Rover Pragyaan Update: चंद्रयान (Chandrayaan) पर गया रोवर प्रज्ञान अपने मिशन में जुट गया है. इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 के रोवर 'प्रज्ञान' ने चांद की सतह पर लगभग आठ मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है और इसके उपकरण चालू हो गए हैं.
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Chandrayaan-3 Latest Update: 23 अगस्त को जब हिंदुस्तान के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) ने चांद के साउथ पोल पर कामयाबी के साथ सॉफ्ट लैंडिंग की थी तो पूरा देश जश्न में डूब गया था लेकिन ये तो बस कामयाबी का दूसरा चरण था क्योंकि जिस काम के लिए लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर को चांद पर भेजा गया था वो असली काम तो अब शुरू हुआ है. हिंदुस्तान की कामयाबी की ये तीन तस्वीरें हैं जो भारत की चांद पर बुलंदी को दर्शा रहे हैं. 14 जुलाई से लेकर अबतक चांद पर भारत का तिरंगा शान से लहरा रहा है और हर दिन नए कीर्तिमान गढ़ रहा है.
चांद की सतह पर 8 मीटर चला रोवर
इसरो (ISRO) ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि रोवर ने चांद पर चहलकदमी शुरू कर दी है और लैंडर से निकलने के बाद प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर करीब 8 मीटर चल चुका है. रोवर में लगे दो उपकरणों को ऑन कर दिया गया है और वो अपना काम शुरू कर चुके हैं. चंद्रयान-3 के तीनों हिस्से यानी कि प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर मॉड्यूल तीनों सही तरह से काम कर रहे हैं.
Chandrayaan-3 Mission:
All planned Rover movements have been verified. The Rover has successfully traversed a distance of about 8 meters.
Rover payloads LIBS and APXS are turned ON.
All payloads on the propulsion module, lander module, and rover are performing nominally.…
— ISRO (@isro) August 25, 2023
रोवर के सामने क्या हैं चुनौतियां?
इसरो ने बताया कि चांद से भेजा गया वीडियो लैंडर पर लगे इमेजर कैमरे ने बनाया है. प्रज्ञान रोवर के पिछले पहियों पर इसरो का लोगो और राष्ट्रीय प्रतीक लगाया गया है. जैसे ही प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर आगे बढ़ा वैसे ही रोवर भारत की बुलंदी के निशान छोड़ते चला गया. हालांकि, इसरो ने Rover की जो नई तस्वीरें जारी की हैं, वो बता रही हैं कि इनमें लगे Sensor और उपकरण ठीक ढंग से काम रहे हैं. लेकिन चुनौतियां अभी भी बाकी हैं.
चांद पर भूकंप का चैंलेंज
सबसे बड़ी चुनौती Communication System को मेनटेन रखने की है. प्रज्ञान रोवर सीधे ISRO से संपर्क नहीं कर सकता है. ISRO लैंडर के जरिए रोवर के संपर्क में है. लैंडर और रोवर की सेफ पॉजिशन भी एक बड़ी चुनौती है क्योंकि चांद की सतह पर भी लगातार भूकंप आते रहते हैं. अगली बड़ी चुनौती है पावर सप्लाई को मेनटेन रखना है. इसके अलावा चंद्रमा से टकराने वाले उल्कापिंड भी मिशन के लिए खतरा बन सकते हैं. इस वक्त किसी भी चूक की कोई गुंजाइश नहीं है. इन्हीं सभी चुनौतियों से निपटने के लिए इसरो की टीम दिन रात जुटी हुई है.