देश की चुनौतियों पर सरकार की तैयारियों को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ZEE NEWS से बात की.
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नई दिल्ली: ऐसा लग रहा है कि 2020 भारत के लिए चुनौतियों का साल बनकर आया है. कोरोना वायरस ने देश के करोड़ों लोगों की जान को खतरे में डाला है तो इसकी वजह से अर्थव्यवस्था को भी गहरी चोट पहुंची है. अभी इन दोनों चुनौतियों से भारत उबर ही रहा था कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अम्फान तूफान आ गया. इस तूफान ने भी भारी तबाही मचाई है.
इन्हीं चुनौतियों पर सरकार की तैयारियों को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ZEE NEWS से बात की. धर्मेंद्र प्रधान के पास स्टील, पेट्रोलियम और नेचुरल गैस जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय है और खास बात ये है कि वो ओडिशा से आते हैं और अम्फान तूफान को लेकर केंद्र सरकार की रणनीति बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है.
ZEE NEWS ने धर्मेंद्र प्रधान से कई प्रमुख सवाल पूछे जिनका जवाब आप DNA के वीडियो में सुन सकते हैं. हमने धर्मेंद्र प्रधान से पहला सवाल अम्फान तूफान को लेकर पूछा. हमने पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तूफान प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे, इसलिए मैं आपसे जानना चाहता हूं कि इस तूफान ने कितना नुकसान किया है और क्या इसने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई पर भी बुरा असर डाला है?
देखें DNA में ZEE से धर्मेंद्र प्रधान की खास बातचीत-
हमने उनसे दूसरा सवाल पूछा कि देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है. ऐसे में सरकारी योजनाओं का महत्व बहुत बढ़ जाता है. आंकड़ों के मुताबिक सरकारी कंपनियां 42 हजार 790 करोड़ रुपए की 511 योजनाएं चला रही हैं. ये योजनाएं देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में कितनी मददगार साबित होगी?
हमारा तीसरा सवाल ये था कि कोरोना वायरस की वजह से अप्रैल महीने में भारत में पेट्रोल, डीजल और जेट फ्यूल की मांग में करीब 70 प्रतिशत की कमी आई, क्योंकि पूरे देश में लॉकडाउन था. आपको क्या लगता है कि पेट्रोल-डीजल और जेट फ्यूल की मांग कब तक सामान्य स्तर पर पहुंचेगी और क्या ये कभी पहले जितनी हो पाएगी. क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से लोगों के जीवन में बहुत बदलाव आए हैं और अब लोग शायद पहले की तरह बड़ी संख्या में सड़कों पर निकलने से बचने लगेंगे.
हमने धर्मेंद्र प्रधान से पूछा कि Society of Indian Automobile Manufacturers की एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च महीने में भारत में पैसेंजर और कॉमर्शियल गाड़ियों की बिक्री में भारी गिरावट आई. क्या आपको लगता है कि लॉकडाउन में दी गई रियायतें लोगों को गाड़ियां खरीदने के लिए फिर से आकर्षित कर पाएंगी?
हमने पूछा कि तेल की खपत के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है. हाल ही में हमने देखा कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमतों में भारी कमी आई, अमेरिका में तो कीमतें माइनस तक मे चली गई थी. आपके हिसाब से भारत के लिए अच्छी खबर है या बुरी और क्या इससे जो पेट्रोल डीजल जनता खरीदती है, उसकी कीमतें भी कम होंगी?
हमने उनसे पूछा कि भविष्य में भारत में तेल की खपत को लेकर भारत सरकार का क्या नजरिया है, सरकार चाहती है कि ये खपत लगातार बढ़ती रहे या सरकार तेल पर निर्भरता कम करना चाहती है?
हमने उनसे पूछा कि क्या Electronic गाड़ियों को आप देश के भविष्य के तौर पर देखते हैं. ये तेल की खपत कम करने का अच्छा उपाय हो सकती हैं लेकिन ग्राहकों को अब भी लगता है कि भारत में Electronic वाहन बहुत महंगे है. क्या भविष्य में इन्हें सस्ते दामों में उपलब्ध कराने की सरकार की कोई योजना है?
हमने धर्मेंद्र प्रधान से पूछा कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना को हाल ही में 4 साल पूरे हुए हैं. आपको क्या लगता है कि इस योजना ने भारत के नागरिकों खासकर महिलाओं की बेहतरी में क्या भूमिका निभाई है और कोरोना वायरस के दौर में इस योजना का फायदा आम आदमी को कैसे हुआ है? क्योंकि आंकड़ा ये कहता है कि लॉकडाउन के दौरान करीब 6 करोड़ 92 लाख मुफ्त सिलेंडर डिलीवर किए गए हैं.