Fake Visa Passport: फर्जी वीजा-पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, सरगना ने लगाया था वेबसीरीज में पैसा
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Fake Visa Passport: फर्जी वीजा-पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, सरगना ने लगाया था वेबसीरीज में पैसा

Fake Passport Visa Racket: दिल्ली पुलिस ने मुंबई से चल रहे फर्जी वीजा-पासपोर्ट बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. अब तक पुलिस ने मुख्य मास्टरमाइंड समेत कुल 5 लोगों की गिरफ्तारी की है. पुलिस की माने तो मुख्य मास्टरमाइंड ने मराठी सिनेमा में भी खूब पैसा लगाया हुआ है.

फाइल फोटो

Fake Passport Visa Racket Busted: दिल्ली पुलिस ने मुंबई में कार्रवाई के दौरान फर्जी वीजा और पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के सरगना की पहचान जाकिर यूसुफ शेख के तौर पर हुई है. जबकि, उसके साथी का शिनाख्त मुश्ताक उर्फ ​​जमील पिक्चरवाला के रूप में हुई है.  पुलिस ने इनके पास से 325 भारतीय पासपोर्ट समेत कई अन्य आपत्तिजनक सामान भी बरामद किया है. 

सरगना ने वेबसीरीज में लगाया है पैसा

पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि गुजरात के नारायणभाई चौधरी नामक एक स्थानीय एजेंट की मांग पर जाली वीजा और पासपोर्ट की व्यवस्था मुंबई निवासी एजेंट जाकिर यूसुफ शेख और मुश्ताक जमील पिक्चरवाला द्वारा की गई थी. आईजीआई की डीसीपी तनु शर्मा ने कहा कि रैकेट के मास्टरमाइंड जाकिर यूसुफ शेख को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया है. यूसुफ शेख ने मराठी की कई वेबसीरीज में भी पैसा लगाया हुआ है.

ये हैं अन्य तीन आरोपी

कुवैत गए एक व्यक्ति के दस्तावेजों की जांच में संदेह होने पर जांच अधिकारियों ने उसे प्रत्यर्पित (डिपोर्ट) किया. उससे मिली जानकारी के बाद पूरे फर्जी रैकेट की जांच शुरू की गई.  जांच के दौरान दोनों एजेंट यानी मास्टरमाइंड जाकिर यूसुफ शेख और मुश्ताक उर्फ ​​जमील पिक्चरवाला को मुंबई से गिरफ्तार किया गया. फर्जी वीजा-पासपोर्ट मामले में इम्तियाज अली शेख, राजू भाई और संजय दत्ताराम नाम के तीन अन्य आरोपियों को भी मुंबई से गिरफ्तार किया गया.  फिलहाल पुलिस आगे की जांच कर रही है. 

325 फर्जी भारतीय पासपोर्ट बरामद  

मामले की जांच कर रही पुलिस ने आरोपियों के पास से 325 भारतीय पासपोर्ट और 175 वीजा (कनाडा, सिंगापुर, अमेरिका और अन्य देश के) बरामद किया है.  इसके साथ ही 1200 से अधिक स्टैंप्स, जिनमें विभिन्न देशों, हवाई अड्डों, दूतावासों और बैंकों के इमिग्रेशन शामिल हैं. 11 अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट जो भारत गणराज्य से जारी किए गए, 75 पासपोर्ट जैकेट, 17 आधार कार्ड, 12 कलर प्रिंटर्स, जाली भारतीय पासपोर्ट बनाने के लिए डाई, 2 लेमिनेशन मशीनें भी पुलिस को छापेमारी में मिली. एक पेपर कटर मशीन, 2 यूवी मशीन, फोटो पॉलिमर स्टैंप बनाने की मशीन, एक यूपीएस, 2 डेस्कटॉप कंप्यूटर और अन्य आपत्तिजनक साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं. बताया जा रहा है कि मास्टर माइंड यूसुफ शेख लगभग 25 साल से इस तरह के क्राइम से जुड़ा है. दूसरी तरफ फरार एजेंट नारायण भाई की तलाश जारी है. इस मामले में और लोगों के जुड़े होने की आशंका है.

(इनपुट: आकांक्षा)

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