NCP Party: शरद पवार और अजित पवार ने अपने राजनीतिक मतभेदों को अलग रखते हुए एक उद्योग परियोजना के कार्यक्रम में शिरकत की है. इसी मुलाकात के बाद एनसीपी के दोनों गुटों की संभावित सुलह पर सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है.
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति ने देश के लोगों को चौंकाने का इतना भरोसा जीत रखा है कि वहां कब क्या हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता है. इसी कड़ी में मराठा क्षत्रप शरद पवार और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच पुणे में हुई एक बंद कमरे की बैठक ने सियासी हलकों में चर्चाओं को जन्म दिया. इस बैठक के बाद कई कयास लगाए गए कि क्या इसमें नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के दोनों गुटों को फिर से एकजुट करने पर चर्चा हुई. लेकिन शरद पवार ने इन अटकलों को खारिज करते हुए साफ किया कि बैठक में किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर बात नहीं हुई. हालांकि उन्होंने कुछ बातें जरूर बताई हैं.
चीनी उद्योग परियोजना पर चर्चा
असल में शरद पवार ने बताया कि बैठक का मकसद सिर्फ एक चीनी उद्योग परियोजना से जुड़े विषयों पर चर्चा करना था. उन्होंने कहा कि बैठक में अजित पवार, मैं और चीनी उद्योग परियोजना से जुड़े अन्य लोग शामिल थे. इसमें किसी भी पार्टी से जुड़े मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई. यह बैठक वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट वीएसआई की वार्षिक आमसभा के दौरान आयोजित हुई. इसमें शरद पवार अध्यक्ष के रूप में और अजित पवार एक सदस्य के रूप में उपस्थित थे.
बैठक में बदला सीटिंग अरेंजमेंट
इस दौरान एक वाकया देखने को मिला जब बैठक के दौरान सीटिंग अरेंजमेंट में बदलाव हुआ. जहां पहले दोनों नेताओं को एक साथ बैठना था वहीं अजित पवार ने अपनी सीट एक कुर्सी हटाकर बदल ली. इस पर शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल को उनसे कुछ चर्चा करनी थी, इसलिए उन्हें बीच में बैठने दिया गया. अजित पवार ने भी इसे सामान्य बताया और कहा कि मैं तो कभी भी शरद पवार से बात कर सकता हूं. मेरी आवाज दूर तक पहुंच जाती है.
पार्टी एकता पर क्या बोले शरद पवार?
बैठक के बाद शरद पवार से पूछा गया कि क्या एनसीपी के दोनों गुटों के बीच सुलह की संभावना पर कोई चर्चा हुई. इस पर उन्होंने स्पष्ट किया कि बैठक में पार्टी से जुड़े किसी भी मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई. यह पूरी तरह से चीनी उद्योग परियोजना पर केंद्रित थी. वहीं अजित पवार ने भी इसी बात को दोहराते हुए राजनीतिक चर्चाओं से इनकार किया.
NCP के विभाजन के बाद पहली मुलाकात
यह बैठक खास इसलिए भी थी क्योंकि जुलाई 2023 में एनसीपी के विभाजन के बाद यह पहला मौका था जब दोनों नेता एक मंच पर दिखे. अजित पवार ने तब शरद पवार से अलग होकर शिवसेना-भाजपा सरकार का समर्थन किया था. इस मुलाकात ने पार्टी में संभावित सुलह को लेकर अटकलें तेज कर दी थीं, लेकिन दोनों नेताओं ने इसे सिरे से नकार दिया. एजेंसी इनपुट