DNA: बायजू का बंटाधार कैसे हुआ? रवींद्रन के खिलाफ लुक आउट नोटिस
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DNA: बायजू का बंटाधार कैसे हुआ? रवींद्रन के खिलाफ लुक आउट नोटिस

Byju Raveendran: ED चाहती है कि रवींद्रन देश छोड़कर न भागने पाएं. Byju's कंपनी दीवालिया होने की कगार पर पहुंच चुकी है । लेकिन आखिर ऐसा क्यों हुआ ? बायजू के फर्श से अर्श और फिर अर्श से फर्श पर आने की पूरी टाइमलाइन समझिए.

DNA: बायजू का बंटाधार कैसे हुआ? रवींद्रन के खिलाफ लुक आउट नोटिस

Byju's का नाम जरूर सुना होगा...वही बायजूस जिसकी शिक्षा जगत में क्रांति की तरह publicity की गई थी...Byju's ने बच्चों की पढ़ाई करने का तरीका ही बदल दिया था. एक छोटे से कोचिंग सेंटर से देश की पहली और सबसे बड़ी Ed-Tech कंपनी Byju's ने देश में कोचिंग का मतलब ही बदल दिया. एक्सपर्ट टीचर्स...Hitech Classrooms..up to date APP..Byju's को देश में डिजिटल शिक्षा क्रांति का सबसे बड़ा Brand Ambassador कहा जाने लगा.

लेकिन फिर अचानक से Byju's का बुरा वक्त शुरु हो गया. अब हाल ये है कि ED ने Bureau of Immigration यानि BOI से Adtech firm Byju's के फाउंडर और CEO बायजू रवींद्रन के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करने के लिए कहा है। यानी ED चाहती है कि रवींद्रन देश छोड़कर न भागने पाएं...

इससे पहले Byju's के मालिक रवींद्रन के खिलाफ look out circular on intimation पहले से ही जारी है. जिसके खिलाफ look out circular on intimation जारी होता है उसके विदेश जाते समय इमिग्रेशन ऑफिसर जांच एजेंसी को इसके बारे में जानकारी देता है. लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ है कि एक कोचिंग क्लास से हजारों करोड़ रुपये की कंपनी बनाने वाले Byju's के मालिक रविंद्रन को देश की जांच एजेंसियां ढूंढ रही हैं.

दीवालिया होने की कगार पर पहुंच चुकी..
वैसे Byju's के बुरे दिन तो काफी लंबे वक्त से चल रहे हैं. यहां तक कि Byju's कंपनी दीवालिया होने की कगार पर पहुंच चुकी है. लेकिन आखिर ऐसा क्यों हुआ ? बायजू के फर्श से अर्श और फिर अर्श से फर्श पर आने की पूरी टाइमलाइन हम आज आपको बताएंगे. लेकिन पहले आपको बताते हैं कि Byju's के मालिक रविंद्रन को देश की जांच एजेंसियां क्यों ढूंढ रही हैं..ये पूरा मामला है क्या...

दरअसल ED ने Byju's की पैरेंट कंपनी Think & Learn Private Ltd और उसके मालिक रविंद्रन पर नवंबर, 2023 में FEMA यानी Foreign Exchange Management Act के तहत मामला दर्ज किया था.
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पैसा भारत के बाहर भेजा?
ये मामला करीब 9,362 करोड़ रुपये का है..आरोप है कि Byju's की पैरेंट कंपनी ने ये पैसा भारत के बाहर भेजा और विदेशों में निवेश किया. इससे केंद्र सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ था. आसान शब्दों में कहें तो Byju's के मालिक रविंद्रन पर आरोप है कि उन्होंने देश में कमाए पैसे को गलत तरीके से विदेश भेजा. जिसका खामियाजा Byju's ने भुगता...पिछले कुछ वक्त में Byju's के साथ दो और बड़ी चीजें हुईं हैं..

पहली ये कि - भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI ने Byju's के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरु की हुई है. Byju's पर भारतीय क्रिकेट टीम की स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रेक्ट में 158 करोड़ रुपये की पेमेंट में चूक का आरोप है. और दूसरी ये कि - Byju's का वैल्युएशन पिछले डेढ़ साल में 86 प्रतिशत घट चुका है. वर्ष 2022 में कंपनी की प्रॉपर्टी 30 हजार 600 करोड़ थी, जो अब 833 करोड़ रह गई है.

