जब टॉय गन और क्रिकेट बॉल से इंदिरा गांधी के समर्थकों ने हाईजैक कर लिया था हवाई जहाज
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जब टॉय गन और क्रिकेट बॉल से इंदिरा गांधी के समर्थकों ने हाईजैक कर लिया था हवाई जहाज

इंदिरा गांधी के दो सपोर्टर्स भोलानाथ पांडेय नाम के शख्स ने अपने करीबी दोस्त देवेंद्र पांडेय के साथ मिलकर एक टॉय गन और एक क्रिकेट की गेंद के साथ 126 यात्रियों को ले जा रहे एक हवाई जहाज को हाईजैक कर लिया था.

जब टॉय गन और क्रिकेट बॉल से इंदिरा गांधी के समर्थकों ने हाईजैक कर लिया था हवाई जहाज

बात साल 1978 की है, जब एक ऐसी घटना जिसने देश को हिलाकर रख दिया था, आज भी लोगों की यादों में ताजा है. इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) सत्ता से बेदखल हो चुकी थीं और देश में आपातकाल का घाव अभी भर रहा था, तब एक ऐसी घटना हुई जिस पर विश्वास नहीं किया जा सकता, लेकिन ऐसा हुआ था. तब इंदिरा गांधी के दो सपोर्टर्स ने एक टॉय गन और एक क्रिकेट की गेंद के साथ 126 यात्रियों को ले जा रहे एक हवाई जहाज को हाईजैक कर लिया. भोलानाथ पांडेय नाम के शख्स ने अपने करीबी दोस्त देवेंद्र पांडेय के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया था. यह घटना सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चर्चा का विषय बनी थी.

हाईजैक को लेकर फिर चर्चा में 'भोला' नाम

हाल ही में कंधार हाईजैक पर आई एक वेब सीरीज में आतंकियों के हिंदू नाम दिखाए जाने पर विवाद हो गया है. फिल्म में आतंकियों के नाम चीफ, डॉक्टर, बर्गर या बर्जर, भोला और शंकर दिखाए गए हैं, लेकिन दो नामों पर कई हिंदुओं ने आपत्ति जताई है. ऐसे में हम आपको एक ऐसे भोलानाथ पांडेय की कहानी बता रहे हैं, जिन्होंने अपने दोस्त देवेंद्र पांडेय के साथ मिलकर एक टॉय गन और एक क्रिकेट की गेंद से प्लेन को हाईजैक कर लिया था.

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क्यों हुआ यह हाईजैक?

ये दोनों युवक इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के समर्थक थे. इंदिरा गांधी को जेल में बंद देखकर वे बेहद दुखी थे और उन्हें किसी भी कीमत पर जेल से छुड़ाना चाहते थे. उन्होंने सोचा कि अगर वे एक हवाई जहाज को हाईजैक कर लेंगे तो सरकार को इंदिरा गांधी को रिहा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

कैसे हुआ हाईजैक?

दोनों युवक हवाई जहाज में सवार हुए और जैसे ही विमान उड़ान भरने लगा, उन्होंने खिलौने की बंदूक को असली हथियार बताते हुए पायलट को धमकाया. उनके पास एक क्रिकेट की गेंद भी थी, जिसे उन्होंने बम बताकर पायलट को डराया. पायलट और यात्री दोनों ही डर गए और उन्होंने युवकों की बात मान ली.

क्या हुआ आगे?

युवकों ने पायलट से कहा कि उन्हें इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के सामने ले जाया जाए. लेकिन, सरकार ने उनकी इस मांग को मानने से इनकार कर दिया. सरकार ने युवकों को समझाने की कोशिश की और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा. कई घंटों के बाद, युवक आत्मसमर्पण करने के लिए राजी हो गए और इंदिरा गांधी को जेल से नहीं छुड़ाया जा सका.

इस घटना का प्रभाव

इस घटना ने देश में सनसनी फैला दी थी. लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि कोई व्यक्ति एक खिलौने की बंदूक और एक क्रिकेट की गेंद से एक हवाई जहाज को हाईजैक कर सकता है. इस घटना ने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए. यह घटना इसलिए भी यादगार है क्योंकि यह दिखाती है कि लोग अपने नेताओं के प्रति कितने समर्पित हो सकते हैं. हालांकि, इस घटना से यह भी पता चलता है कि किसी भी समस्या का समाधान हिंसा करके नहीं किया जा सकता.

हाईजैक का फायदा भी मिला

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, इंदिरा गांधी को जेल से निकालने के लिए प्लेन को हाईजैक करने वाले भोलानाथ पांडेय को इसका फायदा भी मिला औ कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव का टिकट दे दिया. संजय गांधी के करीबी सहयोगी रहे भोलानाथ पांडेय उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के दोआबा विधानसभा सीट से दो बार कांग्रेस के विधायक (1980 और 1989) बने. उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव भी कांग्रेस के टिकट पर सलेमपुर से लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. भोलानाथ पांडेय के बेटे अभिषेक बताते हैं कि इंदिरा गांधी उन्हें अपने पालक बेटे (Foster Son) की तरह मानती थीं.

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