Dinesh Pratap Singh challenge Gandhi family: यूपी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने गांधी परिवार पर फिर हमला बोला है, और लेटर लिखकर खुला चैलेंज दिया है कि मैं इन सब गांधियों को रायबरेली आमंत्रित करता हूं, जब मन करे पंजा निशान लेकर, कॉग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के रूप में अकेले दिनेश प्रताप सिंह से चुनाव लड़ लें, तीन लाख वोट अगर पा जायेगें तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा. जानें पूरा मामला.
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Dinesh Pratap Singh: उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह के प्रियंका गांधी को 'बूढ़ी' कहने के बाद से ही यूपी में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. इसी बीच दिनेश प्रताप सिंह ने पूरे गांधी परिवार को वायनाड से लोकसभा उपचुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पर एक बार फिर हमला बोला और पूरे गांधी परिवार को 'पलायनवादी' करार दिया. साथ में खुली चुनौती भी दी है.
राजनीति से संन्यास लेने की चुनौती
दिनेश सिंह ने एक खुले पत्र के माध्यम से गांधी परिवार को चुनौती देते हुए कहा कि 'मैं इन सब गांधियों को रायबरेली आमंत्रित करता हूं, जब मन करे पंजा निशान लेकर, कॉग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के रूप में अकेले दिनेश प्रताप सिंह से चुनाव लड़ लें, तीन लाख वोट अगर पा जायेगें तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा.'
प्रियंका गांधी को बूढ़ी कहने पर बवाल
इसके पहले सिंह ने बुधवार को एक टिप्पणी में प्रियंका गांधी को "बूढ़ी" कहा था. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने तब राज्य की राजधानी के वीआईपी गौतम पल्ली इलाके में मंत्री के आधिकारिक आवास पर नेमप्लेट को काला कर दिया था और मुख्य द्वार पर पेंट से “चोर” लिख दिया था. नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को मंत्री के आधिकारिक आवास के बाहर आंदोलन शुरू कर दिया था, जिससे प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को तैनात करना पड़ा. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रियंका गांधी वाद्रा के खिलाफ सिंह की टिप्पणी की निंदा करते हुए तख्तियां और पोस्टर लेकर उनके आवास के चारों ओर घूमकर 'दिनेश प्रताप मुर्दाबाद' जैसे नारे लगाए.
लेटर लिखकर बोला हमला
इसके बाद राज्य मंत्री ने बृहस्पतिवार को एक पत्र जारी कर कहा, ‘‘मेरे लिए भारत की भारतीय संस्कार एवं संस्कृति से युक्त हर नारी मां भगवती के समान है, लेकिन मैं प्रियंका गांधी को उनके जीवन शैली आचरण व्यवहार, खान-पान आदि से कहीं से भी भारतीय संस्कार संस्कृति के अनुरूप नहीं पाता हूं .’’
प्रियंका वायनाड में क्यों लड़ रही चुनाव?
राज्य मंत्री ने पत्र में कहा, ‘‘जहां यह सत्य है कि रायबरेली से प्रियंका सिर्फ हार के भय से चुनाव नहीं लड़ीं, वहीं वायनाड से ही क्यों चुनाव लडने जा रही हैं, किसके प्रति उनका मोह और किसके प्रति उनका विरोध उन्हें वायनाड ले जा रहा है, यह शीशे की तरह साफ है तो सवाल होगा ही.’’ लंबे समय तक कांग्रेस में रहे दिनेश सिंह भाजपा में शामिल होने के बाद से ही गांधी परिवार पर आक्रामक हैं. उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘यह सही है कि ये ‘गांधी’ पलायनवादी हैं. सोनिया गांधी को जब तक अमेठी और रायबरेली से खाद्य रसद मिलती रही, तब तक अमेठी और रायबरेली की रहीं, जब देखा कि अब हार जायेंगी तो राजस्थान पलायन कर गयीं.’’ सिंह ने कहा, ‘‘इसी तरह राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड और फिर वायनाड छोड़कर रायबरेली और अब प्रियंका गांधी घर, ससुराल, ननिहाल, रायबरेली, अमेठी छोड़कर वायनाड पलायन कर रहीं हैं, इसी तरह हारने के बाद इन्दिरा गांधी भी रायबरेली छोड़कर मेढ़क (आंध्र प्रदेश) चली गयी थी तो सवाल उठेगा ही.’’
कौन हैं दिनेश सिंह?
दिनेश सिंह हाल में लोकसभा चुनाव में रायबरेली से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मुक़ाबले भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में ऐतिहासिक़ मतों के अंतर से पराजित हो गए थे. इसके पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली में सोनिया गांधी ने उन्हें पराजित किया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2024 का लोकसभा चुनाव वायनाड और अमेठी की दो सीटों से लड़ा था और दोनों सीटों पर विजयी हुए थे. उन्होंने वायनाड खाली कर दिया, जिससे सीट पर उपचुनाव की आवश्यकता हुई है. इस सीट के लिए पार्टी ने प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाया है. इनपुट भाषा से