Vizag Palace: क्यों सुर्खियों में है साउथ का जगन महल? दिल्ली वाले 'शीशमहल' से हो रही तुलना
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Vizag Palace: क्यों सुर्खियों में है साउथ का जगन महल? दिल्ली वाले 'शीशमहल' से हो रही तुलना

Jagan Mahal or Sheesh Mahal: देश की सियासत में आजकल एक महल बहुत चर्चा में है. आंध्र प्रदेश में बने इस महल को लेकर सियासी गलियारों में क्या चर्चा है. और इसकी तुलना दिल्ली वाले कथित 'शीशमहल' से क्यों हो रही है? आइए बताते हैं. 

Vizag Palace: क्यों सुर्खियों में है साउथ का जगन महल? दिल्ली वाले 'शीशमहल' से हो रही तुलना

Jagan Reddy's Vizag Palace JAGAN MAHAL: विशाखापत्तनम में रुशिकोंडा हिल पर बना एक महल इस वक्त देशभर की सुर्खियों में है. इस महल को आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने बनवाया है. आंध्र की नई सरकार ने आरोप लगाया है कि पिछली सरकार ने इसे बनाने में 500 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. इस आलीशान महल की चमक ऐसी है किसी की भी आंखें चौंधिया जाएंगी. मानो अमेरिका के व्हाइट हाउस का रंग भी इस जगन महल के सामने एकदम फीका पड़ जाएगा. अब इसकी तुलना दिल्ली वाले कथित 'शीशमहल' (Sheesh Mahal ) से क्यों हो रही है, आइए इसका जवाब भी आपको फटाफट और खटाखट दे देते हैं.

जगन महल की खासियत

500 करोड़ रुपये की लागत से बने इस शानदार महल में दुनिया की हर लग्जरी सुविधा मौजूद हैं. विशाखापत्तनम की रुशिकोंडा हिल पर बने इस महल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. बड़ी दूर से नजर आने वाले इस शीश महल को आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने बनवाया है. आंध्र की नई सरकार ने आरोप लगाया है कि पिछली सरकार ने इसे बनाने में 500 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. रुशिकोंडा पैलेस समुद्र के सामने करीब दस 9.88 एकड़ जमीन में फैला हुआ है.

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जगन महल बनवाने में 550 करोड़ खर्च: TDP

हाल ही में हुए आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत कर सत्ता में आई टीडीपी के नेताओं का कहना है कि उन्होंने इस शीश महल घोटाले का खुलासा किया है. क्योंकि इस महल के लिए 15 महीने की डेडलाइन के साथ 91 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था.

वहीं बाद में 95 करोड़ रुपये सिर्फ जमीन को समतल करने और 21 करोड़ सौंदर्यीकरण में खर्च कर दिए गए. इसमें 7 लग्जरी बिल्डिंग्स हैं और उनमें से 3 खासतौर पर रेजिडेंशियल बिल्डिंग हैं. इस इमारत में 12 बेडरूम बनाए गये हैं.

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आरोप है कि महल के इंटीरियर डेकोरेशन के लिए सामान और फर्नीचर पर करीब 33 करोड़ रुपये खर्च किए गए. सड़कों, नहरों और पार्कों के विकास पर 50 करोड़ का खर्च आया. इन लग्जरी सुविधाओं पर लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए. 

 

YSR Congress की सफाई

टीडीपी के आरोपों पर वाईएसआर कांग्रेस ने कहा है कि ये सरकारी संपत्ति थी. ऐसे में उनके नेता पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाना गलत है. 

दिल्ली में भला कहां कोई 'शीशमहल' है?

गौरतलब है कि टीडीपी ने जैसे आरोप पूर्व सीएम जगन रेड्डी पर लगाए हैं, वैसे ही आरोप दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास को लेकर बीजेपी ने लगाए थे. बीजेपी का कहा था कि - '12 साल पहले वो कहते थे कि अगर हम सत्ता में आए तो सरकारी गाड़ी और बंगला नहीं लेंगे लेकिन जब सत्ता मिल गई तो सुविधाएं लेने के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए.'

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बीजेपी ने दिल्ली में सीएम हाउस की तुलना शीशमहल से की थी.  बाद में सीएम केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन पर स्पेशल सीएजी ऑडिट का आदेश जारी किया गया था. एलजी ने मामले में सीएजी ऑडिट की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने जांच कराने की बात कही थी. तब केजरीवाल के सरकारी बंगले पर रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.

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(दिल्ली का सीएम हाउस)

तब की तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 'ऑपरेशन शीशमहल' जैसे नामों से प्रसारित खबरों के हवाले से आरोप लगाया गया था कि सीएम आवास में 8-8 लाख रुपये का एक पर्दा लगाया गया था.

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