आमदनी अठन्नी और खर्चा रूपैया
अब Byju's की हालत ऐसी हो चुकी है कि उसके पास कर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं हैं. एक तरफ Byju's के कर्मचारियों की सैलरी अटकी हुई है और दूसरी तरफ कंपनी पर कर्ज बढ़ता चला जा रहा है. आमदनी अठन्नी और खर्चा रूपैया. Byju's के Down Fall की सबसे बड़ी वजह यही है. जिसे BYJU'S के मालिक लगातार LOAN लेकर पूरा कर रहे थे...लेकिन फिर हालत ये हो गई कि लोन की किश्त चुकाने तक के पैसे नहीं बचे. और इसकी गाज Byju's के स्टाफ पर गिरी. जिन्हों कई महीनों से सैलरी नहीं मिल रही. जिसके खिलाफ आवाज उठाने पर Byju's से करीब पांच हजार कर्मचारियों को निकाल दिया गया.

चमत्कार से हाहाकार..
ZEE MEDIA संवाददाता शिवांक मिश्रा ने उन लोगों से बात की जो कभी BYJU'S का हिस्सा हुआ करते थे...जिन्हें Byju's से निकाल दिया गया...जिनकी बातें सुनकर आपको अंदाजा होगा कि आखिर BYJU'S में चल क्या रहा है..और कैसे BYJU'S शुरु करने वाले रविंद्रन ने ही BYJU'S के खात्मे की जमीन तैयार कर दी. चमत्कार से हाहाकार...बस इन्हीं दो शब्दों में छिपी है एडटेक कंपनी बायजूस की सफलता से दिवालिया होने तक की कहानी. जिस बायजूस ने बच्चों की पढ़ाई का तरीका बदल दिया, जिस एडुटेक प्लेटफॉर्म बायजूस ने अपने पढ़ाई के तरीके से हजारों करोड़ का साम्राज्य खड़ा कर लिया...उसी बायजूस के पास आज अपने कर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं है.

BYJU'S कभी भारत का सबसे ज्यादा कीमत का स्टार्टअप था...लेकिन आज उसके पास इतने पैसे नहीं हैं की इस्तीफा दिए कर्मचारी, जिसने Notice Period भी serve किया हो..सारे प्रोसीजर पूरे किए हो, उसके हक का पैसा उसे दे दे

इनसे मीलिए, इनका नाम अमन है, अमन BYJU'S के पूर्व कर्मचारी है. अमन को कंपनी ने दिल्ली से महाराष्ट्र भेजा था...टीम लीडर थे...लेकिन BYJU'S ने आव देखा ना ताव सीधा इस्तीफा मांग लिया. BYJU'S को लेकर सोशल मीडिया भी शिकायतों से पटा पड़ा है. कंपनी की इसी धोखाधड़ी का शिकार हुए है दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल मंजीत दहिया...जिन्हें 15 दिन में कोर्स कैंसल करने पर पूरा रिफंड का वादा किया गया था...लेकिन आधा ही मिला...

BYJU'S ने सिर्फ अभिभावकों को ही नहीं लूटा, बल्कि अपने कर्मचारियों को भी धोखा दिया...आशुतोष भी बड़े सपने लेकर कंपनी के साथ जुड़े थे, लेकिन धोखे के सिवा कुछ नहीं मिला

कर्मचारियों के पास क्या ऑप्शन?
हर कंपनी के कुछ नियम होते है, लेकिन BYJU'S के लिए शायद नियम कायदे मायनें नहीं रखते...जो मन में आया वही कर्मचारियों के साथ किया..ऐसे मामले में कानून क्या कहता है इसको लेकर हमने वरिष्ठा अधिवक्ता से जाना कि कंपनी पर किस तरह का एक्शन हो सकता है और कर्मचारियों के पास क्या ऑप्शन है. आज अगर आप सोशल मीडिया पर BYJU'S FNF SEARCH करेंगे तो आपको सैकड़ों पोस्ट मिल जायेंगी, जहां BYJU'S के पूर्व कर्मचारी BYJU'S से अपने हक का पैसा मांग रहे हैं..और शिकायत कर रहे हैं की BYJU'S ना उनके ईमेल का जवाब दे रहा है और ना ही कॉल का...

दरअसल Byju's ने कभी ऑर्गेनिक ग्रोथ करने की सोची ही नहीं...उसकी ग्रोथ लोन पर टिकी थी...और लोन पर ली हुई ग्रोथ ज्यादा दिन तक नहीं टिकती...अब आप खुद सोचिए...जिस कंपनी ने कोरोना के समय सबसे ज्यादा कमाई की हो...वो अचानक 2023 आते आते कैसे बर्बादी के रास्ते पर आ गया...इसके बारे में आपको बताएंगे, लेकिन पहले Byju's के फर्श से अर्श पर पहुंचने की कहानी बताते है...

