DNA ANALYSIS: 'अम्फान' तूफान से निपटने के लिए कितने तैयार हैं हम?
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DNA ANALYSIS: 'अम्फान' तूफान से निपटने के लिए कितने तैयार हैं हम?

अब हम बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान अम्फान का विश्लेषण करेंगे, जो अब सुपर साइक्लोन यानी बहुत बड़े तूफान में बदल चुका है.

DNA ANALYSIS: 'अम्फान' तूफान से निपटने के लिए कितने तैयार हैं हम?

नई दिल्ली: अब हम बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान अम्फान का विश्लेषण करेंगे, जो अब सुपर साइक्लोन यानी बहुत बड़े तूफान में बदल चुका है. मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि अम्फान तूफान, 20 मई को बेहद भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच तटों से गुजरेगा और इस दौरान हवाओं की गति 115 से 165 किलोमीटर प्रतिघंटा बनी रहेगी जो बीच-बीच में 200 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक की रफ्तार पकड़ सकती है. 

मौसम विभाग की तरफ से जानकारी दी गई है कि ये तूफान पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में बड़े पैमाने पर तबाही मचाएगा. तूफान, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, पूर्वी मिदनापुर, हावड़ा, हुगली जिले से होकर गुजरेगा. जहां पर कच्चे घर, पुराने पक्के घर, रेल की पटरियां, सड़कें, बगीचे, नारियल के पेड. बड़े जहाज और बिजली के खंबों को भारी नुकसान पहुंच सकता है. समुद्री तूफान के पश्चिम बंगाल पहुंचने से पहले मंगलवार को कई जिलों में भारी बारिश शुरु हो चुकी है. 

मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया है. जिसको देखते हुए पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स यानी NDRF की 19 कंपनियों तैनात हैं जबकि दो स्टैंड बाई पर हैं. इसके अलावा राज्य आपदा बल की भी कई कंपनियों को समुद्र तट पर तैनात किया गया है. 

पश्चिम बंगाल में करीब तीन लाख लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा चुका है. राज्य सरकार ने निर्देश दिया है कि कोरोना संकट के बीच इस चक्रवात से बचाने के लिए लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाते समय सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का विशेष तौर पर ख्याल रखा जाना चाहिए. 

ZEE NEWS की टीमें इस वक्त पश्चिम बंगाल में उस जगह पर पहुंच चुकी हैं, जहां अम्फान तूफान कल पहुंचेगा. जिससे निपटने के लिए ग्राउंड जीरो पर क्या तैयारियां की गई हैं. ये रिपोर्ट में देखिए. 

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, 21 वर्षों के बाद कोई सुपर साइक्लोन भारत के तटीय इलाके से टकराने वाला है. इससे पहले वर्ष 1999 में कोई सुपर साइक्लोन ओडिशा के तट से टकराया था, जिसमें दस हजार लोगों की जान चली गई थी और अब एक बार फिर इसी श्रेणी का चक्रवाती तूफान, पश्चिम बंगाल के समुद्र तट से टकराने आ रहा है. 

वैसे आपको बता दें कि इस चक्रवाती तूफान को अम्फान नाम थाइलैंड ने दिया है, तो अब अगर आप ये सोच रहे हैं कि तूफानों का नामकरण कैसे और क्यों होता है तो ये भी आपको बता देते हैं. 

देखें DNA-

दरअसल समुद्री तूफानों को नाम देने की शुरुआत, सबसे पहले अटलांटिक सागर के आसपास के देशों ने वर्ष 1953 में की थी. लेकिन बाद में सिस्टम बनाया गया कि तूफान जिस क्षेत्र में उठ रहा है, उसके आसपास के देश ही उसे नाम देते हैं. भारत की पहल पर वर्ष 2004 में, आठ देशों ने अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने वाले समुद्री तूफानों के नाम रखने का सिलसिला शुरु किया. इन आठ देशों में भारत के अलावा बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाइलैंड और श्रीलंका शामिल थे. वर्ष 2018 में इस लिस्ट में ईरान, कतर, सउदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन को भी जोड़ा गया. 

