PM मोदी के रूस दौरे पर उठा अमेरिका के 'पेट में दर्द', भारत ने कर दी बोलती बंद
Advertisement
trendingNow12353256

PM मोदी के रूस दौरे पर उठा अमेरिका के 'पेट में दर्द', भारत ने कर दी बोलती बंद

Modi In Russia: हाल ही में जब पीएम मोदी ने रूस का दौरा किया तो ये बात अमेरिका को बहुत पसंद नहीं आई. इसकी बानगी पिछले कई दिनों से देखने को मिल रही है. अमेरिका की तरफ से आधिकारिक बयान भी इस पर आए.

PM मोदी के रूस दौरे पर उठा अमेरिका के 'पेट में दर्द', भारत ने कर दी बोलती बंद

India Russia America: धरती समेत पूरे ब्रह्मांड में अगर किसी अन्तरराष्ट्रीय जानकार से ये पूछ लिया जाए कि कौन सा वो एक देश है जिस पर भारत सबसे ज्यादा भरोसा कर सकता है.. तो शायद वो रूस का ही नाम लेगा. यह एक बात रही.. उधर यह बात भी सही है कि भारत-अमेरिका संबंधों की भी मिसाल दी जाती रही है और आज भी इनके संबंध सर्वोच्च हैं. लेकिन हाल ही में जब पीएम मोदी ने रूस का दौरा किया तो ये बात अमेरिका को बहुत पसंद नहीं आई. इसकी बानगी पिछले कई दिनों से देखने को मिल रही है. अमेरिका की तरफ से आधिकारिक बयान भी इस पर आए. लेकिन अब भारत ने शांत कर दिया और अमेरिकी चिंताओं को भी दूर कर दिया. 

मोदी की रूस यात्रा.. अमेरिका निराश 

हुआ यह कि अमेरिका प्रधानमंत्री मोदी के ऐसे समय रूस की यात्रा करने को लेकर निराश दिखा जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन नाटो शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे थे. यह बात अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन सांसदों से कही, जिन्होंने भारत-रूस के बढ़ते संबंधों को लेकर चिंता जाहिर की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 8-9 जुलाई को रूस की आधिकारिक यात्रा की थी. यह यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के बाद से मोदी की पहली रूस यात्रा थी.

अमेरिकी अधिकारी ने क्या कहा ?

यह भी सही है कि भारत ने 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है और लगातार बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान की वकालत की है. दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने मंगलवार को  संसदीय बैठक में अमेरिकी सांसदों से कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी की मॉस्को यात्रा के प्रतीकवाद और समय को लेकर हमारी निराशा के बारे में आपसे पूरी तरह सहमत हूं. हम अपने भारतीय मित्रों के साथ बातचीत कर रहे हैं.

लेकिन मोदी ने तो पुतिन को यूक्रेन युद्ध पर समझाया भी..

लू ने तो यह भी कह दिया कि मॉस्को में रहने के दौरान मोदी ने क्या किया, इस पर अमेरिका सावधानीपूर्वक गौर कर रहा है. उन्होंने कहा, हमने कोई नया बड़ा रक्षा सौदा नहीं देखा. हमने प्रौद्योगिकी सहयोग पर कोई बड़ी चर्चा नहीं देखी. इसके अलावा आपने देखा होगा कि मोदी ने पुतिन के सामने टेलीविजन पर सीधे प्रसारण में कहा था कि यूक्रेन में युद्ध को युद्ध के मैदान में नहीं जीता जा सकता और युद्ध में बच्चों की मौत को देखकर उन्हें कितना दर्द हुआ था.

अब भारत ने अपना पक्ष रख दिया 

उधर नौ जुलाई को पुतिन के साथ अपनी वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से यह कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है और शांति प्रयास बम और गोलियों के बीच सफल नहीं होते. भारत रूस के साथ अपनी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का दृढ़ता से बचाव करता रहा है और यूक्रेन संघर्ष के बावजूद संबंधों में गति बनाए रखी है. 

अब इस पूरे मसले पर भारत ने अपना पक्ष रख दिया है. विदेश मंत्रालाय ने कहा है कि हमारी रूस के साथ पुरानी मैत्री है. मल्टी पोलर वर्ल्ड में ये आज़ादी है कि सभी देश अपने हित में फैसला लें, चीजों को समझें और प्रतिक्रिया करें. बस इतनी ही बात से भारत ने अपना पक्ष रख दिया है. अब अमेरिका को जो समझना हो समझे लेकिन भारत उसे भी सम्मान देता है और अपने मित्र देश को भी सम्मान देता है. 

Trending news