Gulfisha Fatima Bail Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने 2020 दिल्ली दंगों के पीछे 'बड़ी साजिश' वाले केस में स्टूडेंट एक्टिविस्ट गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका सुनने से मना कर दिया. फातिमा की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पेश हुए थे.
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Supreme Court News in Hindi: सुप्रीम कोर्ट (SC) ने सोमवार को गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. फातिमा 2020 दिल्ली दंगों के पीछे 'बड़ी साजिश' के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) में आरोपी हैं. SC ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि वह फातिमा की याचिका पर 25 नवंबर को विचार करे. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने इस मामले में फातिमा की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) की कोई दलील नहीं मानी.
सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल की दलील
फातिमा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने SC से कहा कि हाई कोर्ट मामले की सुनवाई नहीं कर रहा है. केस को किसी न किसी बहाने से स्थगित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हाई कोई ने मामले को 24 बार इसलिए स्थगित किया क्योंकि पीठासीन जज छुट्टी पर थे तथा छह बार मामले को अन्य वजहों से स्थगित किया गया. सिब्बल ने कहा, 'यह स्वतंत्रता का प्रश्न है. उसके मामले को किसी न किसी बहाने से स्थगित किया जा रहा है. वह चार साल और सात महीने से जेल में है तथा उसका मामला दो साल से हाई कोर्ट में लंबित है.'
सिब्बल ने जमानत के लिए जोर देते हुए कहा, 'किसी को 4 साल और 7 महीने तक जेल में रखने का क्या मतलब है? वह एक महिला है, 31 साल की उम्र की. मुकदमा शुरू होने का कोई सवाल ही नहीं है.' सिब्बल ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई की अगली तारीख 25 नवंबर है. इसके बाद उन्होंने कहा, 'मुझे यहीं जमानत चाहिए.'
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'ड्यू प्रोसेस फॉलो कीजिए', सुप्रीम कोर्ट ने कहा
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि मामले में 'ड्यू प्रोसेस' (उचित प्रक्रिया) का पालन किया जाना चाहिए. अदालत ने कहा कि वह फातिमा द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई याचिका पर विचार नहीं कर सकती. हालांकि, SC ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में चार साल और सात महीने से हिरासत में है. बेंच ने कहा कि यदि कोई असाधारण परिस्थितियां न हों तो हाई कोर्ट में लंबित उसकी जमानत याचिका पर 25 नवंबर को सुनवाई की जानी चाहिए.
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गुलफिशा फातिमा कौन हैं?
गुलफिशा फातिमा एक स्टूडेंट एक्टिविस्ट हैं. वह पहली बार 2019-20 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान सुर्खियों में आईं. फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़के. इन दंगों में कम से कम 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे. 9 अप्रैल 2020 को पुलिस ने फातिमा को गिरफ्तार कर लिया.
फातिमा सहित कई अन्य लोगों पर आतंकवाद रोधी कानून- गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन पर दंगों के 'मुख्य साजिशकर्ता' होने का आरोप है. (भाषा इनपुट)