Himachal Rajya Sabha Election 2024: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के नतीजे तो आपको पता चल गए हैं. भाजपा के हर्ष महाजन जीत गए हैं. असल में वह क्रॉस वोटिंग से बराबरी पर आए थे, जीते तो ड्रा से. वो भी नाम कांग्रेस के सिंघवी का निकला था. ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि ऐसा कैसे हुआ?
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Abhishek Manu Singhvi vs Harsh Mahajan: हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं... यह फिल्मी डायलॉग हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में बिल्कुल सटीक बैठता है. क्रॉस वोटिंग के कारण भाजपा ने कांग्रेस से मुकाबला 34-34 की बराबरी पर ला दिया था, पर जीत उससे दूर थी. इसके बाद जो ड्रा निकाला गया, उसने सबको हैरान कर दिया. जी हां, कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी का नाम ड्रा में निकला था फिर भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा. ऐसा कैसे हुआ, इसकी इनसाइड स्टोरी काफी दिलचस्प है.
हिमाचल राज्यसभा चुनाव में क्या हुआ?
हिमाचल प्रदेश में 9 विधायकों के क्रॉस वोटिंग के कारण भाजपा के हर्ष महाजन और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी दोनों को 34-34 वोट मिले थे. कांग्रेस के 6 और सुक्खू सरकार को समर्थन दे रहे 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के सपोर्ट में वोटिंग की थी. इस समय तक दोनों खेमों में धुकधुकी बढ़ी हुई थी. अगले पल कुछ भी हो सकता था. यह हाईवोल्टेज ड्रामा थोड़ा लंबा खिंचा और रूल की एंट्री हुई.
राज्यसभा चुनाव का नियम क्या है
जी हां, राज्यसभा चुनाव के इलेक्शन रूल्स 1961 की धारा 75 (4) में प्रावधान किया गया है कि अगर दोनों उम्मीदवारों को बराबर वोट मलते हैं तो विजेता का फैसला थोड़ा अलग तरीके से होता है. हां, यह ड्रा तो होता है लेकिन अलग तरह का. नियम के तहत (Conduct of Election Rules, 1961 Rajya Sabha) अगर राज्यसभा सीट के लिए दो या ज्यादा उम्मीदवारों को एकसमान वैल्यू के वोट मिलते हैं तो ड्रा के जरिए सबसे कम मूल वोटों वाले कैंडिडेट को बाहर कर दिया जाता है.
ET की रिपोर्ट के मुताबिक एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि रिटर्निंग ऑफिसर कैंडिडेट्स के नाम वाली पर्चियां एक बॉक्स में रखते हैं. उसे हिलाते हैं और जिस उम्मीदवार की पर्ची बाहर निकलती है वह मुकाबला हार जाता है. मतलब जिसके नाम की पर्ची बॉक्स में अंदर होती है, वह विजेता होता है. सुनकर हो सकता है आपको थोड़ा अटपटा लगे लेकिन यही सच है. यह रूल ही ऐसा है.
लोकसभा में रूल अलग
हां, चुनाव आयोग के एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा चुनाव में लॉटरी निकालने का सबसे बड़ा अंतर यही होता है कि लोकसभा चुनाव में टाई होने पर जिसका नाम बाहर निकलता है वह जीतता है लेकिन राज्यसभा चुनाव के समय ड्रा में जिसका नाम बाहर निकलता है वह हार जाता है. कल सिंघवी के साथ भी यही हुआ.
ऐसे में कुछ लोग कह सकते हैं कि सिंघवी के स्टार उनके फेवर में नहीं थे. कांग्रेस उम्मीदवार सिंघवी ने भी यही बात कही. उन्होंने कहा कि फैसला ईश्वर ने किया है. सामान्य ड्रा में जिसका नाम निकलता है वह जीतता है लेकिन चुनाव आयोग के अजीब रूल के तहत बॉक्स से जिसका नाम निकलता है वह हार जाता है, जैसे मैं हार गया.