DNA: गोखले ब्रिज में Engineering Marvel का कमाल, कारीगरी ऐसी कि पेश हुई मिसाल
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DNA: गोखले ब्रिज में Engineering Marvel का कमाल, कारीगरी ऐसी कि पेश हुई मिसाल

Engineering Marvel यानी Engineering का चमत्कार ऐसे कमाल के निर्माण को कहा जाता है जिसके बारे में लोगों ने कल्पना तक नहीं की होती. और जो निर्माण भौतिकी के नियमों के खिलाफ होता है. Engineering Marvel में ब्रिज, ऊंची इमारतें, सुरंगे जैसे निर्माण शामिल होते हैं.

DNA: गोखले ब्रिज में Engineering Marvel का कमाल, कारीगरी ऐसी कि पेश हुई मिसाल

Gokhale Bridge Mumbai: ये है मुंबई का गोखले ब्रिज.. जिसे इसी 27 फरवरी को आवाजाही के लिए खोला गया. वर्ष 2018 में इस ब्रिज का एक हिस्सा गिर गया था..जिसके बाद इस ब्रिज को पूरी तरह तोड़कर दोबारा बनाया गया. सोमवार को जब इस पुल का उद्घाटन हुआ तो BMC ने सिर्फ 14 महीने में ब्रिज बना देने को अपनी बड़ी कामयाबी के तौर पर पेश किया..और इसे Engineering Marvel घोषित कर दिया...

अब आप सोच रहे होंगे कि मुंबई का गोखले ब्रिज भी देखने में किसी भी दूसरे ब्रिज जैसा ही सामान्य लगता है. तो फिर BMC इसे Engineering Marvel के तौर पर पेश क्यों कर रही है ? आखिर इस ब्रिज में ऐसी कौन सी खास बात हो गई कि BMC ने इसे Engineering Marvel ही घोषित कर दिया.

अब हम आपको इस ब्रिज की एक बड़ी ही Interesting बात बताते हैं..जिसे जानने के बाद आप BMC के इंजीनियर्स की काबिलियत का लोहा मानेंगे और गोखले ब्रिज को BMC का Engineering Marvel कबूल कर लेंगे.

गोखले ब्रिज की ऊंचाई 6 फीट ज्यादा..
गोखले ब्रिज को जुहू से आने वाले जिस बर्फीवाला फ्लाईओवर से जोड़ा जाना था, उस फ्लाईओवर से गोखले ब्रिज की ऊंचाई करीब करीब 6 फीट ज्यादा है. और इतना ही नहीं, गोखले ब्रिज और बर्फीवाला फ्लाईओवर के बीच इतना Gap है कि BMC को समझ नहीं आ रहा कि अब दोनों हिस्सों को कैसे जोड़ें ?

दरअसल गोखले ब्रिज को बनाते हुए बीएमसी के इंजीनियरों ने ऐसा चमत्कारी काम किया है जो लोगों की कल्पना से परे है और यही तो Engineering Marvel होने की पहली शर्त है. इतना ही नहीं..बीएमसी ने गोखले ब्रिज को बनाते वक्त Law Of Physics को भी कड़ी चुनौती दी है. जो Engineering Marvel होने की पहली शर्त है.

किसी ब्रिज को दूसरे ब्रिज से कनेक्ट करने के लिए Law Of Physics होता है कि दोनों ब्रिज के Connecting Point की ऊंचाई एक बराबर हो. और दोनों ब्रिज के Connecting Point के बीच कोई Gap ना हो. लेकिन बर्फीवाला फ्लाईओवर के Connection Point से गोखले ब्रिज का Connecting Point करीब 6 फीट ऊंचा है...और इतना ही नहीं..दोनों के Connecting Point के बीच दो से ढाई फीट से ज्यादा का Gap भी है.
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जिसको लेकर सोशल मीडिया पर BMC के इंजीनियरों की तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि दो ब्रिज कनेक्शन के बीच दो मीटर का अंतर बीएमसी का मास्टर स्ट्रोक है. और इससे ऐसी Jumping Cars के आविष्कार को Push मिलेगा जो कूदकर इस गैप को पार कर सकें.
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हैरत की बात तो ये है कि जिस गलती को लोगों ने पहली बार देखते ही पकड़ लिया. उसे BMC के काबिल इंजीनियर कभी देख ही नहीं पाए और ब्रिज तैयार भी हो गया...इस बारे में हम आगे बात करेंगे..पहले आपको गोखले ब्रिज से BMC के Blunder की रिपोर्ट दिखाते हैं...

वैसे ये मजाक की बात नहीं है..बल्कि बेहद गंभीर चर्चा का विषय है. आपने देखा कि कैसे देश की सबसे अमीर नगर निगम...BMC ने गोखले ब्रिज के रूप में कितना बड़ा Blunder किया है. लेकिन ये हुआ कैसे ? इसकी भी Chronology समझिये...

इसकी शुरुआत होती है साल 2018 से. जब जुलाई के महीने में भारी बारिश की वजह से गोखले ब्रिज पर Pedestrian Way का एक हिस्सा गिर गया था. घटना के चार साल बाद यानी साल 2022 में फैसला लिया जाता है कि इस गोखले ब्रिज को पूरी तरह तोड़कर दोबारा बनाया जाएगा.

रेलवे लाइन के ऊपर वाले हिस्से को बनाने का काम रेलवे डिपार्टमेंट का था, जिसका ठेका करीब 90 करोड़ का दिया गया था. जबकि ब्रिज के दोनो तरफ का हिस्सा जो रोड को रेलवे लाइन के ऊपर वाले हिस्से से जोड़ता है, उसका ठेका BMC का था जिसे करीब 110 करोड़ में Contractor को दिया गया था.

BMC 14 महीने के रिकॉर्ड टाइम में गोखले ब्रिज बनाकर तैयार कर देती है. और एक हिस्सा आम लोगों के लिए चार दिन पहले खोल दिया जाता है. तब पता चलता है कि नए वाले गोखले ब्रिज का अंधेरी वेस्ट वाला हिस्सा तो बर्फी वाला फ्लाईओवर से जुड़ ही नहीं सकता जो पहले पुराने वाले गोखले ब्रिज से जुड़ा करता था. क्योंकि दोनो ब्रिज के बीच में Gap है और दोनों ब्रिज की ऊंचाई में भी अंतर है...

अब सवाल ये है कि गलती किसकी है ? ये सवाल जब महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री दीपक केसरकर से पूछा गया तो उन्होंने सारा ठीकरा रेलवे पर फोड़ दिया...और जब रेलवे से इस बारे में जवाब मांगा गया तो जवाब मिला कि गोखले पुल से रेलवे का कोई लेना-देना ही नहीं है...

अब वजह कोई भी हो लेकिन ये मजाक की नहीं बल्कि बेहद शर्म की बात है कि BMC के इंजीनियरों को 14 महीने तक इतने बड़े Blunder के बारे में पता नहीं चला. सवाल BMC पर भी है कि क्या ये जानबूझकर किया गया या वाकई में BMC इतनी लापरवाह है ? कहने वाले तो ये भी कह रहे हैं कि शिंदे सरकार ने लोकसभा चुनाव के चलते जल्दबाजी में गोखले ब्रिज को तैयार करवाया है..जिसकी वजह से ब्रिज के Design की अनदेखी कर दी गई. लेकिन BMC और शिंदे सरकार..ये मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि कोई गलती हुई है. वो तो गोखले ब्रिज को अभी भी Engineering Marvel बता रही है.

(INPUT- DNA)

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