Parliament Security Breach: 'भारत को कुछ नहीं बस एक बम चाहिए', मास्टरमाइंड ललित की इस पोस्ट के क्या हैं मायने?
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Parliament Security Breach: 'भारत को कुछ नहीं बस एक बम चाहिए', मास्टरमाइंड ललित की इस पोस्ट के क्या हैं मायने?

Lalit Jha Parliament Plan: पुलिस की पूछताछ में आरोपियों की साजिश बेपर्दा हो रही है. अबतक जो खुलासे सामने आए हैं उससे ये पक्का हो गया है कि ये एक सोची-समझी साजिश थी. जिसके लिए बहुत पहले से प्लानिंग की गई थी.

Parliament Security Breach: 'भारत को कुछ नहीं बस एक बम चाहिए', मास्टरमाइंड ललित की इस पोस्ट के क्या हैं मायने?

Lalil Jha Parliament Case Disclosure: संसद में घुसपैठ की घटना (Parliament Security Breach) की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है. रोज नए-नए हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं. पता चला है कि संसद में घुसपैठ एक सोची-समझी साजिश थी. इसका प्लान बहुत पहले से तैयार किया गया था. प्लान में कोई चूक ना हो. इसकी भी पूरी तैयारी की गई थी. इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड ललित झा (Lalit Jha) है, जिसने अराजकता फैलाने के लिए पूरी स्क्रिप्ट लिखी थी. वो इतना शातिर था कि उसने पेशेवर अपराधियों की तरह पुलिस से बचने के कई तरीके आजमाए. इस बीच, ललित झा के सोशल मीडिया पोस्ट्स की भी जांच जारी है. ललित झा ने 2 महीने पहले सोशल मीडिया पर लिखा था, 'भारत को कुछ नहीं बस एक बम चाहिए. आज भारत को बम की जरूरत है.' ये पोस्ट 26 अक्टूबर को ललित झा ने की थी. ललित झा के पेज पर कई और भड़काऊ पोस्ट भी हैं.

ललित झा की अराजकता वाली स्क्रिप्ट का पर्दाफाश

बता दें कि संसद में अराजकता फैलाने वाली इस स्क्रिप्ट को लिखने वाला कोई और नहीं ललित ही था जो पुलिस की गिरफ्त में हैं. ललित झा ही पूरी प्लानिंग का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. ललित ने अलग-अलग प्रदेश के लोगों को अपने इस प्लान से जोड़ा और उन्हें संसद में घुसपैठ के लिए मोहरा बनाया. ललित झा, पूरी घटना को बाहर से मॉनिटर करता रहा.

ललित झा का कबूलनामा

ललित ने कबूल किया है कि अराजकता फैलाना मकसद था. वह डर का माहौल बनाना चाहता था. उसने सभी आरोपियों के मोबाइल लिए थे. उसने ही सभी आरोपियों के मोबाइल फोन नष्ट किए. राजस्थान से दिल्ली वापस आने से पहले उसने मोबाइल जला दिए. ललित सभी सबूत मिटाना चाहता था. हालांकि सबूत मिटाने की ललित की साजिश कामयाब होती नहीं दिख रही है क्योंकि पुलिस ने उसकी निशानदेही पर स्पॉट से जले हुए मोबाइल बरामद कर लिए हैं और उन्हें एफएसएल जांच के लिए भेज दिया है.

गूगल सर्च के जरिए की संसद की रेकी

उधर ललित की इस करतूत पर उसके माता-पिता भी हैरान हैं. उनको यकीन नहीं हो रहा है कि उनका बेटा संसद में घुसपैठ जैसी साजिश कर सकता है. हालांकि उन्होंने अपने बेटे को निर्दोष बताया है और कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही है. पुलिस की जांच में सामने आया है कि संसद में सेंधमारी का प्लान बहुत पहले से तैयार किया जा रहा था. सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने गूगल सर्च कर संसद भवन के आसपास के एरिया की रेकी की थी. प्लान में कोई चूक ना हो, इसके लिए संसद की सुरक्षा के पुराने वीडियो भी देख थे. आरोपी सनसनी फैलाने के लिए एक नहीं, दो नहीं कुल 7 स्मोक कैन लेकर पहुंचे थे.

क्या सेल्फ रेडिक्लाइज हैं आरोपी?

वहीं, पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने सेफ चैट्स को लेकर भी सर्च किया था. यही वजह है कि सभी आरोपी एक खास ऐप से बात करते थे ताकि वो पकड़े न जाएं. सनसनी फैलाने के लिए उन्होंने सत्र के दौरान ही संसद में घुसने की योजना तैयार की थी. अभी तक की जांच में सभी सेल्फ रेडिक्लाइज लग रहे हैं. साथ ही ये कई युवाओं को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश में जुटे हुए थे.

संसद कांड पर रोंगटे खड़े कर देने वाला खुलासा

संसद के बाहर हड़कंप मचाने के लिए आरोपी सिर्फ एक प्लान पर काम नहीं कर रहे थे. सनसनी फैलाने के लिए ये कई और खौफनाक प्लानिंग कर चुके थे. संसद में घुसपैठ करने वाले आरोपी सागर शर्मा ने पूछताछ में जो खुलासा किया, वो रोंगटे खड़े कर देने वाला है.

पूछताछ के दौरान आरोपी सागर शर्मा ने बताया कि पहले उनकी योजना संसद के बाहर खुद को आग लगाने की थी. लेकिन बाद में इस प्लान को छोड़ दिया गया. स्पेशल सेल को सागर ने बताया कि उसने खुद को जलने से बचाने के लिए एक खास Gel ऑनलाइन खरीदने की भी कोशिश की. लेकिन ऑनलाइन पेमेंट न होने के कारण वो Gel को खरीद नहीं पाया और संसद के बाहर खुद को आग लगने का प्लान ड्राप हो गया.

सभी आरोपी सोशल मीडिया को भी हथियार बना रहे थे. एक खास फैन पेज बनाकर युवाओं को बरगला रहे थे. बताया जा रहा है कि पुलिस इस पेज से जुड़े लोगों से पूछताछ कर सकती है. पुलिस उन लोगों की पहचान कर रही है जो आरोपी के संपर्क में आए थे.

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