Arvind Kejriwal: केजरीवाल के लिए काम न आईं सिंघवी की दलीलें, बहस के दौरान ED ने यूं मार ली बाजी
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Arvind Kejriwal: केजरीवाल के लिए काम न आईं सिंघवी की दलीलें, बहस के दौरान ED ने यूं मार ली बाजी

Delhi Highcourt: दिल्ली के सीएम की याचिका पर सुनवाई के दौरान ED की ओर से पेश ASG एसवी राजू ने दलील दी थी कि उन्हें केजरीवाल की अंतरिम राहत की मांग पर भी जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मिलना चाहिए.

Arvind Kejriwal: केजरीवाल के लिए काम न आईं सिंघवी की दलीलें, बहस के दौरान ED ने यूं मार ली बाजी

Delhi Highcourt: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल को अंतरिम राहत नहीं दी. कोर्ट ने इस मामले में 2 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने हो कहा है. मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी. इससे पहले हाईकोर्ट में ईडी और सीएम अरविंद केजरीवाल के वकीलों ने मजबूती से अपनी-अपनी डलियें रखीं. 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने याचिका में अपनी गिरफ्तारी और 22 मार्च को ट्रायल कोर्ट रिमांड के आदेश को चुनौती दी है. केजरीवाल की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और ED की ओर से ASG एसवी राजू मौजूद रहे.

AAP को निष्क्रिय करना ईडी का मकसद

सिंघवी ने कहा, लोकतंत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि सब दलों को बराबर मौका मिले पर यहां एक सिटिंग सीएम को चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्होंने गिरफ्तारी के वक्त पर सवाल खड़ा किया. सिंघवी ने कहा कि इस टाइम गिरफ्तारी इसलिए की गई ताकि केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए वक्त न मिले. अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 के बीच केजरीवाल को समन जारी किए गए, लेकिन एक बार भी उनका बयान दर्ज नहीं किया गया. बिना बयान दर्ज किए उनकी गिरफ्तारी की गई. ईडी का एक ही मकसद है कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को राजनीतिक रूप से निष्क्रिय कर दिया जाए.

केजरीवाल की हिरासत मौलिक अधिकार के खिलाफ 
ED की ओर से  पेश ASG एसवी राजू ने कहा - हमें याचिका की कॉपी कल ही मिली है. उन्होंने जवाब दाखिल के लिए तीन हफ्ते का वक्त मांगा. इस पर सिंघवी ने कहा कि ऐसी मांग करना गलत है. उन्होंने कोर्ट से गुजारिश की कि आज ही जिरह के बाद इस मामले पर फैसला लिया जाए. उनके मुवक्किल की एक दिन की हिरासत भी मौलिक अधिकार के खिलाफ है. सिंघवी ने कहा कि एसवी राजू की दलील ठीक नहीं है. ये मामले को लटकाने की कोशिश है.

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याचिका में जितना संभव हो सकता था, हमने उन्हें मुहैया करा दी है. इस मामले में कोर्ट के दखल की तुंरत जरूरत है. रिमांड की अवधि कल खत्म हो रही है. ये मूल अधिकारों का सवाल है. कोर्ट ने कहा, मुझे दोनों पक्षों को सुनकर फैसला देना है. इस केस में ED को जवाब दाखिल करने का मौका दिया जाना चाहिए. सिंघवी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लोकतंत्र और संविधान के बुनियादी ढांचे पर हमला बताया.

इसलिए PMLA को बनाया गिरफ्तारी का आधार 
सिंघवी ने अपनी दलील में कहा कि ED के मामलों में जमानत मिलना मुश्किल है. इसलिए PMLA के तहत गिरफ्तारी का बहुत पुख्ता आधार बनाया गया है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि PMLA के सेक्शन 19 के तहत गिरफ्तारी के लिए जरूरी शर्तें हैं, जिनके बाद ही गिरफ्तारी हो सकती है. ऐसे में उनके मुवक्किल पर ये केस खरा नहीं उतरता.  ED के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. 

खुद के खिलाफ गवाही के लिए नहीं कर सकते मजबूर 
सिंघवी ने ED के आरोप पर कहा, मैं जांच में सहयोग नहीं दे रहा है, ये दलील औचित्यहीन है. मुझे मेरे खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. ये मेरा अधिकार है. आप मुझे मेरे ही खिलाफ गवाही देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते. केजरीवाल की ओर से पेश वकील ने कहा, 2022 में जांच शुरू हुई. अक्टूबर 2023 में समन भेजा गया. अब बिना बयान दर्ज किए पिछले हफ्ते गिरफ्तार कर लिया. केजरीवाल ने सवाल किया-ऐसी गिरफ्तारी की जरूरत क्या है? ऐसा क्या है जो मुझे गिरफ्तार किए बिना ED नहीं कर पा रही. 

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ईडी को केजरीवाल की गिरफ्तारी से क्या मिला?
सिंघवी ने केस से जुड़े सरकारी गवाह बने लोगों के बयान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा, इस केस में आरोपी सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार हो जाता है. ED मनमाफिक बयान की एवज में उनकी अर्जी का विरोध नहीं करती, ताकि उसे जमानत मिल जाए. केजरीवाल ED से प्रश्नावली की मांग कर रहे थे, वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश होने को तैयार थे. उन्होंने पूछा गिरफ्तार कर ED ने क्या हासिल किया. सिंघवी ने अपनी दलील के समर्थन में SC के पुराने फैसलों का हवाला भी दिया. 

ED ने कहा, याचिका की कॉपी देर से मिली 
ED की ओर से ASG एसवी राजू ने कहा- मुझे मुख्य मांग ही नहीं, अंतरिम राहत की मांग पर भी जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मिलना चाहिए। अगर मुझे जवाब दाखिल करने के लिए भी समय नहीं मिल रहा तो फिर मेरी दलीलों की भी जरूरत क्या है. ED का ये अधिकार बनता है कि अंतरिम राहत की केजरीवाल की मांग पर भी उसे जवाब दाखिल करने का मौका मिले. कोर्ट इस अधिकार से वंचित नहीं कर सकता.  हम 25 और 26 को केजरीवाल पक्ष से याचिका की कॉपी मांगते रहे, लेकिन हमें उपलब्ध नहीं कराई गई. वो नहीं चाहते थे कि ED को केस की तैयारी के लिए वक्त मिले.

इस पर कोर्ट ने कहा, अगर केजरीवाल की याचिका ED को कल दोपहर को ही मिली है तो फिर हम नोटिस जारी करेंगे. ED को जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मिलना चाहिए. कोर्ट का आदेश शाम 4 बजे आएगा. आदेश वेबसाइट पर अपलोड होगा. 

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