Cashew farming: जी हां, आपने एकदम सही पढ़ा है. अगर आप 40-50 रुपये किलो के भाव पर काजू खरीदना चाहते हैं तो आपको देश के इस शहर के बारे में जरूर पता होना चाहिए. वैसे इस शहर का नाम ज्यादातर लोगों को पता भी होगा. आइए जानते हैं यहां इतने सस्ते में काजू क्यों मिलते हैं?
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Cashew in jamtara: काजू सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं. सर्दी के मौसम में आपको कई लोगों ने ड्रायफ्रूट्स के लड्डू खाने के बारे में भी बोला होगा, लेकिन जब इन्हें खरीदने जाते हैं तो जेब ढीली हो जाती है. अगर आप बेहद ही कम दाम पर काजू खरीदना चाहते हैं तो आपको भारत के इस शहर के बारे में पता होना चाहिए क्योंकि यहां काजू सब्जी के भाव पर बिकते हैं. शायद आपने इस शहर का नाम सुना भी होगा. झारखंड का जामताड़ा, जिसे ज्यादातर लोग सायबर फ्रॉड के नाम से ही जानते हैं लेकिन आपको बता दें कि यहां काजू की खेती भी होती है और 40-50 रुपये किलो के भाव पर लोग यहां इसे बेचते हैं.
इस वजह से सस्ता
झारखण्ड राज्य के जामताड़ा में आपको आलू-प्याज के दाम पर काजू मिल जाएंगे. अब आप सोच रहे होंगे, ऐसा कैसे हो सकता है, लेकिन यहां इतना सस्ता काजू मिलने के पीछे के कुछ वजह है. दरअसल, झारखण्ड में हजारों टन काजू की पैदावार होती है. अगर जामताड़ा जिला मुख्यालय की बात करें तो यहां से लगभग चार किलोमीटर दूर ही लगभग 49 एकड़ की विशाल कृषि भूमि है. जहां पर काजू की खेती की जाती है. यहां ड्राई फ्रूट के बड़े-बड़े बागान हैं. जहां काम करने वाले लोग बहुत ही सस्ते दाम पर ड्रायफ्रूट्स को बेच देते हैं.
चोरी हो रहे हैं काजू
यहां के किसानों के पास खेती करने के लिए ज्यादा सुविधाएं नहीं हैं, लेकिन फिर भी किसान इस खेती से खुश हैं. जामताड़ा के किसानों का कहना है कि कुछ साल पहले यहां के एक्स डिप्टी कमिश्नर ने उड़ीसा के कृषि वैज्ञानिकों की मदद से भू परिक्षण कराया और ड्राई फ्रूट की खेती शुरू करवाई. कुछ ही सालों में इसके बेहतर रिजल्ट देखने को मिले, लेकिन यहां निगरानी के इंतजाम न होने की वजह से फसल चोरी हो जाती है या बागान के मजदूर ही कम दाम पर बेच देते हैं.
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