इन देशों ने तूफानों के लिए पिछले महीने ही 169 नाम फाइनल किए हैं जिसमें सभी 13 देशों से 13-13 नाम शामिल हैं. तूफानों को नाम देने के पीछे भी कई वजह हैं. जैसे कि नाम की वजह से लोग चेतावनी को ज्यादा गंभीरता से लेते हैं. तूफान से निपटने की तैयारी में भी मदद मिलती है. मीडिया को रिपोर्ट करने में भी आसानी होती है. लेकिन तूफानों के नाम तय करने के भी कई नियम होते हैं. जिसमें दो नियम महत्वपूर्ण हैं, पहला ये कि नाम छोटा और सरल हो जिसे लोग आसानी से बोल और समझ सकें और दूसरा नियम ये है कि कोई भी नाम, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील ना हो और ना ही उसका अर्थ भड़काऊ हो. 

चक्रवाती तूफानों के नामकरण की तो बात हो गई लेकिन अब सवाल ये है कि चक्रवाती तूफान क्यों आते हैं. ये भी आपको बताते हैं. जिस तरह पृथ्वी की सतह के ऊपर हवा होती है, उसी तरह समुद्र के ऊपर भी हवा होती है. 

और हवा हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ बहती है. जब हवा गर्म हो जाती है तो हल्की हो जाती है और ऊपर उठने लगती है.गर्मी के मौसम में जब समुद्र का पानी गर्म होता है तो इसके ऊपर मौजूद हवा भी गर्म हो जाती है और ऊपर उठने लगती है. गर्म हवा के तेजी से उठने पर नीचे की खाली जगह भरने के लिए ठंडी हवा तेजी से आ जाती है. इससे हवा चक्कर काटने लगती है और नमी से भरे बादल भी घूमने लगते हैं. और तूफान पैदा होता है. जिसे चक्रवात कहते हैं, गर्मी और नमी जितनी ज्यादा होती है, चक्रवाती तूफान उतना ही ज्यादा खतरनाक होता है. 

क्या आपको पता है कि चक्रवाती तूफानों को अलग-अलग जगह के हिसाब से अलग-अलग नाम से भी पुकारा जाता है. जैसे कि Cyclone (साइक्लोन), Hurricane (हरिकेन) और Typhoon (टाइफून). 

उत्तरी अटलांटिक महासागर और उत्तरी-पूर्वी प्रशांत महासागर में आने वाले चक्रवाती तूफान Hurricane कहलाते हैं. उत्तरी-पश्चिमी प्रशांत महासागर में आने वाले चक्रवाती तूफानों को Typhoon और दक्षिणी प्रशांत और हिन्द महासागर में आने वाले तूफानों को Cyclone कहा जाता है. 

भारत में आने वाले चक्रवाती तूफान दक्षिणी प्रशांत और हिन्द महासागर से ही आते हैं इसलिए इन्हें Cyclone कहा जाता है. चक्रवाती तूफानों के घूमने की दिशाएं भी अलग-अलग होती हैं. पृथ्वी के आधे ऊपरी हिस्से यानी उत्तरी गोलार्द्ध में आने वाले चक्रवाती तूफान, घड़ी की सुई के चलने की दिशा यानी Clockwise घूमते हैं. 

जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में आने वाले तूफान, घड़ी की सुई के चलने की विपरीत दिशा यानी Anti-Clockwise घूमते हैं. भारत दक्षिणी गोलार्द्ध में है इसलिए यहां आने वाले चक्रवात, Anti-Clockwise घूमते हैं. 

भारत में ओडिशा, गुजरात, आंध्र प्रदेश ,पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल जैसे तटवर्ती राज्य, चक्रवाती तूफानों से ज्यादा प्रभावित होते हैं और अब अम्फान तूफान, पश्चिम बंगाल के तट से टकराने वाला है.

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