छत्तीसगढ़ के स्कूलों में एक नई शुरुआत होने जा रही है. प्रदेश के सभी स्कूलों में हर गुरुवार को एक विशेष क्लास लगाई जाएगी. जिसका फायदा छात्रों को मिलेगा. स्कूल शिक्षा मंत्री ने इसकी जानकारी दी है.
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा सत्र 2022-23 की शुरुआत हो चुकी है. इस सत्र में कोविड को लेकर कोई पाबदियां नहीं हैं, लेकिन फिर भी सरकार ने सुरक्षा बनाए रखने की बात कही है. ऐसे में अब छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों में एक विशेष क्लास की शुरुआत होने जा रही है. ताकि छात्रों को उनकी सुरक्षा के बारे में समझाया जा सके.
सुरक्षित व्यवहार की क्लास लगेगी
छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि प्रदेश में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है, सभी स्कूल लग रहे हैं. लेकिन स्कूलों में हर गुरुवार को सुरक्षित व्यवहार की क्लास लगेगी. जिसमें क्लास पहली से 5वीं और 6वीं से 12वीं तक के सभी छात्रों को सुरक्षित व्यवहार की जानकारी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी स्कूलों में गुरुवार को आधा घंटा कोविड-19 महामारी से बचाव के तरीके एवं सुरक्षित व्यवहार संबंधी गतिविधियां संचालित होंगी. ताकि छात्र अपने बचाव के गुण सीख सके.
कोरोना से बचाव सीखेंगे बच्चे
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस क्लास को 'सुरक्षित गुरुवार' के नाम से जाना जाएगा. जहां वीडियो क्लास से बच्चे सुरक्षित व्यवहार सीखेंगे. इस क्लास में कोविड सम्बंधित विभिन्न विषयों की जानकारी दी जाएगी. प्रायमरी और उससे ऊपर क्लास के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार किए गए हैं. इससे न केवल बच्चे सुरक्षित रहेंगे. बल्कि उनकी सेहत भी मजबूत होगी और वह भविष्य के लिए भी अपने आप को तैयार कर सकेंगे.
अभी भी है कोविड का प्रभाव
दरअसल, भले ही देशभर में अब कोविड की लहर कमजोर पड़ चुकी है. लेकिन कोविड का प्रभाव अभी भी बना हुआ है. हालांकि सभी राज्यों में फिर से स्कूल खोल दिए गए हैं. लेकिन कोविड की वजह से पिछले दो सालों में शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत नुकसान हुआ है. इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार ने इस नवाचार पहल की शुरुआत की है.
छत्तीसगढ़ में 'सुरक्षित गुरुवार' गतिविधियों पर आधारित 17 सप्ताह का एक कार्यक्रम है, जिसे कक्षा 1 से 5 तथा कक्षा 6 से 12 के लिए अलग-अलग बनाया गया है. शिक्षकों की सुविधा के लिए इसको वीडियो फॉर्म में भी बनाया गया है. ताकि इस प्रक्रिया के जरिए बच्चे महामारी से निपटने के गुण सीख सके. इसके अलावा स्कूलों में योग, व्यायाम, खेलकूद, सांस्कृतिक, साहित्यिक शिक्षा और ग्रुप डिस्क्शन की तैयारियां भी की जा रही है.
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