Devendra Fadnavis Maharashtra CM: शपथ ग्रहण समारोह में पवार और उद्धव समेत कई नामचीन हस्तियां शामिल नहीं हुईं. फडणवीस ने हालांकि कहा कि ठाकरे ने साल 2019 के चुनावों में बीजेपी की पीठ में छुरा घोंपा था.
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Uddhav Thackeray News: देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. जबकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. बाद में देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि उनको सभी पार्टियों से शुभकामनाएं मिली हैं, जिसमें विरोधी उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार की पार्टी शामिल है.
देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि उनकी महाविकास अघाड़ी के नेताओं से फोन पर बातचीत हुई है. 'उन्होंने अच्छे से बात की और मुझे बधाई दी.'
शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आए पवार-उद्धव
हालांकि शपथ ग्रहण समारोह में पवार और उद्धव समेत कई नामचीन हस्तियां शामिल नहीं हुईं. फडणवीस ने हालांकि कहा कि ठाकरे ने साल 2019 के चुनावों में बीजेपी की पीठ में छुरा घोंपा था.
ये टिप्पणी उन्होंने संजय राउत के उस बयान के बाद दी, जिसमें शिवसेना नेता ने दावा किया था कि शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि भाजपा के शीर्ष नेताओं ने योजना बनाई थी कि अगर वह "जिद्दी'' बने रहे तो उनके बिना ही शपथ ग्रहण समारोह को किया जाएगा. हालांकि, फडणवीस ने इस दावे को खारिज कर दिया और एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने राउत के बयानों पर कभी प्रतिक्रिया नहीं दी.
'ठाकरें कहेंगे तो मैं प्रतिक्रिया दूंगा'
फडणवीस ने बयान में कहा, "अगर उद्धव ठाकरे कुछ कहेंगे तो मैं प्रतिक्रिया दूंगा. संजय राउत के पास राजनीतिक पार्टी खत्म करने का अनुभव है. हमारे पास पूर्ण बहुमत है तो मुझे नहीं लगता कि उद्धव ठाकरे की जरूरत है. उन्होंने अपने ऊपर हरी चादर डाल ली है. मुझे लगता है कि उनके कार्यकर्ताओं का दम घुटता होगा.''
पवार-उद्धव पर बरसे फडणवीस
उन्होंने 'वोट जिहाद' वाली अपनी पुरानी टिप्पणियों को भी दोहराया और उलेमा बोर्ड की 17 मांगों के आगे ‘झुकने’ के लिए पवार और ठाकरे को आड़े हाथों लिया.
23 नवंबर को आए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति ने बंपर जीत हासिल करते हुए एमवीए का सूपड़ा साफ कर दिया. बीजेपी 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिलीं.
ये नतीजे एमवीए के लिए किसी सदमे से कम नहीं रहे. कांग्रेस को महज 16 सीटें मिलीं. जबकि शरद पवार की एनसीपी को 10 और उद्धव की शिवसेना को 20 सीटों से संतोष करना पड़ा.