छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने आज तातापानी महोत्सव का शुभारंभ किया और पूजा अर्चना की. इस दौरान 1 हजार तीन करोड़ के 1707 विकास कार्यो का लोकार्पण- भूमिपूजन किया है.
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शैलेंद्र सिंह ठाकुर/बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बलरामपुर जिले में तातापानी के शिव मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए महोत्सव का शुभारंभ किया हैं. इस महोत्सव में मुख्यमंत्री ने एक हजार तीन करोड़ के 1707 विकास कार्यो का लोकार्पण-भूमिपूजन किया है. साथ ही कन्या विवाह योजना के 501 विवाहित जोड़ो को आशीर्वाद दिया. बता दें कि यहां पर पिछले 50 सालों से मकर संक्रांति के अवसर पर तीन दिनों का तातापानी महोत्सव का आयोजन किया जाता है.
ये कलाकार होंगे शामिल
दरअसल जिले के एनएच 343 में स्थित ग्राम तातापानी धार्मिक मान्यताओं व भूमिगत ताप जल स्त्रोत के नाम से क्षेत्र में प्रसिद्ध है और यही वजह है कि स्थानीय प्रशासन तातापानी को पर्यटन के नक्शे में प्रदर्शित करने के लिए मकर सक्रांति पर्व पर तातापानी महोत्सव का आयोजन करता है. इस साल भी तातापानी महोत्सव का आगाज आज से हो गया है. इसके साथ ही महोसत्व में सांस्कृतिक संध्या पर स्कूली बच्चे,स्थानीय कलाकारों के अलावा आमंत्रित कलाकर अपनी प्रस्तूति देंगे. आज छत्तीसगढ़ की लोक गीतों की गायिका आरु साहू व सुनील मानिकपुरी मुख्य आकर्षण का केंद्र होंगे.
तातापानी महोत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश की घोषणा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश ने छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी रामवन गमन पथ परिपथ में तातापानी में स्थित राम चौराह पहाड़ को जोड़ने व छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी व जिले की धरोहर गौरलाटा को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने की घोषणा की हैं. वहीं मुख्यमंत्री ने तातापानी में मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना के 501 जोड़ो के विवाह समारोह में नव दम्पत्तियों को आशीर्वाद दिया. साथ ही विधायक मद से दी गई 9 एम्बुलेंस को भी हरि झंडी दिखाकर रवाना किया गया है. इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री डाक्टर प्रेम साय के साथ संसदीय सचिव चिंतामणी महाराज और क्षेत्रीय विधायक बृहस्पति सिंह मौजूद रहे.
तातापानी स्थल
छत्तीसगढ़ में स्थित तातापानी एक पर्यटन स्थल है और इस स्थान पर आठ से दस प्राकृतिक जलकुंड है और एक विशाल शिव की प्रतिमा है. जिसे जिला प्रशासन ने बनवाया था. ताता का स्थानीय भाषा में अर्थ गर्म होता है. इसलिए इस जगह का नाम तातापानी है. इन जलकुंडो का पानी भी गर्म है. जिसमें आप आलू , अंडे तक उबाल सकते हैं. ऐसी परंपरा है कि इस जलकुंड में स्नान करने से चर्म रोग ठीक हो जाता है. यहां पर प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर महोत्सव का आयोजन किया जाता है. वैज्ञानिकों के अनुसार इस क्षेत्र में सल्फर की मात्रा अधिक है इसलिए इस क्षेत्र का पानी गर्म है.