MP Election: बीजेपी के दिग्गज नेता गौरीशंकर शेजवार अचानक से रायसेन के बीजेपी कार्यालय पहुंच गए हैं, जहां उन्होंने एक बड़ा बयान दिया है.
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MP Election: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी इस बार अंदरूनी कलह से भी परेशान नजर आ रही है. खास बात यह है कि कई नेता जहां टिकट न मिलने के बाद बागी होकर चुनाव लड़ते नजर आ रहे हैं तो कई नेता पार्टी में तो हैं लेकिन उनकी नाराजगी बनी हुई है. बीजेपी एक और दिग्गज नेता ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है फिलहाल वह पार्टी में लूप लाइन में हैं. लेकिन वह पार्टी के साथ हैं.
गौरीशंकर शेजवार का बड़ा बयान
दरअसल, बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने खुद को लूप लाइन में बताया है. वह रायसेन जिले में राजनीति करते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से जिले की राजनीति से दूर थे. लेकिन चुनावी साल में तीन साल बाद वह अचानक से रायसेन में बीजेपी के जिला कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कई अहम बायन दिए.
लूप लाइन में हूं
दरअसल, बीजेपी में उपेक्षा से दुखी सीनियर लीडर डॉ गौरीशंकर शेजवार का कहना है 'भाजपा से कांग्रेस में जाने वाले नेता कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए गारंटी लेनी पड़ती है, जबकि वर्तमान में न तो मेरे पास कोई पद है और अभी में पार्टी में लूप लाइन में भी हूं. इसलिए पार्टी छोड़कर जा रहे लोगों को समझाना कठिन है.' उनका यह बयान अहम माना जा रहा है कि क्योंकि गौरीशंकर शेजवार पिछले कुछ समय से राजनीति से दूर थे.
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सात बार जीत चुके हैं विधायक का चुनाव
डॉ. गौरीशंकर शेजवार सांची विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से सात बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. वह प्रदेश सरकार में गृहमंत्री, वनमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जैसे भारी भरकम विभाग संभाल चुके हैं. इसके अलावा वह एक बार नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. हालांकि 2018 में उन्होंने अपनी जगह बेटे मुदित शेजवार को विधानसभा का चुनाव लड़वाया था. लेकिन उके बेटे मुदित को चुनाव में डॉ. प्रभुराम चौधरी से हार का सामना करना पड़ा था.
2020 से बदली परिस्थितियां
रायसेन जिले की राजनीति में 2020 के बाद से ही परिस्थितियां बदल गई. प्रभुराम चौधरी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. जहां वह बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव में विधायक बने थे. ऐसे में पार्टी ने इस बार भी प्रभुराम चौधरी को ही टिकट दिया है. हालांकि गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित भी यहां से दावेदारी कर रहे थे. लेकिन पार्टी ने इस बार उन्हें मौका नहीं दिया. जबकि कांग्रेस की तरफ से इस बार डॉ. जीसी गौतम चुनाव लड़ रहे हैं.
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