोजना की अधिकारी का कहना है कि केलो डैम का काम 2014 में पूरा हो गया है. मुख्य नहर और शाखा नहर का काम लगभग पूरा हो गया है. पुसौर ब्लॉक में एनटीपीसी में जमीन अधिग्रहण होने के कारण नहर का काम अधूरा हो गया है. नहर का काम डायवर्ट किया गया है. सारे अटके मामले जल्द पूरे होंगे.