Electric Buses: दिल्ली में मेट्रो के बाद अब ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में एक नई क्रांति होने जा रही है. अब शहर में इलेक्ट्रिक मोहल्ला बसें शुरू होने जा रही हैं.
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Mohalla Buses in Delhi: राजधानी दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिकों की सफलता के बाद अब एक नई शुरुआत होने जा रही है. केजरीवाल सरकार की ओर से अब शहर की सड़कों पर छोटे आकार की इलेक्ट्रिक मोहल्ला बसों (Electric Mohalla Buses) की शुरूआत की जा रही है. यह कदम शहर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुदृढ़ करने की दिशा में उठाया जा रहा है. इस मोहल्ला बस सेवा के उपयुक्त मार्गों का निर्धारण करने के लिए डीटीसी ने गुरूवार से विस्तृत सर्वे कर दिया है. यह सर्वे 1 जून से 15 जून तक चलेगा. इसके लिए 23 तकनीकी टीमों को स्टडी के लिए तैनात किया गया है.
सड़कों पर दौड़ेंगी 9 मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बसें
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने कहा, 'छोटे आकार की 9-मीटर बसें (Electric Mohalla Buses) उन मार्गों पर चलेंगी, जहां 12-मीटर बसों की पहुंच नहीं है. इसके लिए चल रहे सर्वे पर दिल्लीवासी भी अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव दे सकते हैं. दिल्ली सरकार ने इससे पहले कभी भी 2000 फीडर बसें नहीं खरीदी हैं. हम दिल्ली की जनता से प्रतिक्रिया लेने के साथ ही यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि इन मोहल्ला बसों द्वारा सभी महत्वपूर्ण मार्गों को कवर किया जाए.'
शहर में शुरू हुआ 15 दिनों का सर्वे
उन्होंने बताया कि इन बसों (Electric Mohalla Buses) के रूट के सर्वे के लिए गठित की गई टेक्नीकल टीमें मेट्रो स्टेशनों, बस टर्मिनलों और दिल्ली के विभिन्न इलाकों का दौरा करेंगी. टीमें प्रत्येक क्षेत्र में लास्ट माइल कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी. इस सर्वे में सड़कों की चौड़ाई, अतिक्रमण और परिचालन बाधाओं को भी देखा जाएगा. सर्वे में यह भी देखा जाएगा कि वहां पर ई-रिक्शा, ऑटो और दूसरे साधनों के कितने इंतजाम हैं.
वर्ष 2025 तक चलेंगी कुल 2180 बसें
मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने कहा कि दिल्ली सरकार के बजट भाषण में मोहल्ला बस योजना (Electric Mohalla Buses) की घोषणा की गई थी. इसके तहत दिल्ली सरकार ने 2025 तक कुल 2,180 ऐसी बसों को चलाने की योजना बनाई है. मोहल्ला बसों को विशेष रूप से दिल्ली के उन क्षेत्रों में चलाया जायेगा जहां सड़क की चौड़ाई सीमित है या जहां भीड़भाड़ की वजह से नियमित 12-मीटर बसों का संचालन मुश्किल है. इस कदम से इन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने और निवासियों के लिए परिवहन पहुंच में सुधार की उम्मीद है.
(इनपुट आईएएनएस)