Mani Shankar Aiyar: कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर फिर चर्चा में हैं. कभी अपनी किताब में लुखे खुलासों तो कभी अपने दशकों पुराने पॉलिटिकल एक्सपीरियंस को ब्रीफ करने के दौरान वो कुछ ऐसा बोल जाते हैं, जिससे पूरी कांग्रेस पार्टी स्तब्ध/सन्न रह जाती है. अय्यर ने विपक्षी इंडिया ब्लॉक की लीडरशिप पर बड़ा बयान दिया है.
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Mani Shankar : कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार अपनी पार्टी के लिए बैठे बिठाए बड़ा बखेड़ा खड़ा कर दिया है. इस बार उन्होंने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ब्लॉक के कंधे पर बंदूक रखते हुए अपने लीडरों पर निशाना लगा दिया. अय्यर ने अपने विराट अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ब्लॉक की अगुवाई करने का ख्याल दिल से निकाल देना चाहिए. उन्होंने साफ-साफ और बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा कांग्रेस को विपक्षी दल का नेता न बनने के लिए तैयार रहना चाहिए.
'जो भी नेता बनना चाहता है, उसे बनने दें. ममता बनर्जी में योग्यता है'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में ये सवाल पूछे जाने पर कि क्या कोई अन्य पार्टी विपक्षी दलों के गठबंधन का नेतृत्व कर सकती है? इसके जवाब में अय्यर ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि ये कोई प्रासंगिक सवाल है. मुझे लगता है कि कांग्रेस को विपक्षी दल का नेता न बनने के लिए तैयार रहना चाहिए. जो भी नेता बनना चाहता है, उसे बनने दें. ममता बनर्जी में योग्यता है... गठबंधन में अन्य लोगों में योग्यता है. इसलिए, मुझे परवाह नहीं है कि कौन नेता बनता है क्योंकि मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस नेता की स्थिति हमेशा एक प्रमुख स्थान पर रहेगी'.
सलाह है कांग्रेस माने या न माने उसकी मर्जी...
अय्यर ने कहा, 'यह जरूरी नहीं है कि ऐसा केवल एक ही स्थान पर हो. कांग्रेस ब्लॉक की अगुवाई नहीं करती तो भी भारत के विपक्षी दल में उसका प्रमुख स्थान ही रहेगा. अगर ऐसा हुआ तो मुझे यकीन है कि राहुल (गांधी) को गठबंधन के अध्यक्ष के रूप में जितना सम्मान दिया जाएगा, उससे कहीं अधिक सम्मान दिया जाएगा.'
ए मेवरिक इन पॉलिटिक्स- पार्ट-2
83 साल के अय्यर की आत्मकथा ए मेवरिक इन पॉलिटिक्स (A Maverick in Politics: 1991-2024 Mani Shankar Aiyar) का दूसरा खंड हाल ही में प्रकाशित हुआ है. इस टिप्पणी के मायनों की बात करें तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की ये टिप्पणी पिछले साल बीजेपी की मजबूत चुनावी मशीनरी का मुकाबला करने के लिए बने विपक्षी गुट के भीतर नेतृत्व को लेकर जारी संघर्ष की पृष्ठभूमि में आई है. इसे लेकर तमाम राजनेता और जनता अपने विचार रख रहे हैं.