Jammu-Kashmir: क्या वह मृतकों को वापस ला सकते हैं? फारूक ने राजनाथ से पूछे तीखे सवाल
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Jammu-Kashmir: क्या वह मृतकों को वापस ला सकते हैं? फारूक ने राजनाथ से पूछे तीखे सवाल

Farooq Abdullah: जम्मू-कश्मीर में सेना के वाहन पर आतंकी हमले के बाद आज बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घाटी में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया है. राजनाथ सिंह के दौरे के बाद नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र पर निशाना साधा.

Jammu-Kashmir: क्या वह मृतकों को वापस ला सकते हैं? फारूक ने राजनाथ से पूछे तीखे सवाल

Farooq Abdullah: जम्मू-कश्मीर में सेना के वाहन पर आतंकी हमले के बाद आज बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घाटी में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया है. राजनाथ सिंह के दौरे के बाद नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र पर निशाना साधा. अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें राजनाथ सिंह की इस यात्रा से उन्हें कोई उम्मीद नहीं है. 

'राजनाथ की यात्रा से कोई उम्मीद नहीं'

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की जम्मू-कश्मीर यात्रा से उन्हें कोई उम्मीद नहीं है. हालांकि उम्मीद जताई कि पुंछ में नागरिकों की मौत जैसी घटनाएं पुन: नहीं होंगी. अब्दुल्ला ने यहां से 80 किलोमीटर दूर कुलगाम में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, "मुझे उनकी यात्रा से कोई उम्मीद नहीं है. क्या वह मृतक नागरिकों को वापस ला सकते हैं? क्या उनके पास वह शक्ति है? लेकिन वह इतना कर सकते हैं कि इस प्रकार का अन्याय दोबारा नहीं हो."

'क्योंकि हमारे लोग मारे गए हैं'

उन्होंने कहा कि सिंह यात्रा कर रहे हैं "क्योंकि हमारे लोग मारे गए हैं " और मंत्री "प्रभावित परिवारों के जख्मों पर मरहम लगाएंगे." पिछले बृहस्पतिवार को पुंछ में सेना के दो वाहनों पर आतंकवादी हमले में चार सैनिकों की मौत के बाद पूछताछ के लिए सेना द्वारा पकड़े गए गए तीन नागरिक बाद में मृत पाए गए थे. सेना के वाहनों पर आतंकी हमले के बाद सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए रक्षा मंत्री सिंह बुधवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और थलसेना प्रमुख मनोज पांडे के साथ राजौरी गए हैं.

भारत न्याय यात्रा पर क्या बोले फारूक?

कांग्रेस की भारत न्याय यात्रा के संबंध में फारूक ने कहा कि राहुल गांधी "देश को एकजुट करने का प्रयास कर रहे रहे हैं. वह समुदायों के बीच अविश्वास और नफरत को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं . हम पहले भी इस प्रयास का हिस्सा थे और हम पुन: इसका हिस्सा बनेंगे." कश्मीर के गाजा में बदलने संबंधी उनकी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, अब्दुल्ला ने पलटवार करते हुए कहा, “अगर दो देश मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए कोई रास्ता नहीं निकालेंगे तो क्या होगा? हमारे सामने आतंकवाद है. चीन भी हमारे सिर पर है. अगर यहां युद्ध हुआ तो बम कहां गिरेंगे? क्या बम हवा में फटेंगे या हम पर गिरेंगे?"

फिर अलापा पाकिस्तान से बातचीत का राग

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा था कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत के पक्ष में हैं, नहीं तो "हमें उसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा जैसा गाजा में फलस्तीनियों के साथ हो रहा है." उन्होंने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ताना संबंध सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत की वकालत करते रहे हैं. उन्होंने कहा, "इसलिए मैं अक्सर वाजपेयी के शब्दों को दोहराता हूं कि हम दोस्त तो बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते. वर्तमान प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि यह ऐसा युग है जब युद्ध से मुद्दों का समाधान नहीं हो सकता.’’

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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