DNA with Sudhir Chaudhary: सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण बना 'धर्म सिद्ध' अधिकार? जहांगीरपुरी और शाहीन बाग में फिर लौटा एनक्रोचमेंट
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DNA with Sudhir Chaudhary: सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण बना 'धर्म सिद्ध' अधिकार? जहांगीरपुरी और शाहीन बाग में फिर लौटा एनक्रोचमेंट

DNA on Jahangirpuri Encroachment Updates: दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में करीब डेढ़ महीने पहले हुई हिंसा के बाद अतिक्रमण रोधी अभियान शुरू किया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रुकवा दिया था. अब वहां पर फिर से अतिक्रमण लौट आया है. 

DNA with Sudhir Chaudhary: सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण बना 'धर्म सिद्ध' अधिकार? जहांगीरपुरी और शाहीन बाग में फिर लौटा एनक्रोचमेंट

DNA on Jahangirpuri Encroachment Updates: हम आपको दिल्ली के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) में उस जगह के बारे में बताते हैं, जहां आज से डेढ़ महीने पहले अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चले थे. आप ये देख कर हैरान हो जाएंगे कि इन जगहों पर अतिक्रमण एक बार फिर से वापस लौट आया है और लोगों ने वहां अपने मकान और दुकान फिर से बना लिए हैं.

जहांगीपुरी में अतिक्रमण रोधी ड्राइव रुकवाने पहुंच गई थीं वृंदा करात

आपको याद होगा, 20 अप्रैल को जब दिल्ली नगर निगम के बुलडोजरों ने इस इलाके में अवैध कब्जों पर कार्रवाई की थी तो उस समय हमारे देश में हंगामा खड़ा हो गया था. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट में सुबह सबसे पहले इस मामले की सुनवाई हुई थी और अदालत ने अतिक्रमण (Jahangirpuri Encroachment) के खिलाफ इस कार्रवाई को रोकने के आदेश दे दिए थे. इसके अलावा तब लेफ्ट पार्टी CPM की नेता बृंदा करात सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर खुद जहांगीरपुरी पहुंच गई थी और उन्होंने बुलडोज़र चला रहे कर्मचारी को ये आदेश दिखा कर इस कार्रवाई को रोकने की कोशिश की थी. उस समय जिन लोगों के अवैध कब्जों को हटाया गया था, वो तमाम लोग तब ये कह रहे थे कि उन्हें इस कार्रवाई से पहले कोई नोटिस नहीं मिला.

क्या सुप्रीम कोर्ट अब अतिक्रमण का संज्ञान लेगा?

आज हमारा इन लोगों से सवाल है कि जब इन लोगों ने फिर से सड़कों पर अतिक्रमण (Jahangirpuri Encroachment) किया तो क्या इन्होंने प्रशासन को कोई नोटिस दिया या पुलिस को इसके बारे में कोई जानकारी दी. आज हमारा सवाल सुप्रीम कोर्ट से भी है कि क्या सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले का संज्ञान लेगा? हमारा सवाल उन नेताओं से भी है, जिन्होंने पब्लिक की ज़मीन पर कब्जा करने वाले इन लोगों का उस समय बचाव किया था. क्या आज ये नेता इस इलाके में जाकर इन लोगों से ये कहेंगे कि उन्होंने सरकारी जमीन पर एक महीने में फिर से कब्जा कैसे कर लिया?

शाहीन बाग में भी फुटपाथों पर हुआ कब्जा

20 अप्रैल को इस इलाके में जिन स्थानों पर बुलडोज़र चलाया गया था, आज उन सभी स्थानों पर लोगों ने फिर से अतिक्रमण (Jahangirpuri Encroachment) कर लिया है. ये बताता है कि हमारे देश में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करना कितना आसान है और उसे हटाना कितना मुश्किल है. ये सिर्फ राजधानी के किसी एक इलाके में नहीं हुआ है बल्कि दिल्ली के शाहीन बाग में भी लोगों ने फिर से फुटपाथ पर अतिक्रमण कर लिया है.

लोगों का सड़क पर चलना हुआ दूभर

पिछले दिनों जब दिल्ली नगर निगम की टीम शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची थी तो इस टीम को ये कह कर वहां से वापस लौटा दिया गया था कि इलाके के लोगों ने पहले ही फुटपाथ और दूसरी सरकारी जमीन को खाली कर दिया है. लेकिन जब हमारी टीम इस इलाके में पहुंची तो पता चला कि शाहीन बाग में अब भी कुछ नहीं बदला है और वहां की सड़कों और फुटपाथ पर आज भी लोगों ने अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है.

सरकारी जमीनों पर कब्जे पर सब चुप

दुर्भाग्य ये है कि, हमारे देश में जब इस अतिक्रमण (Jahangirpuri Encroachment) पर कार्रवाई होती है तो उसके खिलाफ़ सब एकजुट होकर खड़े हो जाते हैं. लेकिन जब अतिक्रमण किया जाता है तो इसके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाता. यही वजह है कि जहांगीरपुरी से लेकर शाहीन बाग तक लोगों ने एक बार फिर से पब्लिक की जमीन पर कब्जा कर लिया है. इस पर हमारे देश की अदालतें और विपक्षी दलों के नेता चुप हैं. लिबरल गैंग और हमारे देश के बुद्धिजीवियों ने भी इस पर कुछ नहीं कहा.

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