Crisis of Doctors: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि यहां अस्पतालों में डॉक्टरों (विशेषज्ञ - 39 प्रतिशत) और (चिकित्सा अधिकारी - 21 प्रतिशत ) के लगभग 30 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं.
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Delhi Government: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि राज्य सरकार के अस्पतालों में डॉक्टरों और विशेषज्ञों के कई पद खाली पड़े हैं. इन रिक्त पदों पर भर्ती के लिए कई बार उन्होंने उपराज्यपाल से कहा है, लेकिन भर्ती नहीं की जा रही. भारद्वाज ने इस संदर्भ में उपराज्यपाल को पत्र लिखा है. स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि डॉक्टरों और विशेषज्ञों की भारी कमी को दर्शाते हुए, उन्होंने एलजी को कई बार लिखा है. वह मार्च 2023 में बतौर स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली सरकार में शामिल हुए और अप्रैल 2023 में उन्होंने डॉक्टरों की 292 रिक्तियों और विशेषज्ञों की 234 रिक्तियों को भरने के लिए उपराज्यपाल को लिखा.
भारद्वाज के मुताबिक, इसके साथ ही उन्होंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि डॉक्टरों की भर्ती के लिए वे यूपीएससी पर निर्भर न रहें क्योंकि इसमें काफी समय लगेगा. उन्होंने अनुबंध के आधार पर भर्ती करने का सुझाव दिया.
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक इस अनुरोध के 45 दिन के बाद 6 जून 2023 को उन्होंने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी को पूरा करने के लिए अनुबंध के आधार पर डॉक्टरों और विशेषज्ञों की भर्ती के लिए एक बार फिर पत्र लिखा. इन सब के बावजूद एलजी ने एक भी डॉक्टर की भर्ती नहीं की.
भारद्वाज ने बताया कि इस वर्ष 2 जनवरी को उन्होंने फिर एलजी को 15 पेज का नोट भेजकर यह मुद्दा उठाया.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि यहां अस्पतालों में डॉक्टरों (विशेषज्ञ - 39 प्रतिशत) और (चिकित्सा अधिकारी - 21 प्रतिशत ) के लगभग 30 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं. डॉक्टर के अलावा नर्सों और फार्मासिस्टों के भी क्रमशः 20 प्रतिशत और 33 प्रतिशत पद खाली हैं. दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में ओटी टेक, लैब टेक आदि पैरामेडिक्स के 1,658 पद खाली हैं.