Byju's की सफलता की शुरुआत केरल से हुई थी. जहां कोझिकोड नाम के कस्बे में रविन्द्रन और शोभनवल्ली रहते थे. इनके बेटे थे बायजू.
- साल 2003 के पहले तक न ही बायजू ने और न ही उनके माता-पिता ने सोचा था कि उनका बेटा ट्यूशन पढ़ाएगा.
- साल 2003 में 2 महीने की छुट्टी पर बायजू देश लौटे, इसके बाद उन्होंने MBA की तैयारी कर रहे अपने 2 दोस्तों को पढ़ाया.
- वर्ष 2007 में बायजू की लोकप्रियता इतनी बढ़ी की छोटी क्लास की जगह उन्हें ऑडीटोरियम में क्लास लेनी पड़ी.
- वर्ष 2011 के पहले तक बायजू केवल इंजीनियरिंग या MBA की एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कराते थे.
- लेकिन वर्ष 2011 में बायजू ने अपना एक एप लॉन्च किया. जिसका नाम रखा गया ‘थिंक एंड लर्न’. जिसके जरिये कक्षा एक से बाहरवीं तक के छात्रों को पढ़ाना शुरू किया. बस यही से इसकी सफलता का सफर शुरू हुआ.
- इसके बाद तो मानो कंपनी को पर लग गए, वर्ष 2017 में शाहरूख खान को कंपनी ने अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया.
वर्ष 2019 में कंपनी इंडियन क्रिकेट टीम की जर्सी तक पहुंच गई. यानी उनकी ऑफिशियल स्पॉन्सर बन गई.
- वर्ष 2020 में कंपनी का वैल्यूएशन 10.5 बिलियन डॉलर था, जिसके बाद दुनिया की सबसे बड़ी एडटेक स्टार्टउप बन गई.
- साल 2021 में Byju's ने पेटीम को पछाड़ा, इसी साल आकाश एजुकेशन सर्विसेस को 7300 करोड़ में ख़रीदा.
- किसी भी कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है...Byju's ने भी कंपनी को रफ्तार देने के लिए लोन लिया...लेकिन यही सबसे बड़ी चूक बनी...जिसकी वजह से कंपनी का ग्राफ धीरे धीरे नीचे आता गया...और कंपनी दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई...

2019-20 में कंपनी का revenue 2 हजार 511 करोड़ रूपये थे....जबकि घाटा सिर्फ 230 करोड़ का था...लेकिन वर्ष 2020-21 में बाइजूस का revenue घटकर 2 हजार 428 करोड़ रूपये हो गया...और घाटा 4,590 करोड़ रूपये हो गया...यानि रेवेन्यु घटता गया और घाटा बढ़ता गया...जिसके लिए कंपनी ने लोन लिया...और यहीं से कंपनी का ग्राफ नीचे आता गया.

Byju's पर करीब 10 हजार करोड़ रूपये का टर्म लोन है. कंपनी ने कहा है कि उसने 500 मिलियन डॉलर यानि करीब 4000 करोड़ रूपये सुरक्षित रखे है...लेकिन तब भी 6 हजार करोड़ रूपये की जरूरत होगी...और ये पैसा कहां से आएगा, इसका सवाल शायद Byju's के पास भी नहीं है...

कहते है कि over confidence बहुत घातक होता है...Byju's के साथ भी यही हुआ...कंपनी के CEO बायजू रविंद्रन का over confidence भी कंपनी के लिए घातक साबित हुआ...सवाल है कि अगर कंपनी दीवालिया होती है तो आगे किया होगा....

- Byju's अपनी EPIC कंपनी को बेच सकती है. जिसके लिए 6 महीने से बातचीत चल रही है..अगर Byju's अपनी EPIC कंपनी को बेचती है तो इससे करीब 3 हजार करोड़ रूपये आ सकते है. लेकिन अभी ये डील रूकी हुई है.
Byju's ने ग्रेट लर्निंग को 5 हजार करोड़ रूपये में खरीदा था. इसे बेचकर भी कंपनी अच्छी खासी कमाई कर सकती है.

रविंद्रन के पास आकाश एजुकेशन सर्विसेस है...जिसका Byju's ने 7300 करोड़ रूपये में अधिग्रहण किया था.

अगर इन तीनों कंपनियों को Byju's बेच देता है तो उसे करीब 12 हजार करोड़ रूपये मिलेंगे. टर्म लोन और मौजूदा लोन को अगर चुका दिया जाए तो Byju's के पास 2 हजार करोड़ रूपये ही बचेंगे.
लेकिन बायजूस अब एक ऐसा गुब्बारा बन गया है जो कभी भी फट सकता है. Byju's में वित्तीय उथल-पुथल के बीच कल कंपनी के प्रमुख निवेशकों की एक बड़ी बैठक भी होने वाली है...जिसमें इसके Founder CEO यानि बायजू रवीन्द्रन को हटाने की मांग की जा सकती है.

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